ETV Bharat / state

गोरखपुरः रवि द्विवेदी ने की निर्माणाधीन चिड़ियाघर में बोनसाई वाटिका के लिए जमीन की मांग - बोनसाई बाबा

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बोनसाई पौधों की बगिया लगाने वाले रवि द्विवेदी ने एक बार फिर लोगों से जल और जीवन के संरक्षण के लिए पौधों को लगाए जाने के लिए आगे आने की अपील की है. पूरे गोरखपुर क्षेत्र में 'बोनसाई बाबा' के नाम से मशहूर रवि द्विवेदी एक बैंककर्मी हैं.

निर्माणाधीन चिड़ियाघर में बोनसाई वाटिका के लिए जमीन की मांग.
author img

By

Published : Aug 26, 2019, 12:02 PM IST

गोरखपुरः बोनसाई बाबा के नाम से मशहूर रवि द्विवेदी ने एक बार फिर लोगों से पौधे लगाने की अपील किया है. उन्होंने कहा कि पौधे लगाए जाने से वातावरण जहां शुद्ध होगा वहीं जीवन भी शुद्धता को प्राप्त करेगा. उन्होंने कहा कि अगर पौधे नहीं लगाए जाएंगे तो जीवन पर तो संकट होगा ही आने वाले समय में लोगों को खरीदने पर भी भी पानी नहीं मिलेगा. रवि द्विवेदी के आंगन में करीब 400 प्रजाति के बोनसाई पौधे हैं जो अपने आप में एक अद्भुत नजारा पेश करता है.

निर्माणाधीन चिड़ियाघर में बोनसाई वाटिका के लिए जमीन की मांग.

रवि द्विवेदी खुद हैं बोनसाई पौधों के कर्ता-धर्ता
पूर्वांचल के क्षेत्र को बौद्ध परिपथ का क्षेत्र माना जाता है. रवि द्विवेदी का कहना है कि बौद्ध धर्म को मानने वाले देशों और लोगों में बोनसाई पौधों के प्रति बेहद आकर्षण है. वह इसे लगाना और संरक्षित करना भी जानते हैं. इसलिए इस क्षेत्र में एक बोनसाई की बगिया या बड़ी वाटिका होनी चाहिए जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बने.

उन्होंने कहा कि गोरखपुर में निर्माणाधीन चिड़ियाघर के बीच में अगर सरकार एक एकड़ जमीन बोनसाई वाटिका के लिए डेवलप करे, तो वह खुद इस को आगे बढ़ाने, उसमें पौधों को लगाने और कटिंग-क्राफ्टिंग तक में अपना पूरा सहयोग देंगे. आपको जानकर हैरानी होगी कि रवि द्विवेदी के बोनसाई बगिया में ना कोई माली आता है ना कोई खाद का एक्सपर्ट यह खुद ही इसके कर्ता-धर्ता हैं.

इसे भी पढ़ेंः- गोरखपुर: महिला सशक्तिकरण को लेकर छात्रों ने लोगों को किया जागरूक

रुद्राक्ष और रजनीगंधा के भी पौधे हैं उपलब्ध
बोनसाई के तरफ आकर्षण इनकी खुद की इच्छा थी जो बड़े ही लगन और समर्पण के साथ मौजूदा दौर में एक मिसाल बन चुकी है. शहर का कोई भी वीआईपी हो या फिर राजनेता, हर कोई इनकी बगिया को देखने जरूर पहुंचता है. क्योंकि जिन पौधों के बारे में लोग सुनते हैं देख नहीं पाते हैं वह सब यहां मिल जाता है.

रुद्राक्ष का पेड़ हो या फिर तेजपत्ता, नारियल, आडू हो या चीकू, अनार हो या बांस, तुलसी हो या पीपल, अमलतास हो या पनियाला, रजनीगंधा हो या गुड़हल यहां सब मिलता है. यहां कि खासियत ये है कि जो यहां आता है वह निराश होकर नहीं जाता. पौधे लगाने की प्रेरणा और सुखद जीवन के आनंद से भरकर जाता है.

गोरखपुरः बोनसाई बाबा के नाम से मशहूर रवि द्विवेदी ने एक बार फिर लोगों से पौधे लगाने की अपील किया है. उन्होंने कहा कि पौधे लगाए जाने से वातावरण जहां शुद्ध होगा वहीं जीवन भी शुद्धता को प्राप्त करेगा. उन्होंने कहा कि अगर पौधे नहीं लगाए जाएंगे तो जीवन पर तो संकट होगा ही आने वाले समय में लोगों को खरीदने पर भी भी पानी नहीं मिलेगा. रवि द्विवेदी के आंगन में करीब 400 प्रजाति के बोनसाई पौधे हैं जो अपने आप में एक अद्भुत नजारा पेश करता है.

निर्माणाधीन चिड़ियाघर में बोनसाई वाटिका के लिए जमीन की मांग.

रवि द्विवेदी खुद हैं बोनसाई पौधों के कर्ता-धर्ता
पूर्वांचल के क्षेत्र को बौद्ध परिपथ का क्षेत्र माना जाता है. रवि द्विवेदी का कहना है कि बौद्ध धर्म को मानने वाले देशों और लोगों में बोनसाई पौधों के प्रति बेहद आकर्षण है. वह इसे लगाना और संरक्षित करना भी जानते हैं. इसलिए इस क्षेत्र में एक बोनसाई की बगिया या बड़ी वाटिका होनी चाहिए जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बने.

उन्होंने कहा कि गोरखपुर में निर्माणाधीन चिड़ियाघर के बीच में अगर सरकार एक एकड़ जमीन बोनसाई वाटिका के लिए डेवलप करे, तो वह खुद इस को आगे बढ़ाने, उसमें पौधों को लगाने और कटिंग-क्राफ्टिंग तक में अपना पूरा सहयोग देंगे. आपको जानकर हैरानी होगी कि रवि द्विवेदी के बोनसाई बगिया में ना कोई माली आता है ना कोई खाद का एक्सपर्ट यह खुद ही इसके कर्ता-धर्ता हैं.

इसे भी पढ़ेंः- गोरखपुर: महिला सशक्तिकरण को लेकर छात्रों ने लोगों को किया जागरूक

रुद्राक्ष और रजनीगंधा के भी पौधे हैं उपलब्ध
बोनसाई के तरफ आकर्षण इनकी खुद की इच्छा थी जो बड़े ही लगन और समर्पण के साथ मौजूदा दौर में एक मिसाल बन चुकी है. शहर का कोई भी वीआईपी हो या फिर राजनेता, हर कोई इनकी बगिया को देखने जरूर पहुंचता है. क्योंकि जिन पौधों के बारे में लोग सुनते हैं देख नहीं पाते हैं वह सब यहां मिल जाता है.

रुद्राक्ष का पेड़ हो या फिर तेजपत्ता, नारियल, आडू हो या चीकू, अनार हो या बांस, तुलसी हो या पीपल, अमलतास हो या पनियाला, रजनीगंधा हो या गुड़हल यहां सब मिलता है. यहां कि खासियत ये है कि जो यहां आता है वह निराश होकर नहीं जाता. पौधे लगाने की प्रेरणा और सुखद जीवन के आनंद से भरकर जाता है.

Intro:गोरखपुर। बोनसाई पौधों की बगिया लगाने वाले और पूरे गोरखपुर क्षेत्र में 'बोनसाई बाबा' के नाम से मशहूर बैंककर्मी रवि द्विवेदी ने एक बार फिर लोगों से जल और जीवन के संरक्षण के लिए पौधों को लगाए जाने के लिए आगे आने की अपील किया है। उन्होंने कहा है कि इसके लगाए जाने से वातावरण जहां शुद्ध होगा तो जीवन भी शुद्धता को प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि अगर पौधे नहीं लगाए जाएंगे तो आने वाले समय में लोगों के लिए पानी खरीदकर पीना भी मुश्किल होगा, जीवन पर तो संकट होगा ही। रवि द्विवेदी के आंगन में करीब 400 प्रजाति के बोनसाई पौधे हैं जो अपने आप में एक अद्भुत नजारा पेश करता है।


Body:यही नहीं पूर्वांचल के क्षेत्र को बौद्ध परिपथ का क्षेत्र माना जाता है। रवि द्विवेदी का कहना है कि बौद्ध धर्म को मानने वाले देशों और लोगों में बोनसाई पौधों के प्रति बेहद आकर्षण है। वह इसे लगाना और संरक्षित करना भी जानते हैं। इसलिए इस क्षेत्र में एक बोनसाई की बगिया या बड़ी वाटिका होनी चाहिए जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बने। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में निर्माणाधीन चिड़ियाघर के बीच में अगर सरकार 1 एकड़ जमीन बोनसाई वाटिका के लिए डेवलप करें तो वह खुद इस को आगे बढ़ाने, उसमें पौधों को लगाने और कटिंग-क्राफ्टिंग तक में अपना पूरा सहयोग देंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि रवि द्विवेदी के बोनसाई बगिया में ना कोई माली आता है ना कोई खाद का एक्सपर्ट यह खुद ही इसके कर्ता-धर्ता है।

बाइट--रवि द्विवेदी, बोनसाई वाटिका के सृजन करता


Conclusion:बोनसाई के तरफ आकर्षण इनकी खुद की इच्छा थी जो बड़े ही लगन और समर्पण के साथ मौजूदा दौर में एक मिसाल बन चुकी है। शहर का कोई भी वीआईपी हो या फिर राजनेता, हर कोई इनकी बगिया को देखने जरूर पहुंचता है। क्योंकि जिन पौधों के बारे में लोग सुनते हैं देख नहीं पाते हैं वह सब यहां मिल जाता है। रुद्राक्ष का पेड़ हो या फिर तेजपत्ता, नारियल, आडू हो या चीकू, अनार हो या बांस, तुलसी हो या पीपल, अमलतास हो या पनियाला, रजनीगंधा हो या गुड़हल यह सब यहां मिलता है यहाँ। और खासियत इस बात की जो यहां आता है वह निराश होकर नहीं जाता। पौधे लगाने की प्रेरणा और सुखद जीवन के आनंद से भरकर जाता है।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
9415875724
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.