गोरखपुरः पूर्वांचल चीनी मिल मजदूर यूनियन के बैनर तले दर्जनों मजदूरों ने प्रदर्शन किया. नव निर्मित पिपराइच चीनी मिल परिसर में हंगामा कर अपने समायोजन की मांग उठाई. प्रधान प्रबंधक जितेन्द्र श्रीवास्तव ने सभी मजदूरों को शांत कराया. जिसमें बंद चीनी मिलों के वीआरएस प्राप्त कर्मचारियों को उपयोगिता के आधार पर 65 वर्ष की आयु तक अस्थायी संविदा पर समायोजित किया जाएगा. श्रमिकों ने उत्तर प्रदेश चीनी एंव गन्ना विकास निगम लखनऊ के नाम एक ज्ञापन प्रधान प्रबंधक को सौंपा.
जानें क्या है पूरा मामला-
- गोरखपुर पिपराइच चीनी मिल में मांगों को लेकर मजदूरों ने किया हंगामा.
- बंद चीनी मिलों के बीआरएस प्राप्त कर्मचारियों को अस्थायी करने की मांग की है
- उपयोगिता के आधार पर 65 वर्ष की आयु तक अस्थायी संविदा पर समायोजित किया जाएगा.
- मिल मजदूर यूनियन के बैनर तले मजदूरों ने मांगों को लेकर हंगामा किया है.
- संघर्ष समिति के संयोजक रविशंकर सिंह सहित कई लोग मौजूद रहे.
- हंगामे के बाद तत्कालीन प्रबंध निदेशक विमल कुमार और मजदूर यूनियन में समझौता हुआ.
इस संघर्ष समिति के संयोजक रविशंकर सिंह, हनुमान, तेज प्रताप, दीनानाथ सहित उनके साथियों ने बताया कि हम लोग पुरानी चीनी मिल के कर्मचारी और उनके परिवार का हिस्सा हैं. हम लोगों ने पुरानी चीनी मिल को अपने जीवन का अमुल्य समय दिया है. सपा-बसपा की सरकार में पूर्वांचल के पिपराइच सहित कई चीनी मिलों को बन्द कर दिया. मिलों में काम करने वालों को जबरन सेवा निवृत्त कर दिया गया. प्रदेश में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो पिपराइच में चीनी मिल का नये सिरे से निर्माण शुरु हुआ तो पुनः जीवन में एक आस जगी. लेकिन आज हम लोगों की दरकिनार करके बाहरी लोगों को समायोजित करने का श्रमिकों ने आरोप लगाते हुए हंगामा भी किया.