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विश्व में एक तिहाई कैंसर तंबाकू के प्रयोग से होते हैं: केजीएमयू कुलपति

केजीएमयू के कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने बुधवार को गोरखपुर में ईटीवी भारत से खास बातचीत की. डॉ. एमएलबी भट्ट ने बातचीत में कहा कि विश्व में एक तिहाई कैंसर तंबाकू के प्रयोग से होते हैं.

केजीएमयू कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट.
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Published : Oct 3, 2019, 7:51 AM IST

Updated : Oct 3, 2019, 8:44 AM IST

गोरखपुर: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने बुधवार को गोरखपुर में ईटीवी भारत से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान डॉ. एमएलबी भट्ट ने बताया कि विश्व में एक तिहाई कैंसर तंबाकू के प्रयोग से होते हैं. इसकी रोकथाम के लिए तंबाकू के प्रयोग पर रोक लगना जरूरी है.

केजीएमयू कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट.

बुरी आदतों में सुधार कर ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है कम
खानपान की जीवन शैली, तंबाकू और अल्कोहल का प्रयोग, वसायुक्त भोजन और शारीरिक श्रम न करने से भी कैंसर का रोग बढ़ रहा है. देर से विवाह होना, प्रसव का भी देर से होना और स्तनपान न कराने की आदत से महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हो रही हैं. महिलाएं अपनी दिनचर्या और आदत में सुधार करके ब्रेस्ट कैंसर को नियंत्रित कर सकती हैं.

गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर के लिए महंगी वैक्सीन भी उपलब्ध है. कैंसर की चपेट में न आने के लिए महिलाओं को बुरी आदतों से बचना चाहिए. अगर 9 से 26 वर्ष तक की महिलाओं को यह वैक्सीन लगाने का कार्य प्रारंभ कर दिया जाए तो गर्भाशय और ब्रेस्ट के कैंसर से बचा जा सकता है.

अपने देश में डॉक्टरों की बेतहाशा कमी है. विश्व में डॉक्टरों के मानक के आधे डॉक्टर भारत में मौजूद हैं. प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ाई जा रही है जिससे आने वाले समय में डॉक्टरों की अधिक संख्या तैयार की जा सकती है.

प्रतिवर्ष 75 हजार डॉक्टर देश में तैयार हो रहे हैं जो आने वाले समय में एक लाख की संख्या को पार कर जाएंगे. महिलाओं को जागरूक करने वाली बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब बच्चों को जन्म देने और उन्हें स्तनपान कराने से महिलाओं का जीवन सुखद और सुरक्षित होगा.
इसे भी पढ़ें:- गोरखपुर: संशोधित बिजली का बिल हुआ एक करोड़ से 770 रुपये

गोरखपुर: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने बुधवार को गोरखपुर में ईटीवी भारत से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान डॉ. एमएलबी भट्ट ने बताया कि विश्व में एक तिहाई कैंसर तंबाकू के प्रयोग से होते हैं. इसकी रोकथाम के लिए तंबाकू के प्रयोग पर रोक लगना जरूरी है.

केजीएमयू कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट.

बुरी आदतों में सुधार कर ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है कम
खानपान की जीवन शैली, तंबाकू और अल्कोहल का प्रयोग, वसायुक्त भोजन और शारीरिक श्रम न करने से भी कैंसर का रोग बढ़ रहा है. देर से विवाह होना, प्रसव का भी देर से होना और स्तनपान न कराने की आदत से महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हो रही हैं. महिलाएं अपनी दिनचर्या और आदत में सुधार करके ब्रेस्ट कैंसर को नियंत्रित कर सकती हैं.

गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर के लिए महंगी वैक्सीन भी उपलब्ध है. कैंसर की चपेट में न आने के लिए महिलाओं को बुरी आदतों से बचना चाहिए. अगर 9 से 26 वर्ष तक की महिलाओं को यह वैक्सीन लगाने का कार्य प्रारंभ कर दिया जाए तो गर्भाशय और ब्रेस्ट के कैंसर से बचा जा सकता है.

अपने देश में डॉक्टरों की बेतहाशा कमी है. विश्व में डॉक्टरों के मानक के आधे डॉक्टर भारत में मौजूद हैं. प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ाई जा रही है जिससे आने वाले समय में डॉक्टरों की अधिक संख्या तैयार की जा सकती है.

प्रतिवर्ष 75 हजार डॉक्टर देश में तैयार हो रहे हैं जो आने वाले समय में एक लाख की संख्या को पार कर जाएंगे. महिलाओं को जागरूक करने वाली बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब बच्चों को जन्म देने और उन्हें स्तनपान कराने से महिलाओं का जीवन सुखद और सुरक्षित होगा.
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Intro:गोरखपुर। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर एमएलबी भट्ट ने बुधवार को गोरखपुर में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि कैंसर पूरे विश्व में महामारी की तरह फैल रहा है और भारत में तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी काफी तेजी के साथ बढ़ रही है उन्होंने कहा कि इसके पीछे महिलाओं का परिवार और घर के सदस्यों के साथ अपनी समस्याओं के संदर्भ में खुलकर बातें ना करना भी प्रमुख वजह है उन्होंने कहा कि सही समय पर इसका इलाज हो जाए तो 70% मरीजों को ठीक किया जा सकता है।


Body:उन्होंने कहा कि खानपान की जीवन शैली, तंबाकू और अल्कोहल का प्रयोग, वसायुक्त भोजन और शारीरिक श्रम न करने से भी कैंसर का रोग बढ़ रहा है। उन्होंने महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि देर से विवाह का होना, प्रसव का भी देर से होना और स्तनपान न कराने की आदत से महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हो रही हैं। महिलाएं अपने दिनचर्या और आदत में सुधार करके इसे नियंत्रित कर सकती हैं। डॉक्टर भट्ट ने कहा कि गर्भाशय- ग्रीवा कैंसर के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध है पर यह बहुत महंगा है। इसलिए बुरी आदतों से बचना चाहिए जिससे कैंसर की चपेट में महिलाएं न आए। उन्होंने कहा कि अगर 9 से 26 वर्ष तक की महिलाओं को यह वैक्सीन लगाने का कार्य प्रारंभ कर दिया जाए तो गर्भाशय और ब्रेस्ट के कैंसर से बचा जा सकता है।

इंटरवियू--डॉ एमएलबी भट्ट, कुलपति, केजीएमयू


Conclusion:इस दौरान उन्होंने कहा कि अपने देश में डॉक्टरों की बेतहाशा कमी है। विश्व में डॉक्टरों का जो मानक है उसके आधे डॉक्टर भारत में मौजूद हैं। उन्होंने यूपी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ाई जा रही है जिससे आने वाले समय में डॉक्टरों की अधिक संख्या तैयार की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष 75 हजार डॉक्टर देश में तैयार हो रहे हैं जो आने वाले समय में एक लाख की संख्या को पार कर जाएंगे। उन्होंने एक बार फिर महिलाओं को जागरूक होने की बात कही। उन्होंने कहा कि बच्चों को जन्म देने और उन्हें स्तनपान कराने से महिलाओं का जीवन सुखद और सुरक्षित होगा।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
9415875724
Last Updated : Oct 3, 2019, 8:44 AM IST
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