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गोरखपुर: जय प्रकाश निषाद होंगे बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार

यूपी में होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी ने जय प्रकाश निषाद को अपना उम्मीदवार बनाया है. जय प्रकाश ने 2018 में सीएम योगी की मौजूदगी में बीजेपी ज्वॉइन किया. इसके साथ ही इन्होंने पार्टी में अपनी सक्रियता बढ़ा दी.

जय प्रकाश निषाद ने लिया गोरखनाथ का आशीर्वाद
जय प्रकाश निषाद ने लिया बाबा गोरखनाथ का आशीर्वाद.
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Published : Aug 12, 2020, 9:24 AM IST

Updated : Aug 12, 2020, 10:59 AM IST

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश की एकमात्र सीट के लिए होने जा रहे राज्यसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने गोरखपुर के जयप्रकाश निषाद को अपना उम्मीदवार बनाया है. जयप्रकाश पूर्वांचल में एक जाने पहचाने चेहरे हैं. निषाद बिरादरी में इनकी एक साफ-सुथरी और सुलझे व्यक्तित्व के रूप में पहचान है. भाजपा से पहले जयप्रकाश हालांकि बहुजन समाज पार्टी की राजनीति में सक्रिय थे. वह 2012 के विधानसभा चुनाव में चौरी-चौरा विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर विधायक बने थे. इसके पहले वह मायावती सरकार में बिना विधायक रहे 2008 में राज्यमंत्री बनाये गए थे. इसके पहले भी जयप्रकाश 2007 में मनीराम विधानसभा से चुनाव लड़ चुके थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में इन्हें चौरी-चौरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार संगीता यादव से हार मिली थी. लेकिन 2018 में इन्होंने सीएम योगी की मौजूदगी में बीजेपी ज्वॉइन कर लिया और इसके साथ ही इन्होंने पार्टी में अपनी सक्रियता बढ़ा दी.

इनके काम को देखते हुए ही इन्हें गोरखपुर क्षेत्र का उपाध्यक्ष बनाया गया.वहीं पूर्वांचल विकास बोर्ड में भी बतौर सदस्य सीएम योगी ने इन्हें नामित किया. अब राज्यसभा के लिए यह पार्टी में टिकट के लिए दावेदारी में जुटे हुए तमाम लोगों को पीछे छोड़ते हुए राज्यसभा के उम्मीदवार बनाए गए हैं. इससे बीजेपी ने कई तरह के संदेश देने का काम किया है, जहां इससे निषादों के बीच भाजपा एक बड़ा संदेश देने का काम करेगी, वहीं नया समीकरण बनाने में भी पार्टी कारगर होगी.

पूर्वांचल में और खासकर गोरखपुर में निषाद बिरादरी का विशेष महत्व है. इनके वोटों के सहारे ही गोरखपुर के लोकसभा सीट का भविष्य तय होता है. कई विधानसभा सीटों पर भी यह बड़ा असर डालते हैं. सीएम योगी ने जब गोरखपुर से लोकसभा सीट खाली की थी और फिर उपचुनाव हुआ था तो समाजवादी पार्टी के इंजीनियर प्रवीण निषाद यहां से विजयी हो गए और भाजपा उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ला हार गए थे.

इससे कहीं न कहीं भाजपा को लगा कि निषाद वोटों को सहेजने में उससे चूक हुई. इसके बाद सरकार और पार्टी ने निषादों की ओर सक्रियता बढ़ा दी, जिसके क्रम में रामाकांत निषाद को मत्स्य निगम का अध्यक्ष, पार्टी में युवा मोर्चा का जिला अध्यक्ष निषाद और अब जय प्रकाश निषाद को राज्यसभा का टिकट देकर निषादों को अच्छा अवसर दिया.

ईटीवी भारत से बातचीत में जयप्रकाश निषाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पार्टी मुखिया के भरोसे का यह परिणाम है, जिस पर वह हर हाल में खरा उतरने की कोशिश करेंगे. गोरखपुर में सीएम योगी की मौजूदगी के दौरान उनके टिकट की घोषणा हुई. इस दौरान योगी आदित्यनाथ का भी गोरखपुर दौरा हो गया. देर रात गोरखनाथ मंदिर जाकर जयप्रकाश निषाद ने बाबा गोरखनाथ और सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. वह गुरुवार को अपना पर्चा दाखिल करेंगे. वह कहते हैं कि निषादों की एकजुटता का परिणाम है कि पहली बार निषाद समाज से किसी को राज्यसभा का टिकट मिला है. वह समाज के लिए काम करते हैं और करते रहेंगे. लेकिन पार्टी ने उनपर जो भरोसा जताया है, उसके लिए वह ताउम्र ऋणि रहेंगे.

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश की एकमात्र सीट के लिए होने जा रहे राज्यसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने गोरखपुर के जयप्रकाश निषाद को अपना उम्मीदवार बनाया है. जयप्रकाश पूर्वांचल में एक जाने पहचाने चेहरे हैं. निषाद बिरादरी में इनकी एक साफ-सुथरी और सुलझे व्यक्तित्व के रूप में पहचान है. भाजपा से पहले जयप्रकाश हालांकि बहुजन समाज पार्टी की राजनीति में सक्रिय थे. वह 2012 के विधानसभा चुनाव में चौरी-चौरा विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर विधायक बने थे. इसके पहले वह मायावती सरकार में बिना विधायक रहे 2008 में राज्यमंत्री बनाये गए थे. इसके पहले भी जयप्रकाश 2007 में मनीराम विधानसभा से चुनाव लड़ चुके थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में इन्हें चौरी-चौरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार संगीता यादव से हार मिली थी. लेकिन 2018 में इन्होंने सीएम योगी की मौजूदगी में बीजेपी ज्वॉइन कर लिया और इसके साथ ही इन्होंने पार्टी में अपनी सक्रियता बढ़ा दी.

इनके काम को देखते हुए ही इन्हें गोरखपुर क्षेत्र का उपाध्यक्ष बनाया गया.वहीं पूर्वांचल विकास बोर्ड में भी बतौर सदस्य सीएम योगी ने इन्हें नामित किया. अब राज्यसभा के लिए यह पार्टी में टिकट के लिए दावेदारी में जुटे हुए तमाम लोगों को पीछे छोड़ते हुए राज्यसभा के उम्मीदवार बनाए गए हैं. इससे बीजेपी ने कई तरह के संदेश देने का काम किया है, जहां इससे निषादों के बीच भाजपा एक बड़ा संदेश देने का काम करेगी, वहीं नया समीकरण बनाने में भी पार्टी कारगर होगी.

पूर्वांचल में और खासकर गोरखपुर में निषाद बिरादरी का विशेष महत्व है. इनके वोटों के सहारे ही गोरखपुर के लोकसभा सीट का भविष्य तय होता है. कई विधानसभा सीटों पर भी यह बड़ा असर डालते हैं. सीएम योगी ने जब गोरखपुर से लोकसभा सीट खाली की थी और फिर उपचुनाव हुआ था तो समाजवादी पार्टी के इंजीनियर प्रवीण निषाद यहां से विजयी हो गए और भाजपा उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ला हार गए थे.

इससे कहीं न कहीं भाजपा को लगा कि निषाद वोटों को सहेजने में उससे चूक हुई. इसके बाद सरकार और पार्टी ने निषादों की ओर सक्रियता बढ़ा दी, जिसके क्रम में रामाकांत निषाद को मत्स्य निगम का अध्यक्ष, पार्टी में युवा मोर्चा का जिला अध्यक्ष निषाद और अब जय प्रकाश निषाद को राज्यसभा का टिकट देकर निषादों को अच्छा अवसर दिया.

ईटीवी भारत से बातचीत में जयप्रकाश निषाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पार्टी मुखिया के भरोसे का यह परिणाम है, जिस पर वह हर हाल में खरा उतरने की कोशिश करेंगे. गोरखपुर में सीएम योगी की मौजूदगी के दौरान उनके टिकट की घोषणा हुई. इस दौरान योगी आदित्यनाथ का भी गोरखपुर दौरा हो गया. देर रात गोरखनाथ मंदिर जाकर जयप्रकाश निषाद ने बाबा गोरखनाथ और सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. वह गुरुवार को अपना पर्चा दाखिल करेंगे. वह कहते हैं कि निषादों की एकजुटता का परिणाम है कि पहली बार निषाद समाज से किसी को राज्यसभा का टिकट मिला है. वह समाज के लिए काम करते हैं और करते रहेंगे. लेकिन पार्टी ने उनपर जो भरोसा जताया है, उसके लिए वह ताउम्र ऋणि रहेंगे.

Last Updated : Aug 12, 2020, 10:59 AM IST
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