गोरखपुर: बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी गीडा गोरखपुर के चतुर्थ वर्ष के पांच छात्रों ने मिलकर एक ऐसा उपकरण बनाया है, जो किसानों के खेतो को जंगली जानवरों से बचाएगा. यह उपकरण कॉलेज के रिसर्च कॉर्डिनेटर अमरीश तिवारी के नेतृत्व में बनाया गया हैं. जो IOT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) की तकनीक पर काम करेगा. यह एक ऐसी तकनीक है, जो हमें एक निष्क्रिय वस्तु (उदाहरण के लिए: वाहन, संयंत्र इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, छत, प्रकाश व्यवस्था, आदि) में एक उपकरण जोड़ने की अनुमति देती है, जो पर्यावरण के मापदंडों को माप सकता है. संबंधित डेटा उत्पन्न कर सकता है और संचार के माध्यम से उन्हें प्रसारित कर सकता है. इस तकनीक पर आधारित निर्मित यह यंत्र रावतपार सरिया गांव में एक खेत में इस प्रोजेक्ट की सफलता तय करने के लिए स्थापित किया गया हैं, जो पूरी तरह सफल है.
यह किसानो के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध हो रहा हैं. यह उपकरण पूरी तरह से स्वचालित हैं. कोई भी पशु या जंगली जानवर जो की खेत में घुसने की कोशिश करता या फिर उसे क्षति पहुंचता तो इस उपकरण में लगा कैमरा उसे डिटेक्ट करते हैं. स्वतः ध्वनि उत्पन्न करते है. इससे किसानों के फोन पे एक सूचना पहुंचती है. साथ ही साथ वह अपने खेत का सीधा प्रसारण भी अपने फोन पे ही देख सकता हैं. यह उपकरण एक बार चार्ज होने के बाद लगभग 5 घण्टे चलता हैं. लेकिन सोलर पैनेल्स लगे होने की वजह से इसकी बैटरी स्वतः चार्ज होती हैं और हम इसे 24 घंटे चला सकते.
बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बीटेक के चतुर्थ वर्ष के पांच छात्र और छात्रा हर्ष कुमार मिश्रा, अवंतिका सिंह, शिवम कुमार चौरसिया, आयुष गुप्ता, आदित्य कसौधान ने मिल कर इसे तैयार किया है, जो किसानों के खेतो को जंगली जानवरों जैसे नीलगाय, जंगली सुअर, बकरी, गाय, भैंस आदि से सुरक्षा प्रदान करेगा. यह उपकरण रिसर्च कॉर्डिनेटर अमरीश तिवारी के नेतृत्व में बनाया गया हैं. बुद्धा कॉलेज के निदेशक डॉ. अरविंद कुमार पाण्डेय ने बताया कि उनके कॉलेज में एक इनोवेशन सेल है, जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रोजेक्ट्स का अविष्कार और नवाचार हो रहा हैं. इस प्रोजेक्ट को बनाने में भी एक महीने का समय लगा है. लेकिन यह वास्तव में खेती को जानवरों से हो रहे नुकसान से बचाने में बड़ा ही कारगर है.
शोध निर्देशक अमरीश तिवारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में लगे हुए कैमरे को वह भविष्य में 360 डिग्री कोण पर घूमने लायक भी बनाएंगे, जिससे यह खेत में चारों तरफ की गतिविधियों को कवर कर सके. इस कैमरे में दो एलसीडी मॉनिटर भी लगे हैं. इसमें लगे सेंसर यह बताएंगे कि खेत में कितनी नमी उत्पन्न है. जिसके आधार पर किसान को यह बताया जा सकेगा कि किन परिस्थितियों में कितने खाद बीज की आवश्यकता खेत को और पानी की है, जिससे उसका उत्पादन भी बढ़ेगा और नुकसान नहीं होगा.
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