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गोरखपुर में बारिश से बेहाल हुआ प्राथमिक विद्यालयों का हाल - बारिश के मौसम में प्राथमिक विद्यालयों का हाल बेहाल

यूपी के गोरखपुर जिले में बारिश के चलते प्राथमिक विद्यालयों का हाल बेहाल है. हालत यह है कि स्कूल की शिक्षिकाएं छत पर बांस-बल्ली लगाकर कार्यालय का काम कर रही हैं.

बारिश के मौसम में प्राथमिक विद्यालयों का हाल बेहाल.
बारिश के मौसम में प्राथमिक विद्यालयों का हाल बेहाल.
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Published : Sep 25, 2020, 5:40 PM IST

गोरखपुर: जिले में प्राथमिक विद्यालयों की हालत बारिश में कुछ ज्यादा ही बेहाल हो चली है. इसकी बानगी खोराबार इलाके स्थित पूर्व माध्यमिक स्कूल झरवां की तस्वीरें बयां कर रही हैं. हालत यह है कि स्कूल की शिक्षिकाएं छत पर बांस-बल्ली लगाकर ऑफिस के रिकॉर्ड्स की लिखा-पढ़ी का कार्य कर रही हैं. वहीं इसके बाद भी इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

जानकारी देते अध्यापिका.

जिले के खोराबार इलाके का पूर्व माध्यमिक स्कूल झरवां जुलाई से ही पानी में डूबा हुआ है. क्लासरूम में भी 7 फिट तक पानी भरा हुआ है. गनीमत है कि स्कूल का नाम और छत अभी भी सुरक्षित है, जिस पर बल्ली लगाकर स्कूल के टीचर दफ्तर की फाइलों को सुरक्षित करने का काम कर रहे हैं. वहीं जब बारिश होती है तो टीचर बगल में प्लास्टिक के छज्जे का सहारा लेकर अपना काम करने लगते हैं.

स्कूल की बाउंड्री में भरे पानी में आस-पास के बच्चे मछली पकड़ते दिखाई पड़ते हैं. यहां नौकरी कर रहे शिक्षक अमन ने बताया कि हर साल ही बारिश के मौसम में ऐसी समस्या पैदा होती है. इसके चलते दूसरी जगह पर कमरा लेकर बच्चों को पढ़ाना पड़ता है. साथ ही बताया कि भारी बारिश से विद्यालय के आसपास कूड़े का ढेर लग जाता है, जिससे काफी बदबू आती है और बच्चों को पढ़ाना दुभर हो जाता है.

गोरखपुर: जिले में प्राथमिक विद्यालयों की हालत बारिश में कुछ ज्यादा ही बेहाल हो चली है. इसकी बानगी खोराबार इलाके स्थित पूर्व माध्यमिक स्कूल झरवां की तस्वीरें बयां कर रही हैं. हालत यह है कि स्कूल की शिक्षिकाएं छत पर बांस-बल्ली लगाकर ऑफिस के रिकॉर्ड्स की लिखा-पढ़ी का कार्य कर रही हैं. वहीं इसके बाद भी इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

जानकारी देते अध्यापिका.

जिले के खोराबार इलाके का पूर्व माध्यमिक स्कूल झरवां जुलाई से ही पानी में डूबा हुआ है. क्लासरूम में भी 7 फिट तक पानी भरा हुआ है. गनीमत है कि स्कूल का नाम और छत अभी भी सुरक्षित है, जिस पर बल्ली लगाकर स्कूल के टीचर दफ्तर की फाइलों को सुरक्षित करने का काम कर रहे हैं. वहीं जब बारिश होती है तो टीचर बगल में प्लास्टिक के छज्जे का सहारा लेकर अपना काम करने लगते हैं.

स्कूल की बाउंड्री में भरे पानी में आस-पास के बच्चे मछली पकड़ते दिखाई पड़ते हैं. यहां नौकरी कर रहे शिक्षक अमन ने बताया कि हर साल ही बारिश के मौसम में ऐसी समस्या पैदा होती है. इसके चलते दूसरी जगह पर कमरा लेकर बच्चों को पढ़ाना पड़ता है. साथ ही बताया कि भारी बारिश से विद्यालय के आसपास कूड़े का ढेर लग जाता है, जिससे काफी बदबू आती है और बच्चों को पढ़ाना दुभर हो जाता है.

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