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बिजली के बकाया बिलों की वसूली में गोरखपुर फिसड्डी, सरकारी दफ्तरों 23 करोड़ बाकी - बिजली बिल के वसूली

गोरखपुर मंडल में बिजली बिल का बकाया वसूली करने विभाग में फिसड्डी साबित हो रहा है. बीते एक साल में बिजली बिल के बकाया वसूली का लक्ष्य एक हजार करोड़ बढ़ गया है. 2023-24 में बिजली विभाग पर बकाया वसूलने का लक्ष्य 3590 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

Gorakhpur electricity department
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Published : Apr 5, 2023, 1:22 PM IST

Updated : Apr 5, 2023, 1:32 PM IST

गोरखपुर मंडल के मुख्य अभियंता आशु कालिया बकाया वसूली लक्ष्य बढ़ने का बताया कारण

गोरखपुरः सरकारी जमीन और सरकारी धन पर कब्जा करने वालों पर योगी सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है. लेकिन बिजली के बड़े बकायेदारों पर सरकार की सख्ती नाकाफी साबित हो रही है. सरकारी और निजी क्षेत्र के बड़े बकायदारों से वसूली कर पाने में विभाग फिसड्डी साबित हो रही है. नतीजन गोरखपुर मंडल में 2022-23 में वसूली का 2055 करोड़ 2023-24 में 3590 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. इसके साथ ही ये लक्ष्य धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है. वहीं, मंडल के अधिकारियों पर शासन का दबाव नए वित्तीय वर्ष में नए टारगेट के साथ बढ़ा है.

गोरखपुर मंडल के मुख्य अभियंता आशु कालिया ने बताया कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) और सरकर के बीच जो अनुबंध हुआ है. उसके आधार पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में वसूली का लक्ष्य 70% बढ़ा दिया गया है. रुपये में बात की जाये तो यह संख्या 3590 करोड़ होता है. इसके लिए मंडल स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों सभी को लगा दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस वसूली में उपभोक्ताओं को भी मदद करनी चाहिए, आगे आना चाहिए. क्योंकि, बकाया के रूप में उपभोक्ता हैं और वसूली की कार्रवाई सफल नहीं हो पाने में वही मूल वजह है.

मुख्य अभियंता के अनुसार, विभाग को कई तरह का संकट का सामना करना पड़ रहा है. राजस्व की वसूली विभागीय योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद करती है. करीब 500 करोड़ रुपये का एरियर का बकाया है. इसकी भी वसूली शत प्रतिशत कर ले जाने में विभाग जुटा है. ताकि, गोरखपुर का ग्राफ यूपीपीसीएल की नजर में बेहतर हो सके. उन्होंने माना कि निजी और सरकारी संस्थाएं बड़े बकायेदारों में शामिल हैं. इसकी वजह से राजस्व वसूली का टारगेट है, वह बढ़ गया है.

आशु कालिया ने बताया कि शहर के अधिकांश सरकारी कार्यालय बिजली के बड़े बकायेदारों की सूची में है. करीब 23 करोड़ रुपये इनके ऊपर बकाया है. सभी विभागों को पत्र भेज कर बिजली का बकाया समय से जमा करने को कहा गया था. लेकिन, यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है. विभागों की बात करें तो पुलिस विभाग, डीएम कार्यालय, कारागार, पर्यटन विभाग, शिक्षा विभाग, नलकूप, समाज कल्याण, औद्योगिक विकास, सिंचाई, जल निगम, गोरखपुर विश्वविद्यालय, नगर आयुक्त नगर निगम, चिड़ियाघर, आबकारी, मंडी समिति, पशुपालन समेत दर्जनों विभाग के नाम सूची में है.

उन्होंने कहा कि बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षागृह जहां पर सरकारी और निजी आयोजन बड़े स्तर पर हो रहे हैं. वहां पर भी 44 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया था. कनेक्शन भी काट दिया गया था. बावजूद इसके बकायेदार बिल जमा करने नहीं आ रहें. बिजली विभाग को वर्ष 2023-24 की राजस्व वसूली में 70% अतिरिक्त बोझ को सहन करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ेंः Railway News : स्टेशन पर टिकट लेने में यात्रियों को करनी पड़ रही जद्दोजहद, शोपीस बनी नई वेंडिंग मशीनें

गोरखपुर मंडल के मुख्य अभियंता आशु कालिया बकाया वसूली लक्ष्य बढ़ने का बताया कारण

गोरखपुरः सरकारी जमीन और सरकारी धन पर कब्जा करने वालों पर योगी सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है. लेकिन बिजली के बड़े बकायेदारों पर सरकार की सख्ती नाकाफी साबित हो रही है. सरकारी और निजी क्षेत्र के बड़े बकायदारों से वसूली कर पाने में विभाग फिसड्डी साबित हो रही है. नतीजन गोरखपुर मंडल में 2022-23 में वसूली का 2055 करोड़ 2023-24 में 3590 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. इसके साथ ही ये लक्ष्य धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है. वहीं, मंडल के अधिकारियों पर शासन का दबाव नए वित्तीय वर्ष में नए टारगेट के साथ बढ़ा है.

गोरखपुर मंडल के मुख्य अभियंता आशु कालिया ने बताया कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) और सरकर के बीच जो अनुबंध हुआ है. उसके आधार पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में वसूली का लक्ष्य 70% बढ़ा दिया गया है. रुपये में बात की जाये तो यह संख्या 3590 करोड़ होता है. इसके लिए मंडल स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों सभी को लगा दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस वसूली में उपभोक्ताओं को भी मदद करनी चाहिए, आगे आना चाहिए. क्योंकि, बकाया के रूप में उपभोक्ता हैं और वसूली की कार्रवाई सफल नहीं हो पाने में वही मूल वजह है.

मुख्य अभियंता के अनुसार, विभाग को कई तरह का संकट का सामना करना पड़ रहा है. राजस्व की वसूली विभागीय योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद करती है. करीब 500 करोड़ रुपये का एरियर का बकाया है. इसकी भी वसूली शत प्रतिशत कर ले जाने में विभाग जुटा है. ताकि, गोरखपुर का ग्राफ यूपीपीसीएल की नजर में बेहतर हो सके. उन्होंने माना कि निजी और सरकारी संस्थाएं बड़े बकायेदारों में शामिल हैं. इसकी वजह से राजस्व वसूली का टारगेट है, वह बढ़ गया है.

आशु कालिया ने बताया कि शहर के अधिकांश सरकारी कार्यालय बिजली के बड़े बकायेदारों की सूची में है. करीब 23 करोड़ रुपये इनके ऊपर बकाया है. सभी विभागों को पत्र भेज कर बिजली का बकाया समय से जमा करने को कहा गया था. लेकिन, यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है. विभागों की बात करें तो पुलिस विभाग, डीएम कार्यालय, कारागार, पर्यटन विभाग, शिक्षा विभाग, नलकूप, समाज कल्याण, औद्योगिक विकास, सिंचाई, जल निगम, गोरखपुर विश्वविद्यालय, नगर आयुक्त नगर निगम, चिड़ियाघर, आबकारी, मंडी समिति, पशुपालन समेत दर्जनों विभाग के नाम सूची में है.

उन्होंने कहा कि बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षागृह जहां पर सरकारी और निजी आयोजन बड़े स्तर पर हो रहे हैं. वहां पर भी 44 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया था. कनेक्शन भी काट दिया गया था. बावजूद इसके बकायेदार बिल जमा करने नहीं आ रहें. बिजली विभाग को वर्ष 2023-24 की राजस्व वसूली में 70% अतिरिक्त बोझ को सहन करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ेंः Railway News : स्टेशन पर टिकट लेने में यात्रियों को करनी पड़ रही जद्दोजहद, शोपीस बनी नई वेंडिंग मशीनें

Last Updated : Apr 5, 2023, 1:32 PM IST
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