गोरखपुर : गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी देने पर जिला प्रशासन की कार्रवाई से नाराज आईएमए के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें प्रकरण की जानकारी देने की बात कही है. वहीं मंडलायुक्त ने सीएमओ से फोन पर मामले की जानकारी ली और आईएमए के पदाधिकारियों को बुलाकर दोषी डॉक्टरों के पक्ष के बारे में जाना. इस दौरान आईएमए सचिव डॉ बीएन अग्रवाल, मीडिया प्रभारी डॉ अमित मिश्रा, डॉक्टर आरके त्रिपाठी, डॉक्टर अरुणा छपरिया, डॉक्टर मधु गुलाटी सहित बड़ी संख्या में डॉक्टर मौजूद रहे.
सीतापुर आई हॉस्पिटल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव ने जिला प्रशासन द्वारा जनपद के चार अल्ट्रासाउंड सेंटरों को सील किए जाने व डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज किए जाने के विरोध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने की बात कही है. वहीं आईएमए के पदाधिकारियों ने कहा है कि 2 दिनों के अंदर अगर सील नहीं खोले जाते तो आईएमए कार्य बहिष्कार करेगा.
उन्होंने कहा है कि जिला अधिकारी को मेडिकल से संबंधित बातों का ज्ञान नहीं है. उनकी कार्रवाई एक तरफा है, जिससे आईएमए के पदाधिकारियों में काफी रोष व्याप्त है. ऐसे में छोटी-छोटी बातों पर यदि सेंट्रो को सील किया जाएगा तो डॉक्टर सेवा देने में असमर्थ होंगे. यदि पीड़ित परिवार को कोई शिकायत है तो उसे फोरम में जाकर शिकायत करनी चाहिए थी और लापरवाही पर फोरम कार्रवाई करता. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा बिना डाक्टरों से बात किए हुए एकतरफा कार्रवाई करना नियम के खिलाफ है. उनका कहना था कि इस मामले में धारा 420 लगाना पूरी तरीके से न्याय संगत नहीं है. डॉक्टरों ने मामले में कोई जालसाजी नहीं की है. वहीं मशीन सही जानकारी दे यह सही नहीं है. ऐसे में मेडिकल की किताबें और एक्सपर्ट बताते हैं कि केवल 12% संरचना का ही मशीन रिपोर्ट देता है. बाकी की 88% संरचना अनुभव के आधार पर बताई जाती है. आईएमए पदाधिकारी इन सारी बातों को मुख्यमंत्री के सम्मुख रखकर उचित कार्रवाई की मांग करेंगे.