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जानिए, यूपी में सबसे ज्यादा साक्षरता दर किस शहर की, सीएम के शहर गोरखपुर का कौन सा नंबर?

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Published : Jun 6, 2022, 3:55 PM IST

नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 में यूपी के कई शहरों की साक्षरता दर जारी की गई है. चलिए जानते हैं कि यूपी के किस शहर की साक्षरता दर सर्वाधिक है और सीएम योगी आदित्यनाथ के शहर का कौन सा स्थान है?

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यूपी में साक्षरता दर.

गोरखपुरः यूपी में साक्षरता की दर अभी भी बेहतर दिखाई नहीं दे रही है. देशभर के एजुकेशन सिस्टम को परखने के लिए कराए गए "नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021" में कुछ ऐसे ही आंकड़े निकल कर सामने आए हैं. यह सर्वे कक्षा तीन, पांच, आठ और दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों और टीचर के साथ कराया गया था.

इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर गोरखपुर सातवें पायदान पर और बरेली 58.49% की साक्षरता दर से नौंवे स्थान पर है. सर्वे में सामने आया है कि छात्रों का औसत प्रदर्शन लगातार गिर रहा है. तीसरी कक्षा की लर्निंग स्किल दसवीं तक पहुंचते-पहुंचते काफी घट जा रही है.

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यूपी में साक्षरता दर.

स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने यह रिपोर्ट नवंबर 2021 में कराए गए नेशनल अचीवमेंट सर्वे के आधार पर जारी की है. इस प्रकार का सर्वे हर 3 साल में देश में होता है. इसे फिर 2021 में कराया गया. फिलहाल सर्वे के जो नतीजे आए हैं वह अभिभावक और शिक्षक दोनों के लिए चिंता का विषय हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ नाथ का शहर गोरखपुर साक्षरता में यूपी में सातवें नंबर पर.

सर्वे में खुलासा हुआ है कि तीसरी क्लास के मैथ में जिस बच्चे के एवरेज नंबर 57 रहे वह पांचवीं में 44 और आठवीं में 36 हो गए. हाईस्कूल में प्रदर्शन 32 फीसदी पर आकर टिक गया. पढ़ाई का यह गिरता स्तर चिंताजनक है. वर्ष 2017 के सर्वे में जो बच्चों का प्रदर्शन था उसमें बढ़ोतरी होने के बजाय 2021 की रिपोर्ट में गिरावट दर्ज की गई. मैथ में बच्चों का 2017 में जो एवरेज स्कोर 64% था वह 2021 में घटकर 57% हो गया. इस विषय और आंकड़े पर शिक्षक कहते हैं कि कई तरह के माहौल इसके लिए जिम्मेदार हैं. चाहे वह पढ़ाई का माध्यम हो या खेलकूद जैसी पहले की परिस्थितियों से छात्रों का वंचित होना हो या पारिवारिक वातावरण हो. ये सब इसके लिए जिम्मेदार हैं.


रिपोर्ट के लिए टीचर और छात्र दोनों की परीक्षा ली गई. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, एनसीईआरटी, सीबीएसई और राज्य सरकारों के साथ में यह परीक्षा नवंबर 2021 में कराई गई. गोरखपुर जिले के 228 स्कूलों के कक्षा 3,5,8 और दसवीं के छात्रों और शिक्षकों ने इसमें भाग लिया. कक्षा 3 और 5 के लिए मैथ और ईवीएस की परीक्षा हुई थी. कक्षा आठवीं के लिए लैंग्वेज, मैथ, साइंस और सोशल साइंस की परीक्षा हुई व कक्षा 10 के लिए लैंग्वेज, मैथ, साइंस, स्पेशल साइंस और इंग्लिश का टेस्ट लिया गया. इसी आधार पर सर्वे की रिपोर्ट तैयार की गई. साक्षरता का लगातार गिरता स्तर चिंताजनक है.

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गोरखपुरः यूपी में साक्षरता की दर अभी भी बेहतर दिखाई नहीं दे रही है. देशभर के एजुकेशन सिस्टम को परखने के लिए कराए गए "नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021" में कुछ ऐसे ही आंकड़े निकल कर सामने आए हैं. यह सर्वे कक्षा तीन, पांच, आठ और दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों और टीचर के साथ कराया गया था.

इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर गोरखपुर सातवें पायदान पर और बरेली 58.49% की साक्षरता दर से नौंवे स्थान पर है. सर्वे में सामने आया है कि छात्रों का औसत प्रदर्शन लगातार गिर रहा है. तीसरी कक्षा की लर्निंग स्किल दसवीं तक पहुंचते-पहुंचते काफी घट जा रही है.

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यूपी में साक्षरता दर.

स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने यह रिपोर्ट नवंबर 2021 में कराए गए नेशनल अचीवमेंट सर्वे के आधार पर जारी की है. इस प्रकार का सर्वे हर 3 साल में देश में होता है. इसे फिर 2021 में कराया गया. फिलहाल सर्वे के जो नतीजे आए हैं वह अभिभावक और शिक्षक दोनों के लिए चिंता का विषय हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ नाथ का शहर गोरखपुर साक्षरता में यूपी में सातवें नंबर पर.

सर्वे में खुलासा हुआ है कि तीसरी क्लास के मैथ में जिस बच्चे के एवरेज नंबर 57 रहे वह पांचवीं में 44 और आठवीं में 36 हो गए. हाईस्कूल में प्रदर्शन 32 फीसदी पर आकर टिक गया. पढ़ाई का यह गिरता स्तर चिंताजनक है. वर्ष 2017 के सर्वे में जो बच्चों का प्रदर्शन था उसमें बढ़ोतरी होने के बजाय 2021 की रिपोर्ट में गिरावट दर्ज की गई. मैथ में बच्चों का 2017 में जो एवरेज स्कोर 64% था वह 2021 में घटकर 57% हो गया. इस विषय और आंकड़े पर शिक्षक कहते हैं कि कई तरह के माहौल इसके लिए जिम्मेदार हैं. चाहे वह पढ़ाई का माध्यम हो या खेलकूद जैसी पहले की परिस्थितियों से छात्रों का वंचित होना हो या पारिवारिक वातावरण हो. ये सब इसके लिए जिम्मेदार हैं.


रिपोर्ट के लिए टीचर और छात्र दोनों की परीक्षा ली गई. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, एनसीईआरटी, सीबीएसई और राज्य सरकारों के साथ में यह परीक्षा नवंबर 2021 में कराई गई. गोरखपुर जिले के 228 स्कूलों के कक्षा 3,5,8 और दसवीं के छात्रों और शिक्षकों ने इसमें भाग लिया. कक्षा 3 और 5 के लिए मैथ और ईवीएस की परीक्षा हुई थी. कक्षा आठवीं के लिए लैंग्वेज, मैथ, साइंस और सोशल साइंस की परीक्षा हुई व कक्षा 10 के लिए लैंग्वेज, मैथ, साइंस, स्पेशल साइंस और इंग्लिश का टेस्ट लिया गया. इसी आधार पर सर्वे की रिपोर्ट तैयार की गई. साक्षरता का लगातार गिरता स्तर चिंताजनक है.

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