गोरखपुर: दिव्यांगता किसी-किसी के लिए अभिशाप बन जाती है. कुछ लोग इसकी वजह से जिंदगी में हार मान लेते हैं. वहीं, समाज में भी ऐसे लोगों को रोजगार से जोड़ने लिए बहुत कम लोग ही आगे आते हैं. लेकिन गोरखपुर में एक ऐसा युवा व्यापारी हैं, जो मूक बधिर दिव्यांगों को रोजगार से जोड़कर उनके जीवन में खुशहाली और उमंग के साथ आर्थिक समृद्धि का नया द्वार खोल दिया है.
मूक बधिरों के लिए रोजगार
गोरखपुर में हीरो मोटोकॉर्प जैसी संस्था के नितिन मातनहेलिया युवा व्यवसायी एवं डायरेक्टर हैं. उन्होंने ऐसे युवाओं को रोजगार देते हैं. वह मूक बधिर और युवाओं को तकनीकी रूप से भी दक्ष भी बना रहे हैं. नितिन मातनहेलिया अपने शो रूम में 5 ऐसे मूक बधिरों को रोजगार दिये हैं. जिनके लिए कहीं रोजगार नहीं था. वह इनसे शो रूम में वाशिंग से लेकर पॉलिश, फिटिंग का कार्य लेते हैं. उन्हें मासिक मानदेय भी देते हैं. ऐसा वह करीब एक साल से कर रहे हैं. वह ऐसे और युवाओं की भी तलाश में हैं.
मूक बधिरों से संकेत के माध्यम से होती है बात
युवा व्यापारी नितिन मातनहेलिया का कहना है कि उन्हें इससे खुशी मिल रही है. इसके अलावा जो बच्चे साल भर से कार्य कर रहे हैं. वह भी उत्साह के साथ उनके साथ जुड़े हैं. वहीं इस कार्य में लगे एक उत्साही मूक बधिर ने संकेतों के माध्यम से अपनी और अपने टीम की अभिव्यक्ति को भी बयां किया.
शोरूम में करती हैं कार्य
नितिन मातनहेलिया ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्हें जरूरतमंद दिव्यांग जैसे लोगों की मदद करना उन्हें बहुत अच्छा लगता है. इन युवाओं से एक बार उनकी अचानक ही मुलाकात हुई. उनकी प्रतिभा को देखकर इन्हें रोजगार से जोड़ने की मन में इच्छा हुई. इनसे बातचीत कर शोरूम में कार्य करने के लिए तैयार किया. वह अपने संस्थान में इन्हें रोजगार देने के बारे में निर्णय लिए. जब इन्हे कार्य से जोड़ा गया तो गाड़ियों की धुलाई, पॉलिश और कुछ जरूरी तकनीकी कार्यों में भी इन्हें शामिल कर लिया.
ग्राहकों की एक साल से नहीं आई शिकायत
नितिन मातनहेलिया ने बताया कि कार्य में उन्हें देखने को मिला कि करीब साल भर में ही उनकी परफॉर्मेंस और व्यवहार दोनों ही काफी बेहतर है. किसी भी ग्राहक की शिकायत पॉलिश और धुलाई को लेकर सामने नहीं आई. यहां दिव्यांग मूक बधिर लोग अपने कार्यों से प्रबंधन का दिल जीत चुके हैं और पूरे उत्साह के साथ अपने कार्य को कर रहे हैं. इनके साथ सभी कर्मचारियों का प्रेम का व्यवहार अच्छा है. इसीलिए कभी इनके चेहरे से मुस्कान नहीं जाती है.
तिरंगा भी फहराते हैं दिव्यांग
युवा व्यापारी ने बताया कि इन कर्मचारियों ने राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा भी फहराने जैसा कार्य किया जाता है. जिससे इनका मनोबल बढ़े. वहीं संकेत में एक मूक बधिर कर्मचारी ने अपनी भावना ईटीवी भारत के समक्ष व्यक्त किया. वह यह बताने की कोशिश कर रहा था कि वह यहां रोजगार पाकर बेहद खुश है. पैसे की आमदनी का भी वह संकेत कर ईश्वर से प्रार्थना भी करता है कि, वह और उसके मलिक सदैव खुश रहें.
हीरो मोटर से जुड़कर दिव्यांग हैं खुश
मूक बधिर कर्मचारी के अनुसार वह हीरो मोटर से जुड़कर काफी खुश है. इन कर्मचारियों का नाम मोहित गुप्ता, विकास यादव, रियाजुद्दीन, मोहम्मद आसिफ और साहिल अंसारी है. यह संकेत से एक दूसरे की बात भी समझते हैं. इसके लिए इन्होंने बचपन में मूक बधिर स्कूल भी ज्वाइन किया था. बोलना तो नहीं जानते लेकिन लिखकर अपनी बातों को समझा ले जाते हैं.
दिव्यांगों को बड़ी संख्या में देंगे रोजगार
नितिन मातनहेलियां ने बताया कि उनकी इच्छा ऐसे दिव्यांग लोगों को और बड़ी संख्या में जोड़ने की है. इनको खेल की भावना से भी जोड़कर उनके लिए एक क्रिकेट की टीम तैयार करनी है. वह अपने अन्य व्यापारी साथियों को भी इसके लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं कि, समाज के ऐसे लोगों को रोजगार देने का कार्य करें जो शारीरिक रूप से अक्षम हैं. जिन्हें भी जिंदगी चलाने के लिए पैसों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास से लोगों के अंदर बैठी हीन भावना समाप्त होगी और जब एक समाज के बीच में वह कार्य करेंगे तो उनकी दिनचर्या और उत्साह दोनों बेहतर होगा.
स्कूटर डोनेट का किया कार्य
बता दें कि नितिन मातनहेलिया सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने गोरखपुर में महिला सिपाहियों के लिए हीरो मोटोकॉर्प से स्कूटर डोनेट करने का कार्य किया था. जो महिला सिपाही इस स्कूटर पर सवार होकर गंभीर परिस्थितियों में ड्यूटी जाने के लिए निकलती हैं. उन्हें शेरनी दस्ता का नाम दिया गया है.
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