गोरखपुर: प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandi Ben Patel in gorakhpur) सोमवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर (MMMUT Gorakhpur) पहुंची. यहां उन्होंने विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह (MMMUT Gorakhpur 7th convocation) को बतौर अध्यक्ष संबोधित किया. राज्यपाल ने कहा है कि मौजूदा दौर में भी पंडित मदन मोहन मालवीय के शिक्षा के जो सिद्धांत थे, वह बेहद ही अनुकरणीय हैं. मालवीय जी कहते थे कि उन्हें इत्र से अच्छी खुशबू विश्वविद्यालयों से संस्कार,चरित्रवान और गुणवान निकलने वाले बच्चों से आती है. जिस विद्यार्थी-शिक्षक में चरित्र और संस्कार की खुशबू होगी, वह समाज को नई दिशा देने का काम करेगा.
इस दौरान उन्होंने गोल्ड मेडल पाए हुए सभी छात्रों का उत्साहवर्धन किया. वहीं जिन छात्रों को मेडल प्राप्त नहीं हुआ, उन उत्साहवर्धन करने क लिए राज्यपाल ने कहा कि उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है. एक दो नंबरों के अंतर से ही सम्मान पाने की स्थिति बनती है. लेकिन, जो कभी सम्मान से वंचित हो जाता है और उससे टूटता नहीं है. वह भविष्य में कई बड़े मील का पत्थर हासिल करता है. राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता और डाटा कलेक्शन की तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि शैक्षिक गुणवत्ता और डाटा कलेक्शन अच्छा होने के कारण ही यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है, जिसे नैक (NAAC) मूल्यांकन में ए प्लस ग्रेडिंग प्राप्त हुई है. उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों को भी सीख लेनी चाहिए.
राज्यपाल ने कहा कि देखा जाए तो गांव में भी बहुत सारी प्रतिभाएं निवास करती हैं. लेकिन, उन्हें तराशने और आगे बढ़ाने वाला कोई नहीं मिलता. ऐसे कार्यों के लिए विश्वविद्यालयों को आगे आना चाहिए. गांव में पढ़ने वाले बच्चों, महिलाओं में छिपी हुई प्रतिभाओं को पहचानना चाहिए. विश्वविद्यालयों को उस पर शोध की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए, जो आने वाले समय में देश और दुनिया के लिए बड़ा परिणाम देने वाला साबित होगा.
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति पर भी कड़ा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि छात्र नेता अपने भविष्य को सुरक्षित करते हुए राजनीति का रास्ता अख्तियार करते हैं. जिसके पीछे पढ़ने लिखने वाले छात्रों का समूह जुड़ता है तो विश्वविद्यालय में चल रहे सकारात्मक पहलुओं पर चर्चा कम और नकारात्मक विषयों को मुद्दा बनाया जाता है. जिसे मीडिया भी हाईलाइट करती है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को ऐसे तत्वों से बचना चाहिए.
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के 27 पीएचडी धारक को मेडल और उपाधि देकर सम्मानित किया. इस दौरान उन्होंने कई सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर अपने विचार से लोगों को जोड़ने का प्रयास किया, जो आने वाले समय में देश के विकास में सहायक बनेगा. इसके साथ ही उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपने बुजुर्ग माता-पिता का सम्मान करने और उन्हें आजीवन सहयोग देने की अपील की. जिससे देश में वृद्ध आश्रमों की संख्या कम हो सके.
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कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि एमजी मोटर के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव चाबा ने भी संबोधित किया. राजीव चाबा मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके हैं. उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है. कठिन परिश्रम ही आपको सफलता दिलाती है.
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में पधारे प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज और तकनीकी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिए सिद्धांत के साथ प्रायोगिक ज्ञान का होना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को महीने में एक दिन उद्योगों का भ्रमण कराएं और कार्य की बारीकियों के साथ परिश्रम से भी अवगत कराएं जो उनके जीवन में बड़ा परिवर्तन लाएगा.
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