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चुनाव से पहले चमकेंगी गोरखपुर के गांवों की सड़कें, 350 करोड़ का बजट जारी

गोरखपुर के गांवों की सड़कों की दशा अब बदलने वाली है. टूटी- फटी, ऊबड़-खाबड़ सड़कों की मरम्मत के लिए बजट तैयार हो गया है. गांव की बदहाल सड़कों की सूरत बदलने के लिए 350 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

चमकेंगी गोरखपुर के गांवों की सड़कें
चमकेंगी गोरखपुर के गांवों की सड़कें
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Published : Oct 22, 2021, 1:19 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 2:54 PM IST

गोरखपुर: यूपी विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने शेष हैं ऐसे में तमाम पार्टियां रैली, जनसभा कर जनता को लुभाने का काम कर रही है तो वहीं सत्ताधारी पार्टी अपने कार्यकाल के आखिरी समय में तमाम योजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास कर जनता के समक्ष अपनी मजबूत छाप छोड़ने की जुगत में लगी है.

इन्हीं में से एक है सीएम के गृह जनपद गोरखपुर के गांवों में बनने वाली सड़कें. जी हां, जनपद के नगरीय क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ गांवों में भी विकास कार्य जोरों पर है. इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण है गांवों की सड़कें. आगामी 24 अक्टूबर को सीएम योगी जहां नगरीय क्षेत्र में करीब 350 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण शिलान्यास करेंगे तो वहीं गांव की बदहाल सड़कों की सूरत बदलने के लिए 350 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इससे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में गांव के लोगों को सड़कों पर हिचकोले नहीं खाने पड़ेंगे.

पंचायती राज विभाग के सर्वे में करीब 1563 किलोमीटर सड़क बनाया जाना तय किया गया है. कुछ गांव में काम भी शुरू हो गया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की अधिसूचना से पहले गोरखपुर में विकास योजनाओं के बल पर चुनावी गणित को फिट करने की पूरी योजना पहले से ही मूर्त रूप ले चुकी होगी. गांव की सड़कों के निर्माण के दौरान बजट की कमी पड़ने पर मनरेगा के तहत भी सड़कों को बनाया जा सकता है. इस काम से जहां गांव में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होगा तो वहीं बदलाव की एक नई रूपरेखा भी तैयार होगी.

जिले के गांवो में 13196 यानि 1563 किलोमीटर कच्ची सड़के हैं. इनमें कई सड़कों तो खड़ंजा, इंटरलॉकिंग किया जाएगा तो कई आरसीसी और पिच सड़कें भी बनाई जाएंगी. जिलाधिकारी के सर्वे में ऐसी सड़कों का मामला प्रकाश में आया था जिस पर उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर को गांव की गलियों का सर्वे कराने का निर्देश दिया था. आकलन होने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर पंचायत राज विभाग ने 15वें वित्त से सड़कों और गलियों को पक्का करने का काम शुरू कर दिया है. डीपीआरओ ने कहा है कि निश्चित रूप से यह पहल गांव की रूपरेखा बदलेगी तो गांव में रोजगार का रास्ता भी खुलेगा.

बता दें, जिले के 20 ब्लॉकों में यह सड़कें बनाई जाएंगी. जिसमें सर्वाधिक सड़कें और गलियां कैम्पियरगंज ब्लाक क्षेत्र में है. जिनकी कुल संख्या 1103 और लंबाई 200 किलोमीटर है. बेलघाट क्षेत्र में कुल 138 किलोमीटर की सड़कें बनाई जाएंगी. जबकि खजनी में 113 और पिपराइच में 106 किलोमीटर की सड़कें बनेंगी.

इसके अलावा जंगल कौड़िया में 78, पाली में 79, सरदारनगर में 48, ब्रम्हपुर में 48, चरगांवा में 53, बांसगांव में 40, कौड़ीराम 112, भटहट में 88, उरुवा में 92, गोला में 16, बड़हलगंज में 112, पिपरौली में 78, खोराबार में 16, गगहा में 43, सहजनवा में 38 और भरोहियां में 62 किलोमीटर की सड़कें बनेंगी. इन सड़कों के बनने से निश्चित रूप से जहां गांव की सूरत बदलेगी वहीं लोगों को आवागमन की सुविधा भी सुलभ हो जाएगी.

गोरखपुर: यूपी विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने शेष हैं ऐसे में तमाम पार्टियां रैली, जनसभा कर जनता को लुभाने का काम कर रही है तो वहीं सत्ताधारी पार्टी अपने कार्यकाल के आखिरी समय में तमाम योजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास कर जनता के समक्ष अपनी मजबूत छाप छोड़ने की जुगत में लगी है.

इन्हीं में से एक है सीएम के गृह जनपद गोरखपुर के गांवों में बनने वाली सड़कें. जी हां, जनपद के नगरीय क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ गांवों में भी विकास कार्य जोरों पर है. इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण है गांवों की सड़कें. आगामी 24 अक्टूबर को सीएम योगी जहां नगरीय क्षेत्र में करीब 350 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण शिलान्यास करेंगे तो वहीं गांव की बदहाल सड़कों की सूरत बदलने के लिए 350 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इससे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में गांव के लोगों को सड़कों पर हिचकोले नहीं खाने पड़ेंगे.

पंचायती राज विभाग के सर्वे में करीब 1563 किलोमीटर सड़क बनाया जाना तय किया गया है. कुछ गांव में काम भी शुरू हो गया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की अधिसूचना से पहले गोरखपुर में विकास योजनाओं के बल पर चुनावी गणित को फिट करने की पूरी योजना पहले से ही मूर्त रूप ले चुकी होगी. गांव की सड़कों के निर्माण के दौरान बजट की कमी पड़ने पर मनरेगा के तहत भी सड़कों को बनाया जा सकता है. इस काम से जहां गांव में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होगा तो वहीं बदलाव की एक नई रूपरेखा भी तैयार होगी.

जिले के गांवो में 13196 यानि 1563 किलोमीटर कच्ची सड़के हैं. इनमें कई सड़कों तो खड़ंजा, इंटरलॉकिंग किया जाएगा तो कई आरसीसी और पिच सड़कें भी बनाई जाएंगी. जिलाधिकारी के सर्वे में ऐसी सड़कों का मामला प्रकाश में आया था जिस पर उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर को गांव की गलियों का सर्वे कराने का निर्देश दिया था. आकलन होने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर पंचायत राज विभाग ने 15वें वित्त से सड़कों और गलियों को पक्का करने का काम शुरू कर दिया है. डीपीआरओ ने कहा है कि निश्चित रूप से यह पहल गांव की रूपरेखा बदलेगी तो गांव में रोजगार का रास्ता भी खुलेगा.

बता दें, जिले के 20 ब्लॉकों में यह सड़कें बनाई जाएंगी. जिसमें सर्वाधिक सड़कें और गलियां कैम्पियरगंज ब्लाक क्षेत्र में है. जिनकी कुल संख्या 1103 और लंबाई 200 किलोमीटर है. बेलघाट क्षेत्र में कुल 138 किलोमीटर की सड़कें बनाई जाएंगी. जबकि खजनी में 113 और पिपराइच में 106 किलोमीटर की सड़कें बनेंगी.

इसके अलावा जंगल कौड़िया में 78, पाली में 79, सरदारनगर में 48, ब्रम्हपुर में 48, चरगांवा में 53, बांसगांव में 40, कौड़ीराम 112, भटहट में 88, उरुवा में 92, गोला में 16, बड़हलगंज में 112, पिपरौली में 78, खोराबार में 16, गगहा में 43, सहजनवा में 38 और भरोहियां में 62 किलोमीटर की सड़कें बनेंगी. इन सड़कों के बनने से निश्चित रूप से जहां गांव की सूरत बदलेगी वहीं लोगों को आवागमन की सुविधा भी सुलभ हो जाएगी.

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Last Updated : Oct 22, 2021, 2:54 PM IST
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