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कब पूरा होगा गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन का निर्माण कार्य

गोरखपुर से वाराणसी के लिए बनाई जा रही फोरलेन सड़क अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. 2021 में तैयार होने का लक्ष्य रखने वाली यह सड़क पांच साल के बाद भी बनकर तैयार नहीं हो पाई है. इसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खराब सड़क के कारण एक घंटे की यात्रा में 4 घंटे का समय लग रहा है.

कब बनेगी फोर लेन सड़क
कब बनेगी फोर लेन सड़क
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Published : Apr 10, 2021, 1:48 PM IST

गोरखपुर: गोरखपुर से वाराणसी के लिए बनाई जा रही फोरलेन सड़क, शिलान्यास के 5 वर्ष बाद भी बनकर तैयार नहीं हो पाई है. जबकि इसे अधिकतम ढाई वर्ष में ही बनकर तैयार हो जाना था. मौजूदा समय में यह सड़क लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. एक तरफ इस पर चलना दूभर है, तो दूसरी तरफ सड़क से धूल-मिट्टी उठने की वजह से लोग बीमारी की भी चपेट में आ रहे हैं. सड़क के बड़े-बड़े गड्ढे हादसों को दावत दे रहे हैं. दूसरी तरफ एक घंटे की यात्रा 4 घंटे में पूरी हो पा रही है.

5 साल से नहीं पूरा हुआ निर्माणकार्य
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मई से दौड़ने लगेंगे चंदा घाट पुल पर वाहन, कछार वालों को राहत

पूरा नहीं हुआ निर्माण कार्य

वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग-29 के निर्माण का ठेका जेपी एसोसिएट को दिया गया था. लेकिन आर्थिक मंदी की वजह से निर्माण कार्य समय से शुरू नहीं हो सका. यहां तक कि एक बार बीच में इस इकाई ने पूरी तरह से कार्य ही बंद कर दिया था. वर्ष 2016 में बजट का आवंटन हुआ. नितिन गडकरी के द्वारा वर्ष 2017 में इसका शिलान्यास किया गया. 2500 करोड़ की लागत से 31 अक्टूबर 2019 तक इसको पूरा किए जाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन अधिकारियों की ढिलाई के कारण कार्य पूरा नहीं हो सका. फोरलेन के किनारे बसे हुए लोग धीरे-धीरे चल रहे निर्माण कार्य से बुरी तरह प्रभावित हैं. ये लोग बारिश के दिनों में जल भराव की समस्या से जूझते हैं, तो गर्मी के दिनों में धूल और आंधी इनके लिए नई मुसीबत खड़ी करती है. ऐसे सभी राहगीर इस समस्या और देरी के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस सड़क के निर्माण को कई पैकेज में बांटा गया है. हर पैकेज के निर्माण की अलग-अलग डेडलाइन तय की गई है.

कब होगा निर्माण कार्य पूरा

पैकेज नंबर चार 64 किलोमीटर का है. इसे 2 मार्च 2021 तक मऊ जिले के अहिरानी बुजुर्ग पेट्रोल पंप से बाघागाढ़ा गोरखपुर तक बना लिया जाना था. जो आज की तारीख में भी अधूरा है. ईटीवी भारत की इस खबर में सड़क से उड़ती धूल, मिट्टी और अधूरा निर्माण इसी पैकेज का हिस्सा है. इसी प्रकार पैकेज नंबर तीन 65 किलोमीटर का है. जिसके निर्माण की डेडलाइन दिसंबर 2021 तय की गई है. यह गाजीपुर जिले के शेखपुर से मऊ जिले के अहिरानी बुजुर्ग पेट्रोल पंप तक बनाया जाना है. यहां अभी काम चल रहा है.

'2021 तक हो सकता है काम पूरा'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने 4 वर्ष के कार्यकाल में इस सड़क के निर्माण को लेकर कई बार समीक्षा बैठक कर चुके हैं. वह अधिकारियों को नसीहत भी देते रहते हैं, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा. इस सड़क का निर्माण बीरबल की खिचड़ी हो गया है. गोरखपुर के सांसद रवि किशन भी सड़क के निर्माण को लेकर कहते हैं कि योगी जी के नेतृत्व में गोरखपुर में चल रहा सड़कों का निर्माण कार्य तेजी के साथ पूरा होगा. लोगों को भरोसा रखने की जरूरत है. करीब 215 किलोमीटर लंबी यह सड़क अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. इसमें 9 बाईपास, 15 बड़े पुल, 34 छोटे पुल, सात फ्लाईओवर, 5 ओवर ब्रिज, 3 टोल प्लाजा और 23 रोड जंक्शन बनाए जाने हैं. सड़क के निर्माण में हो रही देरी के संबंध में एनएचआई के अधिकारी कैमरे के सामने कुछ बोलना नहीं चाहते. उनका कहना है कि सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर 2021 तक मिली डेडलाइन तक निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा.

गोरखपुर: गोरखपुर से वाराणसी के लिए बनाई जा रही फोरलेन सड़क, शिलान्यास के 5 वर्ष बाद भी बनकर तैयार नहीं हो पाई है. जबकि इसे अधिकतम ढाई वर्ष में ही बनकर तैयार हो जाना था. मौजूदा समय में यह सड़क लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. एक तरफ इस पर चलना दूभर है, तो दूसरी तरफ सड़क से धूल-मिट्टी उठने की वजह से लोग बीमारी की भी चपेट में आ रहे हैं. सड़क के बड़े-बड़े गड्ढे हादसों को दावत दे रहे हैं. दूसरी तरफ एक घंटे की यात्रा 4 घंटे में पूरी हो पा रही है.

5 साल से नहीं पूरा हुआ निर्माणकार्य
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पूरा नहीं हुआ निर्माण कार्य

वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग-29 के निर्माण का ठेका जेपी एसोसिएट को दिया गया था. लेकिन आर्थिक मंदी की वजह से निर्माण कार्य समय से शुरू नहीं हो सका. यहां तक कि एक बार बीच में इस इकाई ने पूरी तरह से कार्य ही बंद कर दिया था. वर्ष 2016 में बजट का आवंटन हुआ. नितिन गडकरी के द्वारा वर्ष 2017 में इसका शिलान्यास किया गया. 2500 करोड़ की लागत से 31 अक्टूबर 2019 तक इसको पूरा किए जाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन अधिकारियों की ढिलाई के कारण कार्य पूरा नहीं हो सका. फोरलेन के किनारे बसे हुए लोग धीरे-धीरे चल रहे निर्माण कार्य से बुरी तरह प्रभावित हैं. ये लोग बारिश के दिनों में जल भराव की समस्या से जूझते हैं, तो गर्मी के दिनों में धूल और आंधी इनके लिए नई मुसीबत खड़ी करती है. ऐसे सभी राहगीर इस समस्या और देरी के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस सड़क के निर्माण को कई पैकेज में बांटा गया है. हर पैकेज के निर्माण की अलग-अलग डेडलाइन तय की गई है.

कब होगा निर्माण कार्य पूरा

पैकेज नंबर चार 64 किलोमीटर का है. इसे 2 मार्च 2021 तक मऊ जिले के अहिरानी बुजुर्ग पेट्रोल पंप से बाघागाढ़ा गोरखपुर तक बना लिया जाना था. जो आज की तारीख में भी अधूरा है. ईटीवी भारत की इस खबर में सड़क से उड़ती धूल, मिट्टी और अधूरा निर्माण इसी पैकेज का हिस्सा है. इसी प्रकार पैकेज नंबर तीन 65 किलोमीटर का है. जिसके निर्माण की डेडलाइन दिसंबर 2021 तय की गई है. यह गाजीपुर जिले के शेखपुर से मऊ जिले के अहिरानी बुजुर्ग पेट्रोल पंप तक बनाया जाना है. यहां अभी काम चल रहा है.

'2021 तक हो सकता है काम पूरा'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने 4 वर्ष के कार्यकाल में इस सड़क के निर्माण को लेकर कई बार समीक्षा बैठक कर चुके हैं. वह अधिकारियों को नसीहत भी देते रहते हैं, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा. इस सड़क का निर्माण बीरबल की खिचड़ी हो गया है. गोरखपुर के सांसद रवि किशन भी सड़क के निर्माण को लेकर कहते हैं कि योगी जी के नेतृत्व में गोरखपुर में चल रहा सड़कों का निर्माण कार्य तेजी के साथ पूरा होगा. लोगों को भरोसा रखने की जरूरत है. करीब 215 किलोमीटर लंबी यह सड़क अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. इसमें 9 बाईपास, 15 बड़े पुल, 34 छोटे पुल, सात फ्लाईओवर, 5 ओवर ब्रिज, 3 टोल प्लाजा और 23 रोड जंक्शन बनाए जाने हैं. सड़क के निर्माण में हो रही देरी के संबंध में एनएचआई के अधिकारी कैमरे के सामने कुछ बोलना नहीं चाहते. उनका कहना है कि सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर 2021 तक मिली डेडलाइन तक निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा.

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