गोरखपुरः नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद इसे न मानने वालों की गलती से जिले की ट्रैफिक पुलिस इतना जुर्माना वसूल चुकी है कि उससे जिले में जितने पुलिस कर्मी नौकरी कर रहे है उन्हें एक माह का वेतन दिया जा सकता है. नियमों की अनदेखी कर सड़क पर फर्राटा भरने वाले लोगों से ट्रैफिक पुलिस ने एक करोड़ 45 लाख रुपये जुर्माने की रकम वसूली है.
अगर वह अपने कार्य में शिथिलता बरत दें और जुर्माना करना बंद कर दे तो सरकार के खजाने में करोड़ों रुपया जमा होने वाली रकम में गिरावट आ जाएगी, लेकिन गोरखपुर पुलिस गजब का कारनामा कर दिखाया है और अब तक हर्जाने के रूप में करोड़ों रुपये वसूल लिए हैं.
ट्रैफिक पुलिस ने जुर्माने के तौर पर वसूले करोड़ों रुपये
जिले में गोरखपुर वासियों की गलती से ट्रैफिक पुलिस ने जुर्माने के तौर पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये वसूले हैं. यह इतनी बड़ी रकम है कि इससे गोरखपुर में तैनात पुलिसकर्मियों को तनख्वाह दी जा सकती है. चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इतना जुर्माना वसूल होने के बाद भी लोगों में सुधार नहीं हो रहा है. ट्रैफिक के सिपाही, दरोगा यहां तक कि पुलिस कप्तान भी समय-समय पर चौराहे पर खड़े होकर लोगों को नियम पालन का संदेश देते रहते हैं बावजूद इसके लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं.
पेनाल्टी में सबसे अधिक हेलमेट न पहनने वालों की संख्या
ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों में अब तक 12 हजार वाहनों का चालन करके एक करोड़ 45 लाख चार सौ रुपये पेनाल्टी लगाई गई है. इस पेनाल्टी में दस हजार से ज्यादा हेलमेट न पहनने पर लोगों ने 40 लाख के करीब जुर्माना भरा है. जबकि दूसरे नंबर पर बिना डीएल और इंश्योरेंस वाले वाहनों की संख्या रही है जिनमें पुलिस ने 44 लाख के करीब पेनाल्टी लगाई है.
आधी पुलिस की तैनाती पर भी वसूले करोड़ों रुपये
जिले में ट्रैफिक पुलिस की संख्या बल तैनाती के हिसाब से आधी है. पुलिस बल में कमी के चलते भी नए नियम कानून की कड़ाई से पालन कराने वाले लोगों पर जिले की पुलिस ने शिकंजा कस करोड़ों रुपये जुर्माने के रूप में वसूल लिए हैं.
मौजूदा समय में भी लोग नियमों का पालन करने में अभी भी कतराते हैं. लोग हेलमेट लगाकर निकलते तो जरूर हैं, लेकिन सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि जुर्माने से बचने के लिए.
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जिले के एसपी ट्रैफिक का कहना है कि हेलमेट लगाने के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा कर दी गई है और 80 प्रतिशत तक सुधार भी हुआ है. जल्द ही उनका ऑटोमेटिक सिगनल पॉइंट बनकर तैयार हो जाएगा, जिससे वह कार्यालय में बैठकर भी लोगों का चालान काट सकेंगे.
-आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक