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सीएम सिटी में चैन से सोना भी मुश्किल, गोरखपुर डिवीजन में दो माह में ही फुंक गए 3 हजार ट्रांसफार्मर - गोरखपुर डिवीजन में ट्रांसफार्मर जले

बिजली कटौती से गोरखपुर डिवीजन से जुड़े इलाकों में लोग परेशान हैं. रोज ट्रांसफार्मर जल रहे हैं, जिससे उपभोक्ता परेशान है. गोरखपुर शहर में जुलाई में 34 ट्रांसफार्मर जल चुके हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 15, 2023, 7:18 PM IST

Updated : Sep 15, 2023, 9:26 PM IST

गोरखपुर : भीषण गर्मी और उमस के बीच बेतहाशा बिजली कटौती ने गोरखपुर डिविजन से जुड़े इलाकों में त्राहिमाम जैसे हालात हैं. रोज ही ट्रांसफार्मर जल रहे हैं और जबरदस्त ट्रिपिंग हो रही है. यही हाल सीएम योगी के शहर का भी है. बिजली विभाग के अधिकारी दावा करते हैं कि उपभोक्ताओं को बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए भगीरथ प्रयास किया जा रहा है. जबकि हकीकत यह है कि पिछले दो माह (जुलाई-अगस्त) में ही डिविजन में करीब तीन हजार ट्रांसफार्मर फुंक गए.

बिजली विभाग ने नहीं की तैयारी : आंकड़ों के मुताबिक इस साल जुलाई में गोरखपुर डिवीजन में कुल 1531 ट्रांसफार्मर जले हैं. करीब-करीब यही आंकड़ा वर्ष 2022 में भी जुलाई माह का था, जब 1581 ट्रांसफार्मर फुंक गए थे. इन दोनों आंकड़ों के आधार पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग ने कैसी तैयारी की थी. पिछले साल के नुकसान से सबक लेते हुए अधिकारी चेते होते तो न इतने ट्रांसफार्मर जलते और न ही उपभोक्ताओं को परेशानी होती.

ये हैं आंकड़े : केवल गोरखपुर शहर में जुलाई में 34 ट्रांसफार्मर जल गए. ग्रामीण क्षेत्रों में यह संख्या 551 रही. महाराजगंज में 233 देवरिया में 441 और कुशीनगर में 322 ट्रांसफार्मर इसी माह जले. अगस्त का भी आंकड़ा कुछ ऐसे ही है. गोरखपुर शहर में 26 तो ग्रामीण क्षेत्रों में 400 से ज्यादा ट्रांसफार्मर जवाब दे गए. जबकि डिविजन में 1300 से अधिक ट्रांसफार्मर फुंके. इनकी मरम्मत गोरखपुर वर्कशॉप और जिलों के मुख्यालय पर होती है. डिमांड के अनुरूप तैयारी नहीं होने से कभी-कभी 12 से 24 घंटे या इससे भी ज्यादा समय ट्रांसफार्मर की शिफ्टिंग में लग जाता है। हालांकि मुख्य अभियंता आशु कालिया बिजली आपूर्ति की व्यवस्था में सुधार का दावा करते हैं. कहते हैं, गोरखपुर जोन में ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य तेजी से किया जा रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा ट्रांसफार्मर बदले गए हैं.

बिजली कटौती से न दिन में चैन, न रात में आराम : उपभोक्ताओं का कहना है कि रात की कटौती बहुत भारी पड़ती है. दिन में उमस और गर्मी झेलने के बाद रात में चैन से सोने को भी नहीं मिलता है. शहर के रशाद लारी, सुनीता पांडेय, किरन मिश्रा, रमेश राय, प्रवीण कुशवाहा कहते हैं कि अधिकारी रात में फोन नहीं उठाते.

यह भी पढ़ें : गोरखपुर: बिजली विभाग को लगा करोड़ो का चूना, उपभोक्ताओं ने डकारे 142 करोड़

यह भी पढ़ें : ऊर्जा मंत्री ने कहा- 'यूपी में 17 हजार करोड़ की लागत से मजबूत किया जा रहा ऊर्जा का इंफ्रास्ट्रक्चर'

गोरखपुर : भीषण गर्मी और उमस के बीच बेतहाशा बिजली कटौती ने गोरखपुर डिविजन से जुड़े इलाकों में त्राहिमाम जैसे हालात हैं. रोज ही ट्रांसफार्मर जल रहे हैं और जबरदस्त ट्रिपिंग हो रही है. यही हाल सीएम योगी के शहर का भी है. बिजली विभाग के अधिकारी दावा करते हैं कि उपभोक्ताओं को बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए भगीरथ प्रयास किया जा रहा है. जबकि हकीकत यह है कि पिछले दो माह (जुलाई-अगस्त) में ही डिविजन में करीब तीन हजार ट्रांसफार्मर फुंक गए.

बिजली विभाग ने नहीं की तैयारी : आंकड़ों के मुताबिक इस साल जुलाई में गोरखपुर डिवीजन में कुल 1531 ट्रांसफार्मर जले हैं. करीब-करीब यही आंकड़ा वर्ष 2022 में भी जुलाई माह का था, जब 1581 ट्रांसफार्मर फुंक गए थे. इन दोनों आंकड़ों के आधार पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग ने कैसी तैयारी की थी. पिछले साल के नुकसान से सबक लेते हुए अधिकारी चेते होते तो न इतने ट्रांसफार्मर जलते और न ही उपभोक्ताओं को परेशानी होती.

ये हैं आंकड़े : केवल गोरखपुर शहर में जुलाई में 34 ट्रांसफार्मर जल गए. ग्रामीण क्षेत्रों में यह संख्या 551 रही. महाराजगंज में 233 देवरिया में 441 और कुशीनगर में 322 ट्रांसफार्मर इसी माह जले. अगस्त का भी आंकड़ा कुछ ऐसे ही है. गोरखपुर शहर में 26 तो ग्रामीण क्षेत्रों में 400 से ज्यादा ट्रांसफार्मर जवाब दे गए. जबकि डिविजन में 1300 से अधिक ट्रांसफार्मर फुंके. इनकी मरम्मत गोरखपुर वर्कशॉप और जिलों के मुख्यालय पर होती है. डिमांड के अनुरूप तैयारी नहीं होने से कभी-कभी 12 से 24 घंटे या इससे भी ज्यादा समय ट्रांसफार्मर की शिफ्टिंग में लग जाता है। हालांकि मुख्य अभियंता आशु कालिया बिजली आपूर्ति की व्यवस्था में सुधार का दावा करते हैं. कहते हैं, गोरखपुर जोन में ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य तेजी से किया जा रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा ट्रांसफार्मर बदले गए हैं.

बिजली कटौती से न दिन में चैन, न रात में आराम : उपभोक्ताओं का कहना है कि रात की कटौती बहुत भारी पड़ती है. दिन में उमस और गर्मी झेलने के बाद रात में चैन से सोने को भी नहीं मिलता है. शहर के रशाद लारी, सुनीता पांडेय, किरन मिश्रा, रमेश राय, प्रवीण कुशवाहा कहते हैं कि अधिकारी रात में फोन नहीं उठाते.

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Last Updated : Sep 15, 2023, 9:26 PM IST
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