गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक अंतरराष्ट्रीय मूर्ति तस्कर पांच करोड़ रुपए में अष्टधातु की फर्जी मूर्ति बेचने की कोशिश कर रहा था. गोरखपुर की एसटीएफ यूनिट ने मंगलवार की रात शहर के बस स्टेशन के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया. एसटीएफ ने बुधवार को इसका खुलासा करते हुए कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया और तस्कर को जेल भेज दिया.
पकड़ा गया आरोपी शिव कुमार सोनी, बिहार के गोपालगंज जिले का रहने वाला है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एंटीक और सांस्कृतिक धरोहर वाली मूर्तियां चोरी करता और बेचता था. पकड़ी गई मूर्ति का वजन करीब सात किलो है. गोरखपुर एसटीएफ यूनिट के इंचार्ज सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि एसटीएफ की प्रदेश इकाई को बिहार के ऐसे गैंग के बारे में सूचना मिल रही थी, जो एंटीक और सांस्कृतिक धरोहर वाली मूर्तियां चोरी करता था.
यही नहीं गिरोह सही मूर्तियों के बजाय नकली मूर्तियों को भी करोड़ों में बेचने का काम करता था. ऐसी ही योजना लेकर शिव कुमार सोनी गोरखपुर में आया और मूर्ति बेचने की कोशिश में लग गया. इस संबंध में सूचना को पक्की करने में सीओ एसटीएफ लाल प्रताप सिंह के पर्यवेक्षण में, गोरखपुर एसटीएफ के निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह और उनकी टीम जुटी. उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि, एक व्यक्ति बस स्टेशन के पास हीरापुरी कॉलोनी के गेट पर बैग में मूर्ति रखकर बेचने की फिराक में लगा है. एसटीएफ ने उसे वहीं दबोच लिया. इस दौरान एक अन्य आरोपी फरार हो गया.
पकड़े गए आरोपी ने बताया कि उसे मूर्ति शिब्बू कुमार सोनी ने दी थी. एसटीएफ यूनिट के इंचार्ज सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि शिब्बू भी बिहार के गोपालगंज जिले के असंदापुर गांव का रहने वाला है. उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में भी एसटीएफ लगी है. इस मामले में इंडियन ट्रेसर ट्रोव एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर शिव कुमार को जेल भेजा गया है. दूसरे की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. यह लोग तथाकथित अष्टधातु की मूर्ति को करोड़ों में बेचने में लगे थे और धरे गए.