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गोरखपुर को मेट्रो का इंतजार, डीपीआर तैयार करने में फेल हो रही योगी सरकार - gorakhpur khabar

गोरखपुरवासी मेट्रो का इंतजार कर रहे हैं तो वहीं योगी सरकार मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराने में ही उलझी है. इसपर विपक्ष भी सरकार पर जनता को गुमराह करने का लगा आरोप रहा है.

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योगी आदित्यनाथ, सीएम यूपी.
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Published : Jan 6, 2020, 7:42 PM IST

गोरखपुर: मेट्रो का इंतजार जनपदवासियों पर भारी पड़ रहा है. प्रदेश की योगी सरकार शहर में चलाए जाने वाली मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराने में ही उलझी हुई है. यह प्रोजेक्ट जिले के अधिकारियों के लिए भी मुसीबत बना हुआ है. योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में गोरखपुर में मेट्रो रेल चलाने की घोषणा हुई थी, लेकिन यह सरकार मार्च 2020 में अपने 3 साल पूरे करने जा रही है. इन 3 सालों में मेट्रो की डीपीआर भी तैयार नहीं हो पाई है. ऐसे में यह प्रोजेक्ट जहां भाजपा सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है तो विरोधी दल के लोग सरकार की कार्यशैली पर उंगली उठाने से पीछे नहीं हट रहे.

गोरखपुर वासियों को मेट्रो का इंतजार.
पहली डीपीआर में थे कुल 14 स्टेशन गोरखपुर मेट्रो को लेकर शुक्रवार 3 जनवरी को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में भी लखनऊ में बैठक हुई थी. इसमें एक बार फिर डीपीआर में परिवर्तन हुआ है. पहले की डीपीआर में कुल 14 स्टेशन थे और मेट्रो श्यामनगर से सूबा बाजार तक चलाई जानी थी. लेकिन इस बार की मीटिंग में इसमें बदलाव कर दिया गया. अब मेट्रो का आखिरी स्टेशन सूबा बाजार न होकर मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय होगा तो मुख्य स्टेशन गोरखपुर रेलवे स्टेशन. जिलाधिकारी का कहना है कि डीपीआर के फाइनल होने के बाद इसको टेक्निकल स्वीकृति मिलेगी. जब कैबिनेट इसपर मुहर लगा देगा तो डीपीआर स्वीकृत हो जाएगी. वहीं गोरखपुर दौरे पर आए सीएम योगी से जब मेट्रो को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि समय पर सभी परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी.गोरखपुर में दो बोगी की चलाई जानी थी मेट्रोपहले जनपद में दो बोगी की मेट्रो चलाई जानी थी, लेकिन अब यहां तीन बोगी की मेट्रो चलाए जाने के प्रस्ताव पर मोहर लगी है. साथ ही इसके निर्माण पर कुल 4589 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है. इसके पहले कॉरिडोर में 14 स्टेशन होंगे जो श्याम नगर से शुरू होकर इंजीनियरिंग विश्व विद्यालय पर समाप्त होगी. जिसकी कुल लंबाई 15.14 किलोमीटर होगी.

विरोधी दल जनता को गुमराह करने का लगा रहे आरोप
अनुमान है साल 2024 तक इसमें एक लाख 55 हजार लोग रोजाना सफर करेंगे. वहीं दूसरे कॉरिडोर में 12 स्टेशन होंगे जिसकी कुल लंबाई 12.70 किलोमीटर होगी. इस रूट पर 2024 तक 1 लाख 24 हजार लोगों के रोजाना सफर करने का अनुमान है. वहीं इस प्रोजेक्ट के तीन साल में जमीन पर नहीं उतरने पर विरोधी दल के लोग सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं.

गोरखपुर: मेट्रो का इंतजार जनपदवासियों पर भारी पड़ रहा है. प्रदेश की योगी सरकार शहर में चलाए जाने वाली मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराने में ही उलझी हुई है. यह प्रोजेक्ट जिले के अधिकारियों के लिए भी मुसीबत बना हुआ है. योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में गोरखपुर में मेट्रो रेल चलाने की घोषणा हुई थी, लेकिन यह सरकार मार्च 2020 में अपने 3 साल पूरे करने जा रही है. इन 3 सालों में मेट्रो की डीपीआर भी तैयार नहीं हो पाई है. ऐसे में यह प्रोजेक्ट जहां भाजपा सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है तो विरोधी दल के लोग सरकार की कार्यशैली पर उंगली उठाने से पीछे नहीं हट रहे.

गोरखपुर वासियों को मेट्रो का इंतजार.
पहली डीपीआर में थे कुल 14 स्टेशन गोरखपुर मेट्रो को लेकर शुक्रवार 3 जनवरी को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में भी लखनऊ में बैठक हुई थी. इसमें एक बार फिर डीपीआर में परिवर्तन हुआ है. पहले की डीपीआर में कुल 14 स्टेशन थे और मेट्रो श्यामनगर से सूबा बाजार तक चलाई जानी थी. लेकिन इस बार की मीटिंग में इसमें बदलाव कर दिया गया. अब मेट्रो का आखिरी स्टेशन सूबा बाजार न होकर मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय होगा तो मुख्य स्टेशन गोरखपुर रेलवे स्टेशन. जिलाधिकारी का कहना है कि डीपीआर के फाइनल होने के बाद इसको टेक्निकल स्वीकृति मिलेगी. जब कैबिनेट इसपर मुहर लगा देगा तो डीपीआर स्वीकृत हो जाएगी. वहीं गोरखपुर दौरे पर आए सीएम योगी से जब मेट्रो को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि समय पर सभी परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी.गोरखपुर में दो बोगी की चलाई जानी थी मेट्रोपहले जनपद में दो बोगी की मेट्रो चलाई जानी थी, लेकिन अब यहां तीन बोगी की मेट्रो चलाए जाने के प्रस्ताव पर मोहर लगी है. साथ ही इसके निर्माण पर कुल 4589 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है. इसके पहले कॉरिडोर में 14 स्टेशन होंगे जो श्याम नगर से शुरू होकर इंजीनियरिंग विश्व विद्यालय पर समाप्त होगी. जिसकी कुल लंबाई 15.14 किलोमीटर होगी.

विरोधी दल जनता को गुमराह करने का लगा रहे आरोप
अनुमान है साल 2024 तक इसमें एक लाख 55 हजार लोग रोजाना सफर करेंगे. वहीं दूसरे कॉरिडोर में 12 स्टेशन होंगे जिसकी कुल लंबाई 12.70 किलोमीटर होगी. इस रूट पर 2024 तक 1 लाख 24 हजार लोगों के रोजाना सफर करने का अनुमान है. वहीं इस प्रोजेक्ट के तीन साल में जमीन पर नहीं उतरने पर विरोधी दल के लोग सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं.

Intro:ओपनिंग पीटीसी...

गोरखपुर। गोरखपुर में मेट्रो का इंतजार गोरखपुर वासियों पर भारी पड़ रहा है। प्रदेश की योगी सरकार शहर में चलाए जाने वाली मेट्रो का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराने में ही उलझी हुई है तो यह प्रोजेक्ट जिले के अधिकारियों के लिए भी मुसीबत बना है। योगी सरकार के पहले कैबिनेट बैठक में गोरखपुर में मेट्रो रेल चलाए जाने की घोषणा हुई थी लेकिन यह सरकार मार्च 2020 में अपने 3 साल पूरे करने जा रही है और इन 3 सालों में गोरखपुर मेट्रो का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी तैयार नहीं हो पाया है। ऐसे में यह प्रोजेक्ट जहां भाजपा सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है तो विरोधी दल के लोग सरकार की कार्यशैली पर उंगली उठाने से पीछे नहीं हट रहे।

नोट- रेडी टू फ्लैश पैकेज..वॉइस ओवर अटैच...स्पेशल


Body:गोरखपुर मेट्रो को लेकर शुक्रवार 3 जनवरी को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में भी लखनऊ में बैठक हुई थी इसमें एक बार फिर इसके डीपीआर में परिवर्तन हुआ है दो कारीडोर में चलाई जाने वाली मेट्रो के पूर्व के डीपीआर में पहले कारीडोर में कुल 14 स्टेशन थे और मेट्रो श्यामनगर से सूबा बाजार तक चलाई जानी थी। लेकिन इस बार की मीटिंग में इसमें बदलाव कर दिया गया। अब मेट्रो का आखिरी स्टेशन सूबा बाजार न होकर मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय होगा तो मुख्य स्टेशन गोरखपुर रेलवे स्टेशन। इस प्रोजेक्ट पर जिलाधिकारी गोरखपुर का कहना है कि डीपीआर के फाइनल होने के बाद इसको टेक्निकल स्वीकृति मिलेगी। और जब कैबिनेट में इसपर मुहर लगा देगा तो डीपीआर स्वीकृत हो जाएगा। वहीं गोरखपुर दौरे पर आए सीएम योगी से जब मेट्रो को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि समय पर सभी परियोजना पूरी होगी।

बाइट--के विजेंद्र पांडियन, डीएम, गोरखपुर
बाइट-योगी आदित्यनाथ, सीएम यूपी(फाइल)


Conclusion:पहले गोरखपुर में दो बोगी की मेट्रो चलाई जानी थी लेकिन अब यहां तीन बोगी की मेट्रो चलाए जाने के प्रस्ताव पर मोहर लगी है। साथ ही इसके निर्माण पर कुल 4589 को रुपए खर्च का अनुमान है। इसके पहले कॉरिडोर में 14 स्टेशन होंगे जो श्याम नगर से शुरू होकर इंजीनियरिंग विश्व विद्यालय पर समाप्त होगी। जिसकी कुल लंबाई 15.14 किलोमीटर होगी। अनुमान है साल 2024 तक इसमें एक लाख 55 हजार लोग रोजाना सफर करेंगे। वहीं दूसरा कॉरिडोर मैं 12 स्टेशन होंगे जिनकी कुल लंबाई 12.70 किलोमीटर होगी। इस रूट पर 2024 तक 1 लाख 24 हजार लोगों के रोजाना सफर करने का अनुमान है। लेकिन इस प्रोजेक्ट के तीन साल में जमीन पर नहीं उतरने पर विरोधी दल के लोग सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं।

बाइट--कीर्तिनिधि पाण्डेय, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता, सपा

क्लोजिंग पीटीसी...
मुकेश पाण्डेय
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