गोरखपुरः निजीकरण के विरोध में शुक्रवार को बिजलीकर्मियों ने बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया. बिजलीकर्मी लगातार निजीकरण के विरोध में आंदोलन करते चले आ रहे हैं. इसी क्रम में बिजलकर्मियों ने आज गोरखपुर में सीएम और ऊर्जामंत्री की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया. उन्होंने कहा कि वे कार्य बहिष्कार नहीं कर रहे हैं, लेकिन निजीकरण का विरोध करते हैं. जो जनता के हित में नहीं है.
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति मोहद्दीपुर स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय पर जुटे. यहां पर उन्होंने मुख्यमत्री और ऊर्जा मंत्री की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया. इस अवसर पर कर्मचारी नेता बृजेश त्रिपाठी ने कहा कि आज उन लोगों ने यज्ञ किया है. उन्होंने कहा कि विद्युतकर्मी लगातार निजीकरण के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. विद्युतकर्मियों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है. वे कार्य का बहिष्कार नहीं कर रहे हैं.
प्राविधिक कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश त्रिपाठी ने कहा कि एक माह से संघर्ष समिति घोषित आंदोलन कर रही है. कार्य का बहिष्कार नहीं किया जा रहा है. निजीकरण आम आदमी से लेकर उपभोक्ता और व्यापारियों के हित में नहीं है. वे निजीकरण के मामले में बात करें, समिति से बात करें. जो पहले निजीकरण हुआ है, उसका आकलन कर लें. 2008 में टोरंटो आगरा में निजीकरण हुआ था. समीक्षा कर लें. समीक्षा में लगता है कि दोनों फायदे में हैं, तो वे ऐसा करें. वे बता दें कि निजीकरण में 165 करोड़ का नुकसान होता है. दोनों निजीकरण घाटे में हैं. सरकार सब्सिडी देती है और 16 प्रतिशत का फायदा ये लेते हैं. बिजली चोरी से ही नुकसान नहीं हो रहा है. इनकी नीतियों से भी घाटा हो रहा है. वे शीर्ष नेताओं से बातचीत कर लें. एक माह से आंदोलन चल रहा है. उन्होंने कहा कि हम लोग पांच अक्टूबर को दिनभर आंदोलनरत रहेंगे. उन्होंने कहा कि देश आजाद इसलिए नहीं हुआ है कि हम किसी की गुलामी करेंगे.