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गोरखपुर पुलिस ने पेश की मिसाल, मुंबई से मंगाई बीमार बच्चे की दवा

गोरखपुर में कैम्पियरगंज थानाध्यक्ष निर्भय नारायण सिंह की काफी तारीफ हो रही है. दरअसल, थानाध्यक्ष ने काम ही कुछ ऐसा किया है. उन्होंने एक मासूम बच्चे की दवाएं मुंबई से मंगवाई हैं, जिसके बाद क्षेत्र में लोग उनकी काफी प्रशंसा कर रहे हैं.

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कैम्पियरगंज थानाध्यक्ष निर्भय नारायण सिंह
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Published : May 24, 2020, 6:38 PM IST

गोरखपुरः लॉकडाउन के दौरान कैम्पियरगंज पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है, जिसकी काफी प्रशंसा हो रही है. गंभीर बीमारी से जूझ रहे एक मासूम बच्चे की दवा मुंबई से मंगाकर कैम्पियरगंज थानाध्यक्ष निर्भय नारायण सिंह ने मानवता की मिसाल पेश की है, जिससे क्षेत्र में उनकी काफी सराहना की जा रही है.

तहसील कैम्पियरगंज की ग्रामसभा सरहरी निवासी मोतीलाल गुप्ता के 4 साल के बेटे जय की तबीयत लॉकडाउन से कुछ महीन पहले से खराब चल रही थी. परिजन उसका गोरखपुर में इलाज कराते थक गए, लेकिन उसकी तबीयत में सुधार नहीं आया. उन्होंने अपने बेटे का इलाज मुंबई में कराना शुरू किया. लॉकडाउन के पहले 24 फरवरी को मुंबई से इलाज कराकर लौटे थे. वहां से 45 दिनों की दवा भी साथ लेकर आये थे. लॉकडाउन के दौरान दवा खत्म होने के बाद बेटे की तबीयत बिगड़ने लगी.

परीजनों को गोरखपुर में दवा कहीं नहीं मिली. काफी प्रयास के बाद पता चला की यह दवा केवल मुंबई ही मिल पाएगी. परीजनों की मुलाकात संयोग से कैम्पियरगंज थानाध्यक्ष से हो गयी, जिसके बाद इन लोगों ने अपनी समस्या बताई. थानाध्यक्ष ने दवा मंगाने का प्रयास किया. किसी माध्यम से मासूम बच्चे की दवा मुंबई से मंगवाई और परिजनों को सौंपी, जिसके बाद उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. बच्चे के पिता मोतीलाल गुप्ता ने कैम्पियरगंज थानाध्यक्ष का आभार व्यक्त किया.

गोरखपुरः लॉकडाउन के दौरान कैम्पियरगंज पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है, जिसकी काफी प्रशंसा हो रही है. गंभीर बीमारी से जूझ रहे एक मासूम बच्चे की दवा मुंबई से मंगाकर कैम्पियरगंज थानाध्यक्ष निर्भय नारायण सिंह ने मानवता की मिसाल पेश की है, जिससे क्षेत्र में उनकी काफी सराहना की जा रही है.

तहसील कैम्पियरगंज की ग्रामसभा सरहरी निवासी मोतीलाल गुप्ता के 4 साल के बेटे जय की तबीयत लॉकडाउन से कुछ महीन पहले से खराब चल रही थी. परिजन उसका गोरखपुर में इलाज कराते थक गए, लेकिन उसकी तबीयत में सुधार नहीं आया. उन्होंने अपने बेटे का इलाज मुंबई में कराना शुरू किया. लॉकडाउन के पहले 24 फरवरी को मुंबई से इलाज कराकर लौटे थे. वहां से 45 दिनों की दवा भी साथ लेकर आये थे. लॉकडाउन के दौरान दवा खत्म होने के बाद बेटे की तबीयत बिगड़ने लगी.

परीजनों को गोरखपुर में दवा कहीं नहीं मिली. काफी प्रयास के बाद पता चला की यह दवा केवल मुंबई ही मिल पाएगी. परीजनों की मुलाकात संयोग से कैम्पियरगंज थानाध्यक्ष से हो गयी, जिसके बाद इन लोगों ने अपनी समस्या बताई. थानाध्यक्ष ने दवा मंगाने का प्रयास किया. किसी माध्यम से मासूम बच्चे की दवा मुंबई से मंगवाई और परिजनों को सौंपी, जिसके बाद उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. बच्चे के पिता मोतीलाल गुप्ता ने कैम्पियरगंज थानाध्यक्ष का आभार व्यक्त किया.

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