गोरखपुर: जल निकासी और विकास की अन्य परियोजनाओं को तेजी से पुरा करने के प्रयास में नगर निगम के द्वारा कई ऐसे निर्माण किए जा रहे हैं, जो खटाई में पड़ गए हैं. नगर निगम, रेलवे और लोक निर्माण विभाग की जमीन से नाला निकालने और उसपर पुलिया बनाने में तेजी से जुटा था. रेलवे के ऑब्जेक्शन की वजह से उसे निर्माण बीच में ही रोकना पड़ रहा है. नतीजा यह है कि इससे परियोजना पर खर्च हुई धनराशि के साथ, जिस समस्या के समाधान के लिए यह पुल पुलिया, नाला आदि का निर्माण किया जा रहा है वह भी रुक गया है. इससे वहां की जनता की परेशानी बढ़ गयी है.
रेलवे ने डोमिनगढ़ स्टेशन के पीछे नगर निगम के बसियाडीह क्षेत्र में नाला और पुल निर्माण पर ऑब्जेक्शन कर उसे रोका दिया है. इसकी खुदाई हो जाने से लोगों के आवागमन की समस्या बढ़ गई है. लोग बांस बल्लियों के सहारे अपना आवागमन कर रहे हैं. उनकी परेशानी कब तक खत्म होगी कुछ नहीं कहा जा सकता. क्योंकि रेलवे और कुछ जगह लोक निर्माण ने आपत्ति लगाया है. इस मामले में नगर आयुक्त ने कहा है कि समस्या के समाधान का प्रयास चल रहा है. मुख्य अभियंता को इस कार्य के लिए विभागों से समन्वयव स्थापित करने के लिए लगाया गया है.
शहर के डोमिनगढ़ के पास स्थित बसियाडीह मंदिर के सामने बसे वार्ड नंबर 68, महर्षि दाधीच नगर (जफर कालोनी) के स्थानीय नागरिको के पास वोटर कार्ड,आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसी सारी मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं. लेकिन, उनके पास आवागमन का कोई रास्ता नहीं है. पिछले कुछ महीनों तक तो वह रेलवे लाइन की तरफ बने रास्ते की ओर से अपना आवागमन करते थे. लेकिन, रेलवे के ऑब्जेक्शन के बाद वह बंद कर दिया गया. इस आबादी के पास और रेलवे लाइन से सटे रास्ते के बगल से एक नाला निर्माण नगर निगम कर रहा था. इसी पर मध्यम श्रेणी का पुल बनाया जा रहा था. जिससे लोगों का आवागमन होता है. लेकिन, ऐन वक्त पर ऑब्जेक्शन करते हुए रेलवे ने काम बंद करा दिया है. करीब 15 से 20 हजार की आबादी वाला यह नगर एक तरह से रास्ता विहीन हो चुका है. लोग पुलिया पर पटरा और बांस के सहारे इस पार से उस पार आ जा रहे हैं. ऐसे में स्कूली और छोटे बच्चों को लेकर हमेशा खतरा बना हुआ है.
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स्कूल जाने वाली छात्राओं ने भी इसको लेकर अपना दर्द बना किया है. उन्होंने कहा है कि पहले वह साइकिल से स्कूल चली जाती थीं. लेकिन, अब ₹50 प्रतिदिन खर्च करना पड़ रहा है. पुल का निर्माण जल्दी होना चाहिए. मोहल्ले के बुजुर्गों और अन्य नागरिक भी इसे बड़ी समस्या बता रहे हैं. हम सभी की मांग है कि इस निर्माण कार्य को हर हालत में जल्द पूरा किया जाए. रास्ता खतरनाक बन पड़ा है न जाने कब कौन काल के गाल में समा जाए, किसी को कुछ पता नहीं. इस नगर के लोगों का यह रास्ता इस वक्त अग्निपथ की तरह नजर आ रहा है. जहां चलते हुए सिर्फ खतरा ही खतरा है. लोगों का कहना है कि हमने अपने जीवन भर की पूंजी मकान बनाने में लगा दी. अब रास्ता ही नहीं मिलेगा तो हम कहां जाएंगे. कुछ ऐसी ही समस्या नगर निगम क्षेत्र के प्रताप नगर शक्ति नगर बरगदवा जैसे मोहल्ले में भी देखने को मिल रही है. जहां आधा अधूरा निर्माण और लोग निर्माण विभाग का ऑब्जेक्शन लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है. फिलहाल, इस समस्या के लिए विभागीय स्तर पर क्या काम हो रहा है यह तो इन रुकी परियोजनाओं के पूर्ण होने के साथ ही स्पष्ट हो पाएगा.
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