गोरखपुर: कड़ाके की ठंड में आयोजित गोरखपुर महोत्सव में शनिवार को पहले दिन की शाम सुर और संगीत के सितारों के नाम रही. बॉलीवुड की मशहूर गायिका अलका याग्निक ने अपने गीत और संगीत से महोत्सव में समां बांध दिया. वहीं उनके गीत पर दर्शक और श्रोता झूमते नजर आए.
लोगों ने अलका को अपने मोबाइल फोन की लाइट जलाकर समर्थन दिया और अपने स्नेह का इजहार भी किया. लिहाजा दर्शकों का उभरता स्नेह देखकर अलका ने भी एक से बढ़कर एक गीत गाए, लेकिन कड़कड़ाती ठंड में वीआईपी कुर्सियां खाली रहीं. जिन वीआइपी के लिए वीआईपी पास बांटे गए थे, वही कार्यक्रम से नदारद दिखे.
रवि किशन ने अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं का किया पाठ
अलका याग्निक के कार्यक्रम से पहले मशहूर भोजपुरी स्टार गोरखपुर के भाजपा सांसद रवि किशन ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की रचित कविताओं का पाठ मंच से किया. इस दौरान उन्होंने दर्शकों की मांग पर 'लिट्टी चोखवा बनल बा बड़ा मजेदार, जे खाई ना ऊ पछताई मोरे यार' भोजपुरी गीत गाकर सबका खूब मनोरंजन किया.
सैक्सोफोन वादिका सुब्बालक्ष्मी ने बांधा समा
इसके बाद मंच पर आई जानी-मानी सैक्सोफोन वादिका सुब्बालक्ष्मी ने तो सभी का मन ही मोह लिया. बेल्जियम के इस वाद्य यंत्र पर भारतीय नारी की वेशभूषा में जब उन्होंने अपने सुर पिरोए तो पूरा पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. सुब्बालक्ष्मी ने फिल्मी धुनों की प्रस्तुति से दर्शकों को आनंदित किया तो देश के वीर जवानों के प्रति भी अपने संगीत को प्रस्तुत करके उन्हें नमन किया, लेकिन जिसको सुनने के लिए गोरखपुर के लोग सबसे ज्यादा उतावले थे, वह मशहूर गायिका अलका याग्निक थी. जो मंच पर तकरीबन रात के 9:15 बजे काले रंग के गाउन में गुनगुनाते हुए पहुंची तो पूरा पांडाल गूंज उठा.
अलका याग्निक ने भी 'तुम पास आए यूं मुस्कुराए, तुमने न जाने क्या सपने दिखाए' जैसे गीत गाकर सभी का मन मोह लिया. यही नहीं उन्होंने गोरखपुर और यहां के लोगों की जमकर तारीफ भी की. यह कार्यक्रम आधी रात तक चलता रहा और गोरखपुरवासी मेहमान कलाकारों का उत्साह बढ़ाते रहे. बस कार्यक्रम से कोई नदारद मिला तो वह वीआईपी ही थे, जिनकी कुर्सियां खाली ही रह गईं.