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गोरखपुर होगा प्रदूषण फ्री, शहर की खूबसूरती बढ़ाने के लिए बनाया गया ये प्लान

गोरखपुर को स्मार्ट सिटी (Gorakhpur Smart City) बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. कई परियोजनाएं चल रही हैं. वहीं, शहर को वायु प्रदूषण से मुक्त (Gorakhpur Free from Air Pollution) करने के लिए एयर प्यूरीफायर मशीन (Air Purifier Machine in Gorakhpur) लगाई जाएगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 31, 2023, 5:00 PM IST

गोरखपुर को प्रदूषण फ्री बनाने की कवायद

गोरखपुर: सीएम सिटी के रूप में पहचान रखने वाला गोरखपुर शहर, स्मार्ट सिटी के साथ नित नई परियोजनाओं के साथ जुड़ते हुए अपनी खूबसूरती और शहर में सुविधा बढ़ाने में जुटा हुआ है. इससे न सिर्फ शहर का लुक बेहतर होगा, बल्कि सुविधाओं से लोगों को बेहतर जीवन जीने में भी मदद मिलेगी. इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत शहर को नॉन अटेनमेंट सिटी से बाहर निकालने और विकसित करने की पहल तेज हुई है, जिससे वायु प्रदूषण से शहर मुक्त होगा. इसके लिए शहर के दो स्थानों पर सबसे पहले एयर प्यूरीफायर मशीन लगाई जाएगी. इसके लिए दो निजी कंपनियों से करार हो रहा है.

गोरखपुर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय
गोरखपुर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय

यह मशीन वायु प्रदूषण का स्तर मशीन लगाने से पहले और लगाने के बाद की स्थिति का नगर निगम को उपलब्ध कराएगी. परिणाम अच्छा आने के बाद कंपनी को मशीन स्थापित करने के साथ अन्य क्षेत्रों में भी इसे स्थापित करने के लिए जिम्मेदारी मिलेगी. करीब 12 लाख रुपये एक केंद्र की स्थापना पर लगेगा. इस संबंध में अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने कहा है कि लगातार 5 वर्ष तक शहर के वायु प्रदूषण का परीक्षण किया गया. स्थिति सामान्य नहीं मिलने की दशा में ही अब इस प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू होगा. इसके साथ ही वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए शहर में अन्य उपाय भी किए जा रहे हैं. इसमें सड़क की पटरियों को इंटरलॉकिंग करते हुए धूलमुक्त और वन विभाग के सहयोग से विभिन्न पार्कों में पौधारोपण अभियान को तेज किया जा रहा है.

लोगों के लिए स्वच्छ पर्यावरण का संदेश
लोगों के लिए स्वच्छ पर्यावरण का संदेश

अपर नगर आयुक्त ने बताया कि सबसे पहले यह मशीन शहर के शास्त्री चौक पर स्थापित की जाएगी. जिलाधिकारी कार्यालय, नगर निगम, जिला अस्पताल, कलेक्ट्रेट और दीवानी कचहरी समेत विभिन्न जगहों से होकर लोग गुजरते हैं. यहां की रिपोर्ट देखने के बाद परिणाम संतोषजनक मिलने पर कंपनी को शहर के दो क्षेत्र में मशीन को स्थापित करने की अनुमति प्रदान की जाएगी. वायु प्रदूषण की रोकथाम, प्रबंधन और नियंत्रण के लिए संचालित 'राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम' के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह दोनों यूनिट शुरू होगी.

कूड़े के ढेर से गोरखपुर हो रहा प्रदूषित
कूड़े के ढेर से गोरखपुर हो रहा प्रदूषित

वायु प्रदूषण के मामले में गोरखपुर शहर नॉन अटेनमेंट सिटी के श्रेणी में शामिल है. यही वजह है कि 19 विभाग मिलकर महानगर को प्रदूषित शहर के दायरे से बाहर निकालने के प्रयास में जुटे हैं. नगर निगम का प्रयास है कि दीपावली से पहले एयर प्यूरीफायर स्थापित कर दिया जाए, जिससे बढ़ते प्रदूषण के दबाव के बीच इसका परीक्षण हो सकेगा. सर्दियों की दस्तक के साथ ही हवा की गुणवत्ता भी खराब होने लगती है. साथ ही दीपावली में भी जो वायु प्रदूषण होता है, उसके भी स्तर का पता चल सकेगा.

गोरखपुर में फैल रहा प्रदूषण
गोरखपुर में फैल रहा प्रदूषण

शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स जानने के लिए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मोहद्दीपुर चौक, गोरखनाथ मंदिर गेट, मेडिकल कॉलेज रोड, गोलघर, शास्त्री चौक जैसे स्थान को चुना गया था. इसमें यह पाया गया है कि गोरखनाथ मंदिर गेट की तरफ एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत खराब है, जबकि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और मोहद्दीपुर चौक में इसकी स्थिति मध्यम है.

मेडिकल रोड पर भी एयर क्वालिटी खराब है. ऐसे में इसके सुधार के लिए इस प्रयास को धरातल पर उतारना होगा. अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने कहा कि शास्त्री चौक पर लगने वाला यह यंत्र करीब 40 वर्ग मीटर की परिधि में काम करेगा. जो मशीन लगाई जाएगी, वह वायु शोधन प्रणाली से हवा से पार्टिकुलेट मैटर को अलग कर प्रदूषण को काम करती है. इसे 24 घंटे 7 दिन संचालित कर सकते हैं. मॉड्यूलर होने के कारण यह बिजली और स्थान काम लेता है. इसमें फिल्टर बदलने की भी जरूरत नहीं पड़ती.

यह भी पढ़ें: CISF में स्पोर्ट्स कोटे के तहत भर्ती के लिए मौका, जानें कब तक और कैसे कर सकते हैं आवेदन?

यह भी पढ़ें: यूपी कैबिनेट में हुए उज्ज्वला के लाभार्थियों को फ्री सिलेंडर, आजम खान पर कार्रवाई समेत कई फैसले

गोरखपुर को प्रदूषण फ्री बनाने की कवायद

गोरखपुर: सीएम सिटी के रूप में पहचान रखने वाला गोरखपुर शहर, स्मार्ट सिटी के साथ नित नई परियोजनाओं के साथ जुड़ते हुए अपनी खूबसूरती और शहर में सुविधा बढ़ाने में जुटा हुआ है. इससे न सिर्फ शहर का लुक बेहतर होगा, बल्कि सुविधाओं से लोगों को बेहतर जीवन जीने में भी मदद मिलेगी. इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत शहर को नॉन अटेनमेंट सिटी से बाहर निकालने और विकसित करने की पहल तेज हुई है, जिससे वायु प्रदूषण से शहर मुक्त होगा. इसके लिए शहर के दो स्थानों पर सबसे पहले एयर प्यूरीफायर मशीन लगाई जाएगी. इसके लिए दो निजी कंपनियों से करार हो रहा है.

गोरखपुर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय
गोरखपुर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय

यह मशीन वायु प्रदूषण का स्तर मशीन लगाने से पहले और लगाने के बाद की स्थिति का नगर निगम को उपलब्ध कराएगी. परिणाम अच्छा आने के बाद कंपनी को मशीन स्थापित करने के साथ अन्य क्षेत्रों में भी इसे स्थापित करने के लिए जिम्मेदारी मिलेगी. करीब 12 लाख रुपये एक केंद्र की स्थापना पर लगेगा. इस संबंध में अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने कहा है कि लगातार 5 वर्ष तक शहर के वायु प्रदूषण का परीक्षण किया गया. स्थिति सामान्य नहीं मिलने की दशा में ही अब इस प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू होगा. इसके साथ ही वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए शहर में अन्य उपाय भी किए जा रहे हैं. इसमें सड़क की पटरियों को इंटरलॉकिंग करते हुए धूलमुक्त और वन विभाग के सहयोग से विभिन्न पार्कों में पौधारोपण अभियान को तेज किया जा रहा है.

लोगों के लिए स्वच्छ पर्यावरण का संदेश
लोगों के लिए स्वच्छ पर्यावरण का संदेश

अपर नगर आयुक्त ने बताया कि सबसे पहले यह मशीन शहर के शास्त्री चौक पर स्थापित की जाएगी. जिलाधिकारी कार्यालय, नगर निगम, जिला अस्पताल, कलेक्ट्रेट और दीवानी कचहरी समेत विभिन्न जगहों से होकर लोग गुजरते हैं. यहां की रिपोर्ट देखने के बाद परिणाम संतोषजनक मिलने पर कंपनी को शहर के दो क्षेत्र में मशीन को स्थापित करने की अनुमति प्रदान की जाएगी. वायु प्रदूषण की रोकथाम, प्रबंधन और नियंत्रण के लिए संचालित 'राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम' के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह दोनों यूनिट शुरू होगी.

कूड़े के ढेर से गोरखपुर हो रहा प्रदूषित
कूड़े के ढेर से गोरखपुर हो रहा प्रदूषित

वायु प्रदूषण के मामले में गोरखपुर शहर नॉन अटेनमेंट सिटी के श्रेणी में शामिल है. यही वजह है कि 19 विभाग मिलकर महानगर को प्रदूषित शहर के दायरे से बाहर निकालने के प्रयास में जुटे हैं. नगर निगम का प्रयास है कि दीपावली से पहले एयर प्यूरीफायर स्थापित कर दिया जाए, जिससे बढ़ते प्रदूषण के दबाव के बीच इसका परीक्षण हो सकेगा. सर्दियों की दस्तक के साथ ही हवा की गुणवत्ता भी खराब होने लगती है. साथ ही दीपावली में भी जो वायु प्रदूषण होता है, उसके भी स्तर का पता चल सकेगा.

गोरखपुर में फैल रहा प्रदूषण
गोरखपुर में फैल रहा प्रदूषण

शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स जानने के लिए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मोहद्दीपुर चौक, गोरखनाथ मंदिर गेट, मेडिकल कॉलेज रोड, गोलघर, शास्त्री चौक जैसे स्थान को चुना गया था. इसमें यह पाया गया है कि गोरखनाथ मंदिर गेट की तरफ एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत खराब है, जबकि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और मोहद्दीपुर चौक में इसकी स्थिति मध्यम है.

मेडिकल रोड पर भी एयर क्वालिटी खराब है. ऐसे में इसके सुधार के लिए इस प्रयास को धरातल पर उतारना होगा. अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने कहा कि शास्त्री चौक पर लगने वाला यह यंत्र करीब 40 वर्ग मीटर की परिधि में काम करेगा. जो मशीन लगाई जाएगी, वह वायु शोधन प्रणाली से हवा से पार्टिकुलेट मैटर को अलग कर प्रदूषण को काम करती है. इसे 24 घंटे 7 दिन संचालित कर सकते हैं. मॉड्यूलर होने के कारण यह बिजली और स्थान काम लेता है. इसमें फिल्टर बदलने की भी जरूरत नहीं पड़ती.

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