गोरखपुर: इंडियन इकोनॉमिक्स सर्विस (Indian Economics Service) की परीक्षा में गोरखपुर की बेटी अनिशा गौहर ने सफलता का परचम लहरा दिया है. पूरे देश में उसने 11वीं रैंक हासिल की है. वह मौजूदा समय में विमेन एंपावरमेंट पर आईआईटी खड़कपुर में शोध कर रही है और मूलतः इकोनॉमिक्स की ही स्टूडेंट है. ईटीवी भारत से बातचीत में अनिशा ने बताया कि यह उसका तीसरा प्रयास था जिसमें उसे सफलता हासिल हुई है. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 2022 की परीक्षा में अनिशा ने सफल होकर यह कीर्तिमान रचा और अपने परिवार और गोरखपुर को गौरवान्वित होने का अवसर दिया. परीक्षा परिणाम 28 दिसंबर 2022 की शाम को घोषित हुआ है.
उनकी प्राथमिक शिक्षा से लेकर बीएससी तक पढ़ाई गोरखपुर में हुई है. उसने एमएससी इकोनॉमिक्स आईआईटी रुड़की से किया है जो वर्ष 2019 में पूर्ण हुआ. इसके बाद वह आईआईटी खड़कपुर से विमेन एंपावरमेंट में शोध कार्य कर रही है. इस दौरान वह लगातार यूपीएससी की परीक्षा देती रही और आखिरकार सफलता के उस मुकाम तक पहुंच गई जिसकी उसने हसरत पाल रखी थी.
इस सफलता के बाद अनिशा भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में बतौर डिप्टी डायरेक्टर तैनात होंगी. इस दौरान वह डेढ़ वर्ष की ट्रेनिंग हासिल करेगी. गोरखपुर के शास्त्रीनगर मोहल्ले की रहने वाली यह बेटी कहती है कि देश को आर्थिक मजबूती दिलाने के लिए साथ ही, विमेन एंपावरमेंट, एग्रीकल्चर और हेल्थ सेक्टर को भी आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए वह आर्थिक नीतियों के बनाए जाने का हिस्सा बनना चाहती थी. इस वजह से वह इकोनॉमिक्स सेवा में जाना चाहती थी. उसी के अनुरूप वह तैयारी कर रही थी. इसमें आखिरकार उसे सफलता मिल ही गई. वह आईएएस नहीं बनना चाहती थी क्योंकि वह आर्थिक नीतियों पर काम करना चाहती थी.
अनिशा के पिता अहमद सिद्दीकी एक सरकारी कर्मचारी हैं और संत कबीर नगर के मेहदावल तहसील में बतौर पेशकार कार्यरत हैं. यह मूलतः देवरिया जिले के कमहरिया के रहने वाले हैं लेकिन गोरखपुर में आकर बसे और बच्चों को यही से शिक्षा दिलाई. अनिशा की मां का नाम खुशबुन निशा है जो गृहिणी हैं. इनके परिवार में शिक्षा का स्तर बड़ा ही ऊंचे दर्जे का है. अनिशा के बड़े भाई अतिकुर्रहमान मैकेनिकल इंजीनियर है तो छोटा भाई आईआईटी खड़कपुर से कंप्यूटर साइंस में एमटेक है. छोटा भाई सफ़रउद्दीन सिद्दीकी इंडियन एयरफोर्स गाजियाबाद में तैनात है तो बहन शमां परवीन IIITDM जोधपुर से मास्टर इन डिजाइन का कोर्स कर रही है. परिवार में शिक्षा का गजब माहौल है. अनिशा अपनी सफलता पर परिवार के माहौल और माता-पिता के समर्पण को मूलाधार बताया. उसने कहा कि शिक्षकों और मित्रों का हौसला भी बड़ा काम आया है.
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