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गोरखपुर: पेट्रोल पंपों पर लॉकडाउन का असर, बिक्री में 70 फीसदी की कमी

देश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लॉकडाउन लागू किया गया है. इसके चलते आवागमन पर पाबंदी लगी है. इसका सबसे ज्यादा खामियाजा पेट्रोल कंपनियों को उठानी पड़ रही है. गोरखपुर-बस्ती के तकरीबन 1300 पेट्रोल पंपों पर बिक्री में 70 फीसदी की कमी आई है.

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Published : May 13, 2020, 7:44 PM IST

Updated : May 13, 2020, 8:16 PM IST

पेट्रोल पंप
पेट्रोल पंप

गोरखपुर: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के चलते आवागमन बंद है, जिससे डीजल-पेट्रोल की खपत में भारी कमी आई है. इस दौरान गोरखपुर-बस्ती मंडल में पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री में करीब 70 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. गोरखपुर और बस्ती मंडल में तकरीबन 1300 पेट्रोल पंप हैं. और सभी पेट्रोल पंपों का यही हाल है.

जानकारी देते संवाददाता मुकेश पाण्डेय.

पेट्रोल पंप के अध्यक्ष राजन शाही ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान जारी लॉकडाउन में आवागमन बंद होने से पेट्रोल-डीजल की खपत में जबरदस्त कमी आई है. एक सामान्य पेट्रोल पंप पर 1 टैंकर खत्म होने में महज 2 दिन का समय लगता था, लेकिन लॉकडाउन के चलते अब 1 टैंकर को खत्म होने में एक सप्ताह से ज्यादा का समय लग रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन में पेट्रोल-डीजल की मांग में कितनी कमी आई है.

पेट्रोल पंप संचालकों की मानें तो लॉकडाउन के दौरान सरकारी गाड़ियों के साथ राहत सामग्री वितरण में लगे लोग ही पंपों पर तेल लेने आ रहे हैं. सामान्य तौर पर घर से निकलने वाली गाड़ियों की संख्या बेहद कम है, जिससे डीजल-पेट्रोल की खपत बहुत कम हो रही है. 1 दिन में तकरीबन 500 लीटर तेल की खपत प्रति पंप में हो गई है.

पेट्रोल पंप मालिक कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं. वे पेट्रोल पंप कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए मास्क, गलब्स और सैनिटाइजर की व्यवस्था किए हुए हैं, लेकिन पंप के कर्मचारी इस दौरान मायूस बैठे हैं. अब इक्का-दुक्का गाड़ियां ही पेट्रोल पंप पर दिखाई दे रही हैं.


इसे भी पढ़ें- गोरखपुर: श्रमिक ने किया आत्महत्या का प्रयास, कैमरे में कैद हुईं तस्वीरें

गोरखपुर: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के चलते आवागमन बंद है, जिससे डीजल-पेट्रोल की खपत में भारी कमी आई है. इस दौरान गोरखपुर-बस्ती मंडल में पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री में करीब 70 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. गोरखपुर और बस्ती मंडल में तकरीबन 1300 पेट्रोल पंप हैं. और सभी पेट्रोल पंपों का यही हाल है.

जानकारी देते संवाददाता मुकेश पाण्डेय.

पेट्रोल पंप के अध्यक्ष राजन शाही ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान जारी लॉकडाउन में आवागमन बंद होने से पेट्रोल-डीजल की खपत में जबरदस्त कमी आई है. एक सामान्य पेट्रोल पंप पर 1 टैंकर खत्म होने में महज 2 दिन का समय लगता था, लेकिन लॉकडाउन के चलते अब 1 टैंकर को खत्म होने में एक सप्ताह से ज्यादा का समय लग रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन में पेट्रोल-डीजल की मांग में कितनी कमी आई है.

पेट्रोल पंप संचालकों की मानें तो लॉकडाउन के दौरान सरकारी गाड़ियों के साथ राहत सामग्री वितरण में लगे लोग ही पंपों पर तेल लेने आ रहे हैं. सामान्य तौर पर घर से निकलने वाली गाड़ियों की संख्या बेहद कम है, जिससे डीजल-पेट्रोल की खपत बहुत कम हो रही है. 1 दिन में तकरीबन 500 लीटर तेल की खपत प्रति पंप में हो गई है.

पेट्रोल पंप मालिक कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं. वे पेट्रोल पंप कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए मास्क, गलब्स और सैनिटाइजर की व्यवस्था किए हुए हैं, लेकिन पंप के कर्मचारी इस दौरान मायूस बैठे हैं. अब इक्का-दुक्का गाड़ियां ही पेट्रोल पंप पर दिखाई दे रही हैं.


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Last Updated : May 13, 2020, 8:16 PM IST
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