गोरखपुर: स्वास्थ्य सेवा की महत्वपूर्ण कड़ी मनी जाने वाली आशा कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को गोरखपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया. आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी समस्याओं से संबंधित एक मांग पत्र भी चिकित्सा अधिकारी को सौंपा. इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि स्वास्थ्य महकमा उनके साथ खिलवाड़ कर रहा है. जिसकी वजह से वह तरह-तरह की समस्याएं झेल रही हैं. इसके साथ ही आशाओं ने वेतन 18 हजार रुपये प्रति माह मांग कर कहा कि 26 मार्च को पूरे प्रदेश में और 30 मार्च को राजधानी लखनऊ में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
आशा कार्यकत्री की राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदा यादव के नेतृत्व में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया गया. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार आशाओं की बातों को अनसुनी कर रही है. अगर सरकार आशाओं की बात नहीं मानेगी तो आने वाले 2024 के चुनाव में आशा समूह सहित स्वास्थ्य महकमा के कर्मचारी सरकार को हिलाने का काम करेंगे. सरकार उनकी मांगों पर सरकार पुनः विचार कर समस्याओं का निदान करे. उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकार के पास यदि पैसा नहीं है तो आशाएं सड़क पर भीख मांगने के लिए उतर जाएं.
आशा संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने गोरखपुर सीएमओ को जिलाधिकारी से संबोधित एक ज्ञापन पत्र भी सौंपा. चंदा यादव ने कहा कि आशा बहुओं को समय पर मानदेय का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 30 मार्च तक अगर भुगतान नहीं हुआ तो अप्रैल में आशाएं केंद्र सरकार के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन करेंगी.
चंदा यादव ने कहा कि सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो लोग मजदूरी कर रहे हैं, उनका समय भुगतान होना चाहिए. जमीनी स्तर पर सरकार और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का अनुपालन कराने में आशा कार्यकर्ताओं का बड़ा योगदान होता है. लेकिन क्या भूखे पेट बहुत दिनों तक रहा जा सकता है. कई ब्लॉकों में आशाओं को 6 महीने का मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी कहते हैं कि बजट आ रहा है लेकिन आशाओं के खाते में जब एक भी रुपया नहीं पहुंचता है तो गुस्से से सिर फटने लगता है. सरकार और स्वास्थ्य महकमें को उन्होंने चेतावनी देकर कहा है कि समय से भुगतान न करने पर आंदोलन कर कार्य के बहिष्कार के लिए तैयार रहें.
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