ETV Bharat / state

चालिहो महोत्सव से नए मंदिर में विराजेंगे झूलेलाल, सीएम योगी करेंगे लोकार्पण

author img

By

Published : Jul 15, 2023, 12:19 PM IST

सीएम योगी आज गोरखपुर पहुंचेंगे. वे यहां शाम को महाराणा प्रताप की प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे. इसके बाद अगले दिन भगवान झूलेलाल के नवनिर्मित मंदिर का लोकार्पण करेंगे.

गोरखपुर
गोरखपुर

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार शाम दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंच रहे हैं. उनका इस बार का यह दौरा ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व से जुड़ा हुआ होगा. शनिवार शाम जहां वे महाराणा प्रताप की प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे तो रविवार को सिंधी समाज के आराध्य देव भगवान झूलेलाल के नवनिर्मित मंदिर का भी लोकार्पण करेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सोमवार को गोरखपुर से रवाना हो सकते हैं.

सावन के पवित्र माह में वह प्रमुख शिव मंदिरों में दर्शन और जलाभिषेक के लिए भी जाएंगे. लेकिन, उनके इस दौरे में झूलेलाल मंदिर का लोकार्पण सबसे अहम पड़ाव साबित होने वाला है. गोरखपुर से नेपाल को जाने वाली रोड के चौड़ीकरण में पुराना मंदिर तोड़ दिया गया था. अब वह नवनिर्माण के साथ भव्य रूप लेकर तैयार हो रहा है. मुख्यमंत्री ने सिंधी समाज को इसका वचन दिया था. इसके निर्माण के बाद वे लोकार्पण करने पहुंच रहे हैं. सात दशक पूर्व शरणार्थी के रूप में गोरखपुर आए सिंधी समाज के लोगों का गोरक्षपीठ से गहरा रिश्ता है. 16 जुलाई को नवनिर्मित झूलेलाल मंदिर का उद्घाटन कर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस रिश्ते को और मजबूत करेंगे. इसी दिन से सिंधी समाज का प्रमुख पर्व 'चालिहो महोत्सव' भी शुरू हो जाता है, जो 40 दिन के व्रत पूजा विधान को समर्पित है. इसमें सिंधी समाज भगवान झूलेलाल की आरती और पूजन करता है. अंतिम दिन भव्य शोभायात्रा निकालकर समाज को संदेश देने का काम करता है.

भारतीय सिंधी सभा के अध्यक्ष राजेश नेभानी का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों झूलेलाल जी के मंदिर का उद्घाटन होने से गोरखपुर के सिंधी समाज के लिए इस बार का चालिहो पर्व अविस्मरणीय होगा. गोरखपुर का सिंधी समाज गोरक्षपीठ को संरक्षक मानता है. विस्थापन के बाद गोरखपुर आए इस समाज के लोगों को बसाने और उनके माथे से शरणार्थी का दंश मिटाने में तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनके बाद ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ और फिर वर्तमान पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ सिंधी समाज के साथ पूरी तत्परता से खड़े रहे हैं. फोरलेन की जद में होने के कारण मंदिर का काफी हिस्सा टूटा था, जो अब नए और भव्य स्वरूप में दिखेगा.

क्यों मनाया जाता है चालिहो महोत्सव

चालिहो महोत्सव का संबंध भगवान झूलेलाल के प्रकट होने से है. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मिरख बादशाह के अत्याचारों से पीड़ित होकर लोगों ने 40 दिन तक सिंधु नदी के किनारे भगवान गरुड़ की प्रार्थना की थी. 40वें दिन भगवान गरुड़ झूलेलाल के रूप में अवतरित हुए थे. इसी उपलक्ष्य में सिंधी समाज वर्षों से 16 जुलाई से 24 अगस्त तक चालिहो महोत्सव मनाता है, जो उनके उद्धार और संकट को दूर करने का कारण बना था.

यह भी पढ़ें: काशी की गंगा आरती में चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना, सतीश महाना ने कहा- गर्व की पल

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार शाम दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंच रहे हैं. उनका इस बार का यह दौरा ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व से जुड़ा हुआ होगा. शनिवार शाम जहां वे महाराणा प्रताप की प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे तो रविवार को सिंधी समाज के आराध्य देव भगवान झूलेलाल के नवनिर्मित मंदिर का भी लोकार्पण करेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सोमवार को गोरखपुर से रवाना हो सकते हैं.

सावन के पवित्र माह में वह प्रमुख शिव मंदिरों में दर्शन और जलाभिषेक के लिए भी जाएंगे. लेकिन, उनके इस दौरे में झूलेलाल मंदिर का लोकार्पण सबसे अहम पड़ाव साबित होने वाला है. गोरखपुर से नेपाल को जाने वाली रोड के चौड़ीकरण में पुराना मंदिर तोड़ दिया गया था. अब वह नवनिर्माण के साथ भव्य रूप लेकर तैयार हो रहा है. मुख्यमंत्री ने सिंधी समाज को इसका वचन दिया था. इसके निर्माण के बाद वे लोकार्पण करने पहुंच रहे हैं. सात दशक पूर्व शरणार्थी के रूप में गोरखपुर आए सिंधी समाज के लोगों का गोरक्षपीठ से गहरा रिश्ता है. 16 जुलाई को नवनिर्मित झूलेलाल मंदिर का उद्घाटन कर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस रिश्ते को और मजबूत करेंगे. इसी दिन से सिंधी समाज का प्रमुख पर्व 'चालिहो महोत्सव' भी शुरू हो जाता है, जो 40 दिन के व्रत पूजा विधान को समर्पित है. इसमें सिंधी समाज भगवान झूलेलाल की आरती और पूजन करता है. अंतिम दिन भव्य शोभायात्रा निकालकर समाज को संदेश देने का काम करता है.

भारतीय सिंधी सभा के अध्यक्ष राजेश नेभानी का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों झूलेलाल जी के मंदिर का उद्घाटन होने से गोरखपुर के सिंधी समाज के लिए इस बार का चालिहो पर्व अविस्मरणीय होगा. गोरखपुर का सिंधी समाज गोरक्षपीठ को संरक्षक मानता है. विस्थापन के बाद गोरखपुर आए इस समाज के लोगों को बसाने और उनके माथे से शरणार्थी का दंश मिटाने में तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनके बाद ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ और फिर वर्तमान पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ सिंधी समाज के साथ पूरी तत्परता से खड़े रहे हैं. फोरलेन की जद में होने के कारण मंदिर का काफी हिस्सा टूटा था, जो अब नए और भव्य स्वरूप में दिखेगा.

क्यों मनाया जाता है चालिहो महोत्सव

चालिहो महोत्सव का संबंध भगवान झूलेलाल के प्रकट होने से है. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मिरख बादशाह के अत्याचारों से पीड़ित होकर लोगों ने 40 दिन तक सिंधु नदी के किनारे भगवान गरुड़ की प्रार्थना की थी. 40वें दिन भगवान गरुड़ झूलेलाल के रूप में अवतरित हुए थे. इसी उपलक्ष्य में सिंधी समाज वर्षों से 16 जुलाई से 24 अगस्त तक चालिहो महोत्सव मनाता है, जो उनके उद्धार और संकट को दूर करने का कारण बना था.

यह भी पढ़ें: काशी की गंगा आरती में चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना, सतीश महाना ने कहा- गर्व की पल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.