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गोरक्षपीठ में गौ माता की पूजा-अर्चना के साथ मनाई गई गोपाष्‍टमी

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Published : Nov 22, 2020, 9:03 PM IST

गोरखनाथ मंदिर स्थित गोशाला में कार्तिक माह के शुक्‍ल पक्ष की अष्‍टमी को गोपाष्टमी का पर्व मनाया गया. इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में पूजा-अर्चना का कार्यक्रम आयोजित हुआ. साथ ही गोशाला में रहने वाली गौ माता की पूजा-अर्चना के बाद माल्‍यार्पण कर गुड़ खिलाया गया.

गोपाष्‍टमी.
गोपाष्‍टमी.

गोरखपुर: गोरक्षपीठ की गोशाला में रविवार को गोपाष्‍टमी के अवसर पर पूजन-अर्चन का आयोजन किया गया. पशुपालन विभाग गोरखपुर की ओर से गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में आयोजन किया गया. इस अवसर पर गोमाता के दूध से लेकर गोबर तक की उपयोगिता पर भी चर्चा की गई. गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ की उपस्थिति में पूजन-अर्चन का कार्यक्रम किया गया. इस अवसर पर गोशाला में रहने वाली गौ माता की पूजा-अर्चना के बाद माल्‍यार्पण कर गुड़ खिलाया गया.

गोरखनाथ मंदिर स्थित गोशाला में कार्तिक माह के शुक्‍ल पक्ष की अष्‍टमी को गोपाष्टमी का पर्व मनाया गया. इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में पूजा-अर्चना का कार्यक्रम आयोजित हुआ. गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के नेतृत्‍व में मठ के पुरोहित रामनुज त्रिपाठी वैदिक ने मंत्रोच्‍चार कर विधि-विधान से पूजन को संपन्न कराया.

इसके बाद गोशाला में गाय और नवजात बछड़े को गुड़ खिलाने के उपरांत माला पहनाकर पूजा-पाठ किया गया. गोशाला परिसर में कलश और दीप जलाकर विधिवत पूजा के बाद हवन किया गया. गोपाष्‍टमी के अवसर पर गोशाला परिसर में ही गाय के दूध और चावल से विशेष प्रकार का प्रसाद 'जेवनार' बनाया गया. गोइठा की आग पर हांडी में तैयार जेवनार प्रसाद को सभी में वितरित किया गया.

इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर मठ के पुरोहित रामानुज त्रिपाठी वैदिक ने कहा कि हमारे चारों तरफ गाय ही गाय हैं. ऐसा उद्देश्‍य कर गौ माता की पूजा की गई. गाय के दूध से निर्मित जेवनार बनाया गया. गोसंवाद का आयोजन किया गया. गोशांति के लिए गोशांति का पाठ किया गया. इसमें मंदिर के मुख्‍य लोगों के साथ अन्‍य साधु-संत उपस्थित रहे. गोपाष्‍टमी के दिन देश में जगह-जगह गोपूजन किया जा रहा है.

गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय सचिव द्वारिका तिवारी ने गोपाष्‍टमी पर गौ माता के स्‍वस्‍थ होने की कामना की. उन्होंने कहा कि 'गौ हमारी माता है, देश-धर्म से नाता है'. ये कहावत चरितार्थ है. उन्‍होंने कहा कि हर घर में एक गाय होनी चाहिए. गाय के दूध को उपयोग में लाना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि गाय का गोबर और मूत्र यानी पंचगव्‍य को उपयोगी बताया गया है. उन्‍होंने अपील करते हुए कहा कि हर घर में एक गाय रखें और उसकी सेवा करें.

इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, मठ पुरोहित रामानुज त्रिपाठी वैदिक, कार्यालय सचिव द्वारिका तिवारी, विनय गौतम, पशुपालन विभाग गोरखपुर से डॉ. बी पी सिंह, डॉ. सरोज चौधरी, गोशाला के मान मोहम्मद, गो सेवक राधे बाबा उपस्थित रहे.

गोरखपुर: गोरक्षपीठ की गोशाला में रविवार को गोपाष्‍टमी के अवसर पर पूजन-अर्चन का आयोजन किया गया. पशुपालन विभाग गोरखपुर की ओर से गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में आयोजन किया गया. इस अवसर पर गोमाता के दूध से लेकर गोबर तक की उपयोगिता पर भी चर्चा की गई. गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ की उपस्थिति में पूजन-अर्चन का कार्यक्रम किया गया. इस अवसर पर गोशाला में रहने वाली गौ माता की पूजा-अर्चना के बाद माल्‍यार्पण कर गुड़ खिलाया गया.

गोरखनाथ मंदिर स्थित गोशाला में कार्तिक माह के शुक्‍ल पक्ष की अष्‍टमी को गोपाष्टमी का पर्व मनाया गया. इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में पूजा-अर्चना का कार्यक्रम आयोजित हुआ. गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के नेतृत्‍व में मठ के पुरोहित रामनुज त्रिपाठी वैदिक ने मंत्रोच्‍चार कर विधि-विधान से पूजन को संपन्न कराया.

इसके बाद गोशाला में गाय और नवजात बछड़े को गुड़ खिलाने के उपरांत माला पहनाकर पूजा-पाठ किया गया. गोशाला परिसर में कलश और दीप जलाकर विधिवत पूजा के बाद हवन किया गया. गोपाष्‍टमी के अवसर पर गोशाला परिसर में ही गाय के दूध और चावल से विशेष प्रकार का प्रसाद 'जेवनार' बनाया गया. गोइठा की आग पर हांडी में तैयार जेवनार प्रसाद को सभी में वितरित किया गया.

इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर मठ के पुरोहित रामानुज त्रिपाठी वैदिक ने कहा कि हमारे चारों तरफ गाय ही गाय हैं. ऐसा उद्देश्‍य कर गौ माता की पूजा की गई. गाय के दूध से निर्मित जेवनार बनाया गया. गोसंवाद का आयोजन किया गया. गोशांति के लिए गोशांति का पाठ किया गया. इसमें मंदिर के मुख्‍य लोगों के साथ अन्‍य साधु-संत उपस्थित रहे. गोपाष्‍टमी के दिन देश में जगह-जगह गोपूजन किया जा रहा है.

गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय सचिव द्वारिका तिवारी ने गोपाष्‍टमी पर गौ माता के स्‍वस्‍थ होने की कामना की. उन्होंने कहा कि 'गौ हमारी माता है, देश-धर्म से नाता है'. ये कहावत चरितार्थ है. उन्‍होंने कहा कि हर घर में एक गाय होनी चाहिए. गाय के दूध को उपयोग में लाना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि गाय का गोबर और मूत्र यानी पंचगव्‍य को उपयोगी बताया गया है. उन्‍होंने अपील करते हुए कहा कि हर घर में एक गाय रखें और उसकी सेवा करें.

इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, मठ पुरोहित रामानुज त्रिपाठी वैदिक, कार्यालय सचिव द्वारिका तिवारी, विनय गौतम, पशुपालन विभाग गोरखपुर से डॉ. बी पी सिंह, डॉ. सरोज चौधरी, गोशाला के मान मोहम्मद, गो सेवक राधे बाबा उपस्थित रहे.

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