गोरखपुरः कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद भारतीय रेलवे ने माल लदान और ढुलाई के अपने पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. वित्त वर्ष 2020-21 समाप्त होने के पूर्व ही 11 मार्च 2021 तक 1145.68 मिलियन टन माल का लदान हुआ. यह पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में माल लदान 1145.61 से अधिक है. मार्च, 2021 में माल लदान में वृद्धि का यह क्रम पूरे भारतीय रेल पर जारी है. मार्च, 2021 में 11 मार्च, 2021 तक 43.43 मिलियन टन का लदान हुआ, जो गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है. दिन-प्रतिदिन के आधार पर 11 मार्च 2021 को भारतीय रेल पर 4.07 मिलियन टन का लदान हुआ है, जो गत वर्ष के इसी दिन की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है.
पूर्वोत्तर रेलवे ने भी कोरोना काल में पिछले वर्ष की तुलना में की अधिक माल की ढुलाई
इसी प्रकार पूर्वोत्तर रेलवे पर माल यातायात की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी और विभिन्न स्तरों पर गठित ‘बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट‘ के प्रयासों के फलस्वरूप माल लदान में वृद्धि हुई है. 12 मार्च 2021 तक पूर्वोत्तर रेलवे पर 2.4313 मिलियन टन माल का लदान हुआ, जो गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5.5 प्रतिशत अधिक है. इसी प्रकार मार्च 2021 में 12 मार्च तक पूर्वोत्तर रेलवे पर गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 107.10 प्रतिशत माल लदान अधिक हुआ. वित्त वर्ष 2020-21 के आरंभ से ही देशवासियों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाने हेतु देशव्यापी लाॅकडाउन लागू हुआ. इसका प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा. रेल अधिकारियों के अनुसार ऐसे में भारतीय रेल ने विशेष योजना बनाकर कार्य किया और देश के विभिन्न भागों से माललदान कर उसे गन्तव्य पर पहुंचाया. मालगाड़ियों की औसत गति में वृद्धि की. माल लदान में वृद्धि के लिए व्यापारिक संस्थाओं को रियायत दी गई.
बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि माल लदान में बढ़ोत्तरी के लिए मंडल और मुख्यालय स्तर पर गठित ‘बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट‘ ने योजना बनाई. इसी के प्रयासों, मालगाड़ियों की औसत गति में वृद्धि तथा मालगोदामों में अपेक्षित सुधार से माल लदान में वृद्धि हो रही है. पुराने आईसीएफ कोचों को एनएमजी वैगनों में परिवर्तित किए जाने के कारण आटोमोबाइल लदान में वृद्धि हुई है. पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल पर हल्दी रोड स्टेशन से बांग्लादेश हेतु आटोमोबाइल की बुकिंग की जा रही है, जो पूर्व में सड़क मार्ग से होता था. इसी प्रकार नौतनवा स्टेशन आटोमोबाइल टर्मिनल के रूप में विकसित हुआ, जिससे रेल मार्ग से यहां आकर नेपाल को जाने वाला माल यहीं अनलोड कर भेजा जा रहा है.