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गोरखपुर: डीएम के वाट्सएप का क्लोन बनाकर जालसाज ने अधिकारियों से मांगे पैसे - गोरखपुर में साइबर ठगी

गोरखपुर में जालसाजों ने डीएम के वाट्सएप का क्लोन बनाकर एडीएम और एसडीएम रैंक के अधिकारियों से पैसे मांगे. अधिकारियों ने जालसाजी का एहसास होने पर चैटिंग बंद कर दी. वहीं, जालसाजी की सूचना मितते ही डीएम ने एसएसपी को इसकी सूचना दी.

गोरखपुर डीएम
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Published : Jun 16, 2022, 9:30 AM IST

गोरखपुर: जालसाजों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि साइबर ठगी में आला अफसरों के नाम का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचक कर रहे हैं. ऐसा ही वाक्या नवागत डीएम कृष्णा करुणेश के साथ भी हुआ. जालसाजों ने उनके वाट्सएप का क्लोन बनाकर मंगलवार सुबह एडीएम और एसडीएम रैंक के अधिकारियों से पैसे की मांग की.

मामला तब खुला जब जालसाज ने अपनी चैटिंग में जरूरी बैठक में होने का हवाला देते हुए कॉल नहीं कर पाने की बात कही. डीएम भी ठीक उसी समय एयरफोर्स की बैठक में मौजूद थे. हालांकि, चैटिंग को देखते ही अफसरों को जालसाजी का आभास हुआ. कुछ अफसरों ने प्रारंभिक चैटिंग के बाद जवाब देना ही बंद कर दिया तो कुछ ने सीधे डीएम के सीयूजी नंबर पर फोन कर बात कर ली.

जानकारी देते गोरखपुर डीएम

यह भी पढ़ें: कानपुर देहात: वित्तीय अनियमितता का आरोप, अकबरपुर की ईओ देवहूति पांडेय सस्पेंड

जालसाजी की सूचना मिलते ही डीएम कृष्णा करुणेश ने इसकी जानकारी एसएसपी डॉ. विपिन ताडा को दी. इसके बाद साइबर सेल जांच में जुट गया. सेल ने तत्काल फर्जी वाट्सएप आईडी को बंद कर दिया. जालसाज ने डीएम की फोटो सहित वाट्सएप का क्लोन बनाकर सुबह अधिकारियों से चैटिंग शुरू की. डीएम बनकर उसने बताया कि वह बैठक में हैं और ज्यादा कॉल नहीं कर पाएंगे. इसलिए मैसेज चैटिंग से बात कर रहा हूं. फिर जालसाज ने पैसे की मांग की. जालसाज ने कहा कि अमेजॉन पे पर गिफ्ट पैकेट आया है, उसी को लेने के लिए पैसे देने होंगे.

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गोरखपुर: जालसाजों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि साइबर ठगी में आला अफसरों के नाम का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचक कर रहे हैं. ऐसा ही वाक्या नवागत डीएम कृष्णा करुणेश के साथ भी हुआ. जालसाजों ने उनके वाट्सएप का क्लोन बनाकर मंगलवार सुबह एडीएम और एसडीएम रैंक के अधिकारियों से पैसे की मांग की.

मामला तब खुला जब जालसाज ने अपनी चैटिंग में जरूरी बैठक में होने का हवाला देते हुए कॉल नहीं कर पाने की बात कही. डीएम भी ठीक उसी समय एयरफोर्स की बैठक में मौजूद थे. हालांकि, चैटिंग को देखते ही अफसरों को जालसाजी का आभास हुआ. कुछ अफसरों ने प्रारंभिक चैटिंग के बाद जवाब देना ही बंद कर दिया तो कुछ ने सीधे डीएम के सीयूजी नंबर पर फोन कर बात कर ली.

जानकारी देते गोरखपुर डीएम

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जालसाजी की सूचना मिलते ही डीएम कृष्णा करुणेश ने इसकी जानकारी एसएसपी डॉ. विपिन ताडा को दी. इसके बाद साइबर सेल जांच में जुट गया. सेल ने तत्काल फर्जी वाट्सएप आईडी को बंद कर दिया. जालसाज ने डीएम की फोटो सहित वाट्सएप का क्लोन बनाकर सुबह अधिकारियों से चैटिंग शुरू की. डीएम बनकर उसने बताया कि वह बैठक में हैं और ज्यादा कॉल नहीं कर पाएंगे. इसलिए मैसेज चैटिंग से बात कर रहा हूं. फिर जालसाज ने पैसे की मांग की. जालसाज ने कहा कि अमेजॉन पे पर गिफ्ट पैकेट आया है, उसी को लेने के लिए पैसे देने होंगे.

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