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रेलवे के रिटायर्ड इंजीनियर से 10 लाख की जालसाजी, कोर्ट के आदेश पर 8 के खिलाफ केस र्दज

गोरखपुर में रेलवे के रिटायर्ड सीनियर सेक्शन इंजीनियर से 10 लाख की जालसाजी करने का मामला सामने आया है. कोर्ट के आदेश पर 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

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Published : Dec 2, 2022, 5:40 PM IST

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे के यांत्रिक कारखाना के रिटायर्ड सीनियर सेक्शन इंजीनियर से 10 लाख की ठगी का मामला सामने आया है. 156(3) के तहत कोर्ट के आदेश पर गोरखनाथ पुलिस ने गुरूवार को 8 जालसाजों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. इन लोगों पर आरोपियों ने अलग-अलग बैंक में डिपोजिट कराने के नाम पर 10 लाख की (Fraud of retired railway engineer in Gorakhpur) ठगी की है. गोरखनाथ के जटेपुर उत्तरी निवासी हरिओम प्रकाश सिंह मामले में पुलिस को तहरीर दी थी. उन्होंने बताया कि वह पूर्वाेत्तर रेलवे के यांत्रिक कारखाना में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर थे. बीते 31 जुलाई 2019 को वह रिटायर्ड हुए. उसी दिन यांत्रिक कारखाना में अरविंद कुमार और रणधीण त्रिपाठी नामक दो लोग आए और खुद को एसबीआई लाइफ और एसबीआईपीएल का एजेंट बताया. उन लोगों ने उनसे धीरे-धीरे कई बार में 10 लाख रूपये अलग-अलग बैंकों में जमा (Ten lakh forgery case in Gorakhpur) करा लिए. इसके बदले में कहा कि बोनस और पेंशन भी मिलेगा. लेकिन, समय बीतने के बाद भी न तो बोनस मिला और न ही पेंशन मिला.

पढ़ें- कोर्ट ने दंपति को उम्रकैद की सजा का फैसला सुनाया

20 नवंबर 2020 को हरिओम प्रकाश ने पुलिस को तहरीर दी थी. लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराने के लिए गुहार लगाई. कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने लखनऊ के विनय नगर निवासी रणधीण त्रिपाठी, गोरखपुर के चिलुआताल के जंगल बहादुर अली निवासी अरविंद कुमार, इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ के रणधीण त्रिपाठी, स्माटॉन के निदेशन उमेश कुमार वर्मा, नागेंद्र मिश्रा, कोटक महेंद्रा शाहजनक रोड लखनऊ के मैनेजर के खिलाफ रूपये हड़पने, धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है.


पढ़ें- बनारस रेल इंजन कारखाना ने बोगियों को बनाने का बनाया रिकॉर्ड

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे के यांत्रिक कारखाना के रिटायर्ड सीनियर सेक्शन इंजीनियर से 10 लाख की ठगी का मामला सामने आया है. 156(3) के तहत कोर्ट के आदेश पर गोरखनाथ पुलिस ने गुरूवार को 8 जालसाजों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. इन लोगों पर आरोपियों ने अलग-अलग बैंक में डिपोजिट कराने के नाम पर 10 लाख की (Fraud of retired railway engineer in Gorakhpur) ठगी की है. गोरखनाथ के जटेपुर उत्तरी निवासी हरिओम प्रकाश सिंह मामले में पुलिस को तहरीर दी थी. उन्होंने बताया कि वह पूर्वाेत्तर रेलवे के यांत्रिक कारखाना में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर थे. बीते 31 जुलाई 2019 को वह रिटायर्ड हुए. उसी दिन यांत्रिक कारखाना में अरविंद कुमार और रणधीण त्रिपाठी नामक दो लोग आए और खुद को एसबीआई लाइफ और एसबीआईपीएल का एजेंट बताया. उन लोगों ने उनसे धीरे-धीरे कई बार में 10 लाख रूपये अलग-अलग बैंकों में जमा (Ten lakh forgery case in Gorakhpur) करा लिए. इसके बदले में कहा कि बोनस और पेंशन भी मिलेगा. लेकिन, समय बीतने के बाद भी न तो बोनस मिला और न ही पेंशन मिला.

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20 नवंबर 2020 को हरिओम प्रकाश ने पुलिस को तहरीर दी थी. लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराने के लिए गुहार लगाई. कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने लखनऊ के विनय नगर निवासी रणधीण त्रिपाठी, गोरखपुर के चिलुआताल के जंगल बहादुर अली निवासी अरविंद कुमार, इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ के रणधीण त्रिपाठी, स्माटॉन के निदेशन उमेश कुमार वर्मा, नागेंद्र मिश्रा, कोटक महेंद्रा शाहजनक रोड लखनऊ के मैनेजर के खिलाफ रूपये हड़पने, धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है.


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