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गोरखपुर: निषाद बिरादरी के कद्दावर नेता थे पूर्व मंत्री जमुना निषाद, नौवीं पुण्यतिथि पर किया गया याद - गोरखपुर की खबरें

गोरखपुर में पूर्व मंत्री स्वर्गीय जमुना निषाद की 9वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया गया. इस अवसर पर उनके पैतृक गांव खुटहन खास स्थित समाधि स्थल पर गायत्री मंत्र उच्चारण एवं हवन के साथ उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी की गई. उनके पुत्र अमरेंद्र निषाद से इस मौके पर ईटीवी भारत ने बातचीत की.

पूर्व मंत्री जमुना निषाद
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Published : Nov 22, 2019, 4:15 PM IST

गोरखपुर: जनपद में पूर्व मंत्री स्वर्गीय जमुना निषाद की 9वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर उनको याद किया गया. बता दें कि बसपा की सरकार में उत्तर प्रदेश के पुर्व मत्स्य एवं सैनिक कल्याण मंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे जमुना निषाद की मृत्यु 9 वर्ष पहले सड़क दुर्घटना में हो गई थी. इस मौके पर पूर्व विधायक के पुत्र डॉ अमरेंद्र निषाद ने ईटीवी भारत से बातचीत की और अपने पिता के जीवन के बारे में बताया.

बहुजन समाज पार्टी की सरकार में उत्तर प्रदेश के पुर्व मत्स्य एव सैनिक कल्याण मंत्री स्वतंत्रत प्रभार स्वर्गीय जमुना निषाद की 9वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. उनके पैतृक गांव खुटहन खास स्थित समाधि स्थल पर गायत्री मंत्र उच्चारण एवं हवन के साथ उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली दी की गई. आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए सपा जिलाध्यक्ष प्रह्लाद यादव ने उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि स्वर्गीय जमुना निषाद के अधूरे सपनों को पूरा करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

पूर्व मंत्री स्वर्गीय जमुना निषाद की 9वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया गया.
ईटीवी भारत से बोले अमरेंद्र निषाद पिता का संघर्ष प्रेरणा श्रोत
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान पूर्व मंत्री के पुत्र और विधानसभा पिपराइच के पूर्व प्रत्याशी डॉ. अमरेंद्र निषाद ने कहा कि पिता जी का संषर्घ ही हमारे लिए प्रेरणा है. हमें और आने वाली पीढी को उनके संघर्षों से प्रेरणा लेनी चाहिए. वह एक व्यक्ति नहीं एक विचार थे. हम उनके विचारों को आगे बढाने का कार्य करेंगे. बसपा सरकार में जब वह मंत्री बने तो हर वर्ग के लिए कार्य किया. किसान,मजदूर, नौजवान हर जाति, धर्म के लोगों की उन्होंने मदद की. महाराजगंज में एक गरीब की मदद करने पर उनको भी जेल जाना पड़ा था.


उनकी कमी आजीवन खलेगी
डॉ. अमरेंद्र निषाद ने ईटीवी भारत को बताया पिता जी आज हमारे बीच नहीं है. उनकी कमी आजीवन हमें खलती रहेगी. अगर आज वह जीवित होते तो तमाम अत्याचार जो गरीबों हो रहे संभवतः नहीं होते. उनमें किसानों मजदूरों और गरीबों की लड़ाई लड़ने का गुण था. सरकार जो आज सोच रही है वह विधायक मंत्री रहने से पहले सोच चुके थे.


एक वोट देकर सपा की सरकार बनाने में मदद करेंगे
ईटीवी भारत के संवाददाता के प्रश्नों का उत्तर देते हुए डॉ. अमरेंद्र निषाद ने कहा कि आगामी 2022 के चुनाव में स्वर्गीय मंत्री जी के विचारों को और समाजवादी पार्टी की नीतियों को लेकर आने वाले चुनाव में पिपराइच विधानसभा से एक वोट देकर उत्तर प्रदेश की सरकार बनाने में मदद करूंगा.


स्वर्गीय जमुना निषाद बिरादरी के कद्दावर नेता थे
स्व. जमुना निषाद का जन्म 1953 में जनपद के गुलरिहा थाना अन्तर्गत खुटहन खास गांव में हुआ था. स्व. निषाद का पूरा जीवन संघर्षमय रहा. ईटीवी भारत से खास बातचीत में अमरेंद्र निषाद ने बताया कि उनके दिव्यांग पिता एलएलबी की पढाई पूरी करने के बाद गोरखपुर कचहरी में प्रैक्टिस कर रहे थे. 1988-89 में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की सरकार में मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलित पिपराइच के रीठियां गांव के किसानों की लड़ाई में खुलकर साथ दिया और वहीं से उनकी राजनीतिक पारी की शुरुआत हुई.


1989 में विधानसभा चुनाव मैदान उतरे
अमरेंद्र निषाद ने बताया कि उनके पिता 1989 में पिपराइच विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनाव लड़े. वर्ष 2007 में बसपा की सीट पर विधायक चुने गए. बसपा सरकार ने उनको सैनिक कल्याण और मत्स्य विभाग का स्वतंत्र प्रभार देकर मंत्री नियुक्त किया.

एक नजर पूर्व मंत्री के राजनीतिक जीवन पर

  • स्व. जमुना निषाद 1996 के बाद कई पार्टियों के साथ राजनितिक संबंधों को बदला लेकिन पिपराईच विधानसभा के चुनाव में असफल रहे.
  • वर्ष 2002 में उन्होंने अपना विधानसभा क्षेत्र पिपराइच से बदलकर महाराजगंज के पनीयार से बसपा के टिकट पर चुनाव में उतरे, लेकिन फिए एक बार करारी हार का सामना करना पड़ा.
  • वर्ष 2007 में ग्राम प्रधान के रूप में गांव का प्रतिनिधित्व करने अवसर उन्हें प्राप्त हुआ.
  • उसी वर्ष विधानसभा पिपराइच से पूर्व मंत्री जितेंद्र जायसवाल को करीब 6,000 वोटों से शिकस्त देकर विधायक बनें.
  • बसपा की मुखिया मायावती ने उन्हें सैनिक कल्याण और मत्स्य विभाग का स्वतंत्र प्रभार देकर मंत्री नियुक्त किया.

सड़क दुर्घटना में आकस्मिक निधन
बताया जाता है कि राजनैतिक षड्यंत्र के तहत उन्हें जेल जाना और मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. जमानत पर रिहा होने के बाद 19 नवंबर 2010 को घर आते समय लखनऊ के सफदरगंज हाइवे पर सड़क दुर्घटना में उनकी जीवन लीला समाप्त हो गई. इनकी सड़क दुर्घटना को भी षड्यंत्र माना जाता है.

गोरखपुर: जनपद में पूर्व मंत्री स्वर्गीय जमुना निषाद की 9वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर उनको याद किया गया. बता दें कि बसपा की सरकार में उत्तर प्रदेश के पुर्व मत्स्य एवं सैनिक कल्याण मंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे जमुना निषाद की मृत्यु 9 वर्ष पहले सड़क दुर्घटना में हो गई थी. इस मौके पर पूर्व विधायक के पुत्र डॉ अमरेंद्र निषाद ने ईटीवी भारत से बातचीत की और अपने पिता के जीवन के बारे में बताया.

बहुजन समाज पार्टी की सरकार में उत्तर प्रदेश के पुर्व मत्स्य एव सैनिक कल्याण मंत्री स्वतंत्रत प्रभार स्वर्गीय जमुना निषाद की 9वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. उनके पैतृक गांव खुटहन खास स्थित समाधि स्थल पर गायत्री मंत्र उच्चारण एवं हवन के साथ उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली दी की गई. आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए सपा जिलाध्यक्ष प्रह्लाद यादव ने उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि स्वर्गीय जमुना निषाद के अधूरे सपनों को पूरा करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

पूर्व मंत्री स्वर्गीय जमुना निषाद की 9वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया गया.
ईटीवी भारत से बोले अमरेंद्र निषाद पिता का संघर्ष प्रेरणा श्रोत
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान पूर्व मंत्री के पुत्र और विधानसभा पिपराइच के पूर्व प्रत्याशी डॉ. अमरेंद्र निषाद ने कहा कि पिता जी का संषर्घ ही हमारे लिए प्रेरणा है. हमें और आने वाली पीढी को उनके संघर्षों से प्रेरणा लेनी चाहिए. वह एक व्यक्ति नहीं एक विचार थे. हम उनके विचारों को आगे बढाने का कार्य करेंगे. बसपा सरकार में जब वह मंत्री बने तो हर वर्ग के लिए कार्य किया. किसान,मजदूर, नौजवान हर जाति, धर्म के लोगों की उन्होंने मदद की. महाराजगंज में एक गरीब की मदद करने पर उनको भी जेल जाना पड़ा था.


उनकी कमी आजीवन खलेगी
डॉ. अमरेंद्र निषाद ने ईटीवी भारत को बताया पिता जी आज हमारे बीच नहीं है. उनकी कमी आजीवन हमें खलती रहेगी. अगर आज वह जीवित होते तो तमाम अत्याचार जो गरीबों हो रहे संभवतः नहीं होते. उनमें किसानों मजदूरों और गरीबों की लड़ाई लड़ने का गुण था. सरकार जो आज सोच रही है वह विधायक मंत्री रहने से पहले सोच चुके थे.


एक वोट देकर सपा की सरकार बनाने में मदद करेंगे
ईटीवी भारत के संवाददाता के प्रश्नों का उत्तर देते हुए डॉ. अमरेंद्र निषाद ने कहा कि आगामी 2022 के चुनाव में स्वर्गीय मंत्री जी के विचारों को और समाजवादी पार्टी की नीतियों को लेकर आने वाले चुनाव में पिपराइच विधानसभा से एक वोट देकर उत्तर प्रदेश की सरकार बनाने में मदद करूंगा.


स्वर्गीय जमुना निषाद बिरादरी के कद्दावर नेता थे
स्व. जमुना निषाद का जन्म 1953 में जनपद के गुलरिहा थाना अन्तर्गत खुटहन खास गांव में हुआ था. स्व. निषाद का पूरा जीवन संघर्षमय रहा. ईटीवी भारत से खास बातचीत में अमरेंद्र निषाद ने बताया कि उनके दिव्यांग पिता एलएलबी की पढाई पूरी करने के बाद गोरखपुर कचहरी में प्रैक्टिस कर रहे थे. 1988-89 में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की सरकार में मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलित पिपराइच के रीठियां गांव के किसानों की लड़ाई में खुलकर साथ दिया और वहीं से उनकी राजनीतिक पारी की शुरुआत हुई.


1989 में विधानसभा चुनाव मैदान उतरे
अमरेंद्र निषाद ने बताया कि उनके पिता 1989 में पिपराइच विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनाव लड़े. वर्ष 2007 में बसपा की सीट पर विधायक चुने गए. बसपा सरकार ने उनको सैनिक कल्याण और मत्स्य विभाग का स्वतंत्र प्रभार देकर मंत्री नियुक्त किया.

एक नजर पूर्व मंत्री के राजनीतिक जीवन पर

  • स्व. जमुना निषाद 1996 के बाद कई पार्टियों के साथ राजनितिक संबंधों को बदला लेकिन पिपराईच विधानसभा के चुनाव में असफल रहे.
  • वर्ष 2002 में उन्होंने अपना विधानसभा क्षेत्र पिपराइच से बदलकर महाराजगंज के पनीयार से बसपा के टिकट पर चुनाव में उतरे, लेकिन फिए एक बार करारी हार का सामना करना पड़ा.
  • वर्ष 2007 में ग्राम प्रधान के रूप में गांव का प्रतिनिधित्व करने अवसर उन्हें प्राप्त हुआ.
  • उसी वर्ष विधानसभा पिपराइच से पूर्व मंत्री जितेंद्र जायसवाल को करीब 6,000 वोटों से शिकस्त देकर विधायक बनें.
  • बसपा की मुखिया मायावती ने उन्हें सैनिक कल्याण और मत्स्य विभाग का स्वतंत्र प्रभार देकर मंत्री नियुक्त किया.

सड़क दुर्घटना में आकस्मिक निधन
बताया जाता है कि राजनैतिक षड्यंत्र के तहत उन्हें जेल जाना और मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. जमानत पर रिहा होने के बाद 19 नवंबर 2010 को घर आते समय लखनऊ के सफदरगंज हाइवे पर सड़क दुर्घटना में उनकी जीवन लीला समाप्त हो गई. इनकी सड़क दुर्घटना को भी षड्यंत्र माना जाता है.

Intro:पुर्व मंत्री स्वर्गीय जमुना निषाद की 9वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर उनको याद किया गया. बता दें कि उन्होंने निषाद समाज की लड़ाई आखिरी सांस तक लड़ते रहे. 9 वर्ष पहले उनका सड़क दुर्घटना में आकास्मिक निधन हो गया. पुर्व विधायिका के प्रतिनिधि पुर्व मंत्री पुत्र डा अमरेंद्र निषाद ने ईटीवी भारत से साझा किया अपना सुख-दुख.
पिपराइच गोरखपुरः बहुजन समाज पार्टी की सरकार में उत्तर प्रदेश के पुर्व मत्स्य एव सैनिक कल्याण मंत्री स्वतंत्रत प्रभार स्वर्गीय जमुना निषाद की 9वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. उनके पैतृक गांव खुटहन खास स्थित समाधिस्थल पर गायत्रीमंत्र उच्चारण एवं हवन के साथ उनके मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली दी की गई. आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए सपा जिलाध्यक्ष प्रह्लाद यादव ने उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि स्वर्गीय जमुना निषाद व्यकतित्व के धनी थे. उनके अधूरे सपनो को पूरा करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

$ईटीवी भारत से बोले अमरेंद्र निषाद पिता का संघर्ष प्रेणा श्रोता$

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान पुर्व मंत्री के पुत्र और विधानसभा पिपराइच के पुर्व प्रत्याशी डा अमरेंद्र निषाद ने कहा कि पिता जी का संषर्घ प्रेणा श्रोत है हमें और आने वाली पीढी को उनके संघर्षों से प्रेणा लेनी चाहिए. वे एक व्यक्ति नही एक विचार थे. उनके विचारों को आगे बढाने का कार्य करें गे. बसपा सरकार में जब वह मत्री बने तो हर वर्ग के लिए कार्य किया. किसान मजदूर नौजवान हर जाति धर्म के लोगों का उन्होंने मदद किया. महराजगंज में एक गरीब की मदद करने पर उनको भी जेल जाना पड़ा.

$उनकी कमी आजीवन चाहने वालों को खलेगी$

डा अमरेंद्र निषाद ने ईटीवी भारत को बताया स्व० पिता जी आज हमारे बीच नही है. उनकी कमी आजीवन हमें खलती रहेगी और उनको चाहने वालों को भी खलती रहेगी. अगर आज वो जीवित होते तो तमाम अत्याचार जो गरीबों हो रहे संभवतः नही होते. पिता जी में किसान मजदूर गरीबों की लड़ाई लड़ने का गुण था. अत्याचार को काफी हद तक उन्होंने रोका था. जो सरकार आज सोच रही हैं वह विधायक मंत्री रहने से पहले सोच चुके थे की जनता को क्या चाहिए.
Body:
$एक वोट देकर सपा की सरकार बनाने में मदद करेंगे$

ईटीवी भारत के प्रश्नों का उत्तर देते हुए डा अमरेंद्र निषाद ने कहा कि आगामी 2022 के चुनाव में स्वर्गीय मंत्री जी के विचारों को और समाजवादी पार्टी यानि अखिलेश यादव की नीतियों को लेकर आने वाले चुनाव में पिपराइच विधानसभा से एक वोट देकर उत्तर प्रदेश की सरकार बनाने में मदद करूंगा.

$स्वर्गीय जमुना निषाद विरादरी के कद्दावर नेता थे$

स्व० जमुना निषाद का जन्म 1953 में जनपद के गुलरिहा थाना अन्तर्गत खुटहन खास गांव में हुआ था. उनका मध्य परिवार था. स्व० निषाद का पूरा जीवन संघर्षमय रहा. ईटीवी भारत से खासबातची में पुर्व मंत्री के पुत्र अमरेंद्र निषाद ने बताया कि उनके दिव्यांगत पिता एल एलबी की पढाई पूरी करने के बाद गोरखपुर कचहरी में प्रैक्टिस कर रहे थे. 1988-89 में पुर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की सरकार में मुआवजा की मांग को लेकर आंदोलित पिपराइच के रीठियां गांव के किसानों की लड़ाई में खुल कर साथ दिया और वहीं से उनकी राजनीतिक पारी का शुरुआत हुआ. इसके बाद खुटहन में वन विभाग की जमीन को लेकर जनता के हित में उन्होंने जो संघर्ष किया उसका नतिजा सामने है रीठियां में किसानों को दुना मुआवजा मिला और खुटहन में वन विभाग की जमीन जो आज सरकार के पास है.

$1989 में विधानसभा चुनाव मैदान उतरे$

अमरेंद्र निषाद ने बताया कि उनके स्व० पिता 1989 में पिपराइच विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनाव लड़े और लगातार लड़ते रहे लेकिन दुर्भाग्य वस विधानसभा जाने का मौका नही मिला. वर्ष 2007 में बसपा के सीट पर विधायक चुने गए. बसपा सरकार ने उनको सैनिक कल्याण और मत्स्य विभाग का स्वतंत्र प्रभार दे कर मंत्री नियुक्त किया.Conclusion:$एक नजर एक नजर पुर्व मंत्री के राजनीतिक कैरियर पर$
स्व० जमुना निषाद 1996 के बाद कई पार्टियों के साथ राजनितिक संबंधों को बदला लेकिन पिपराईच विधानसभा के चुनाव में असफल रहे. वर्ष 2002 में उन्हें अपना विधानसभा क्षेत्र पिपराइच से बदलकर महराजगंज के विस पनीयार से बसपा सीट पर चुनाव में उतरे लेकिन फिए एक बार करारी हार का सामना करना पड़ा. वर्ष 2007 में ग्राम प्रधान के रूप में गांव का प्रतिनिधित्व करने अवसर प्राप्त सुआ. वहीं से सफलता उनकी कदम चूमने लगी. उसी वर्ष विधानसभा पिपराइच से पुर्व मंत्री जितेंद्र जैसवाल को करीब 6,000 वोटों से शिकस्त देकर विधायक जीत हासिल किया. बसपा की मुखिया मायावती ने उन्हें सैनिक कल्याण और मत्स्य विभाग का स्वतंत्र प्रभार देकर मंत्री के रूप में नियुक्त किया.

$सड़क दुर्घटना में आकास्मिक निधन$
बताया जाता है कि राजनैतिक षड्यंत्र के तहत उन्हें जेल जाना और मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. जमानत पर रिहा होने के बाद 19 नवंबर 2010 को घर आते समय लखनऊ के सफदरगंज हाइवे पर सड़क दुर्घटना में उनकी जीवन लीला समाप्त हो गयी. इनकी सड़क दुर्घटना को भी षड्यंत्र माना जाता है स्व० जमुना निषाद की धर्मपत्नी राजमती निषाद पूर्व विधायक पिपराइच और एकलौते सुपुत्र अमरेंद्र निषाद पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए राजनीतिक जीवन को अपना लिया है.
बाइट-अमरेन्द्र निषाद (पुर्व मंत्री स्व० जमुना निषाद पुत्र)

रफिउल्लाह अन्सारी- 8318103823
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