गोरखपुर: जिले का एक प्राथमिक स्कूल पिछले बीस दिनों से पानी में डूबकर समंदर बन चुका है. यहां पठन-पाठन पूरी तरह ठप है. बावजूद इसके जल निकासी और शिक्षा को लेकर कोई भी जिम्मेदार सजग नहीं दिखता. जबकि यह स्कूल शहर से ठीक 4 किमी की दूरी पर भरवलिया गांव में स्थित है.
प्राथमिक स्कूल बना समंदर
- वीवीआईपी जिले के स्कूलों की ऐसी दशा है तो बाकी जगहों का क्या होगा.
- भरवलिया गांव का प्राथमिक स्कूल तो एक नजीर है ऐसे और भी कई स्कूल हैं जहां पिछले बीस दिनों से बच्चे पढ़ने नहीं जा पा रहे.
- बीते 29 सितंबर से करीब एक सप्ताह तक जमकर बारिश हुई, जिसमें गोरखपुर से लेकर राजधानी लखनऊ तक जलभराव के संकट से घिर गया था.
- बरसात बीते दो हफ्ते से ज्यादा का समय बीत गया सभी जिम्मेदार इतने संवेदनहीन हैं कि उन्हें चिंता ही नहीं स्कूल चले तो कैसे.
- यहां का प्रधान थोड़ी कोशिश कर रहे हैं तो शिक्षा अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है.
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स्कूल की समंदर बन चुकी हालात इस बात की ओर इशारा करता है कि सरकारी तंत्र की उदासीनता किस तरह से किसी भी व्यवस्था को चौपट कर सकती है. शिक्षक वेतन उठा रहे होंगे, लेकिन बच्चे शिक्षा से वंचित हैं. स्कूल को समस्या विहीन बनाने की जिम्मेदारी जहां शिक्षा विभाग की है. वहीं ग्राम शिक्षा समिति भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं है. मीडिया के दबाव में प्रधान ने आनन-फानन में स्कूल से पानी निकालने में अपने निजी प्रयास से जुट गया है, तो बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से पहल के नाम पर यहां के बच्चों को दूर के जूनियर स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है.