गोरखपुर: बारिश के साथ अन्य स्रोतों से नदियों में आए पानी ने गोरखपुर में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं. करीब 160 गांव इसकी चपेट में आ चुके हैं, जो कि साफ तौर पर प्रशासन के दावों को पलीता करने का काम कर रही है. आपदा में फंसे लोग बेहद परेशान हैं. हालांकि, सीएम योगी ने इसी बीच दौरा भी किया. साथ ही राहत सामग्री बांटी लेकिन अभी तमाम वह इलाके हैं, जहां मदद नहीं पहुंच सकी है. इन्हीं में से एक सहजनवां तहसील के कोलिया, मन्झरिया गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. आलम यह है कि लोगों के घरों में पानी है और इसी में उतरकर लोग अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे है. फसलें डूब चुकी हैं. जानवर और मवेशियों को लेकर लोग बंधों पर रहने को मजबूर हो गए है. उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा अब तक कोई मदद मुहैया नहीं कराई गई है.
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी का कहना है कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए प्रशासन ने कमर कसी हुई है. 160 नाव विभिन्न जगहों पर लगाई गई हैं. सभी तहसील मुख्यालयों पर कम्युनिटी किचन को एक्टिव कर दिया गया है, जिसके माध्यम से पीड़ितों तक खाद्यान्न पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है. जहां कहीं से भी उन्हें शिकायत मिल रही है. वहां पर राजस्व की टीम सक्रिय होकर लोगों को मदद पहुंचा रही है. वहीं, अपर जिलाधिकारी वित्त और राजस्व राजेश कुमार सिंह ने साफ कहा है कि पशुओं के लिए चारे की भी पर्याप्त व्यवस्था प्रशासन करा रहा है. इसके अलावा अन्य जिस भी मदद की आवश्यकता है. कोई भी बाढ़ पीड़ित या व्यक्ति उनके मोबाइल पर समस्याओं की सूचना देकर सहयोग और निदान में अपनी मदद कर सकता है.
बता दें कि, जिले में सरयू, राप्ती, रोहिन और गोर्रा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. शनिवार सुबह की बात करें तो घाघरा अयोध्या पुल पर खतरे के निशान 93.560 मीटर से 93.760 मीटर पर बह रही है. इसी प्रकार राप्ती नदी बर्डघाट में खतरे के निशान 76.050 से ऊपर 76.70 पर बह रही है. रोहिन खतरे के निशान से नीचे बह रही है. सहजनवा क्षेत्र के मंझरिया कोलिया गांव के लोग बाढ़ से बेहद प्रभावित हैं. इनका कहना है कि इन्हें अब तक नाव भी मयस्सर नहीं हो पाई है जबकि क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों में सीएम योगी ने राहत मदद पहुंचाई है. यह लोग अपने पशुओं को लेकर बंधे पर शरण लिए हुए हैं और जिंदगी की जद्दोजहद से लड़ रहे हैं.
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