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चौरी-चौरा में नदियों का बहाव तेज, बाढ़ जैसे हुए हालात, अगले 48 घंटे अलर्ट - up news

गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र के बरहमपुर ब्लॉक से होकर बहने वाली नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण हालात लगातार परिवर्तित हो रहे है. झंगहा चौराहे से लेकर बोहाबार तक प्रशासन और ग्रामीण तटबंध की निगरानी कर रहे हैं. ऐसे में फॉरेन नाले से कई गांव में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. देखे ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट.

चौरी-चौरा में नदियों का बहाव तेज
चौरी-चौरा में नदियों का बहाव तेज
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Published : Sep 3, 2021, 12:26 PM IST

गोरखपुर: चौरी-चौरा तहसील के ब्रह्मपुर ब्लाक से होकर गोर्रा तथा राप्ती नदियां बहती हैं. प्रत्येक वर्ष जब नदियों का जलस्तर बढ़ता है तो चौरी-चौरा के 52 गांव के लोगों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है. ऐसे में इस वर्ष नदियों में जलस्तर 2017 में आई बाढ़ के जलस्तर से ज्यादा हो गया है. जिसके कारण बरगदवा गांव से लेकर बोहाबार तक चौरी-चौरा की सीमा में दर्जनों जगहों पर तटबंधों की स्थिति संवेदनशील बनी हुई है. जिसमें बरही, लकड़िया, सधना, बरगदवा, बोहाबार, सरार, महुअलकोल, गोपालापुर, सहित कई जगहों की स्थित संवेदनशील बनी हुई है.

लाखों की आबादी प्रभावित

चौरी-चौरा में स्थित फारेन नाला, जो गोर्रा नदी में जाकर गिरता है. फारेन नाले के आमघाट का तटबंध टूटने से राजधानी, सधना, जोगिया, जंगल रसूलपुर नम्बर दुबौली गांव पूरी तरह से प्रभावित है. इसके अलावा नई बाजार-राजधानी, नई बाजार गोबड़ौर, भरतपुर-विश्वनाथपुर मार्ग पर जलजमाव के कारण लोगों को चौरी-चौरा आने जाने के लिए लगभग 20 किमी से अधिक दूरी व्यर्थ में तय करना पड़ रहा है.

चौरी-चौरा में नदियों का बहाव तेज
गोर्रा राप्ती नदी के तटबंधों की निगरानी तहसील प्रशासन, स्थानीय पुलिस, जनप्रतिनिधि, ग्रामीण, ग्राम प्रधान, तहसील के राजस्व कर्मी और बाढ़ चौकी पर तैनात लोग कर रहे हैं. नदियों के कारण हजारों लोगों के घर जलमग्न हो गए हैं. ऐसे में लोग तटबंधों पर आकर रह रहे हैं. लोगों ने प्रशासन से उमीद की है कि उनकी मदद होगी. इसके अलावा विभाग के अधिकारी और राजनीतिक लोगों लगातार निरीक्षण कर जरूरी व्यवस्था का जायजा भी ले रहे हैं.

गोरखपुर: चौरी-चौरा तहसील के ब्रह्मपुर ब्लाक से होकर गोर्रा तथा राप्ती नदियां बहती हैं. प्रत्येक वर्ष जब नदियों का जलस्तर बढ़ता है तो चौरी-चौरा के 52 गांव के लोगों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है. ऐसे में इस वर्ष नदियों में जलस्तर 2017 में आई बाढ़ के जलस्तर से ज्यादा हो गया है. जिसके कारण बरगदवा गांव से लेकर बोहाबार तक चौरी-चौरा की सीमा में दर्जनों जगहों पर तटबंधों की स्थिति संवेदनशील बनी हुई है. जिसमें बरही, लकड़िया, सधना, बरगदवा, बोहाबार, सरार, महुअलकोल, गोपालापुर, सहित कई जगहों की स्थित संवेदनशील बनी हुई है.

लाखों की आबादी प्रभावित

चौरी-चौरा में स्थित फारेन नाला, जो गोर्रा नदी में जाकर गिरता है. फारेन नाले के आमघाट का तटबंध टूटने से राजधानी, सधना, जोगिया, जंगल रसूलपुर नम्बर दुबौली गांव पूरी तरह से प्रभावित है. इसके अलावा नई बाजार-राजधानी, नई बाजार गोबड़ौर, भरतपुर-विश्वनाथपुर मार्ग पर जलजमाव के कारण लोगों को चौरी-चौरा आने जाने के लिए लगभग 20 किमी से अधिक दूरी व्यर्थ में तय करना पड़ रहा है.

चौरी-चौरा में नदियों का बहाव तेज
गोर्रा राप्ती नदी के तटबंधों की निगरानी तहसील प्रशासन, स्थानीय पुलिस, जनप्रतिनिधि, ग्रामीण, ग्राम प्रधान, तहसील के राजस्व कर्मी और बाढ़ चौकी पर तैनात लोग कर रहे हैं. नदियों के कारण हजारों लोगों के घर जलमग्न हो गए हैं. ऐसे में लोग तटबंधों पर आकर रह रहे हैं. लोगों ने प्रशासन से उमीद की है कि उनकी मदद होगी. इसके अलावा विभाग के अधिकारी और राजनीतिक लोगों लगातार निरीक्षण कर जरूरी व्यवस्था का जायजा भी ले रहे हैं.
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