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मंत्री संजय निषाद का अधिकारियों पर फूटा गुस्सा, प्रमुख सचिव से कहा- इन्हें सड़क पर ला दो - संजय निषाद ने प्रमुख सचिव को किया कॉल

गोरखपुर में अधिकारियों की लापरवाही पर मत्स्य मंत्री संजय निषाद का पारा चढ़ गया. उन्होंने तुरंत प्रमुख सचिव को फोन कर इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा.

मंत्री संजय निषाद
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 22, 2023, 8:42 PM IST

मंत्री संजय निषाद का अधिकारियों पर फूटा गुस्सा

गोरखपुर: प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री डॉ संजय निषाद मंगलवार को गोरखपुर में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही पर इतने गुस्से में आए कि उन्होंने मौके से प्रमुख सचिव को फोन कर कहा कि जितने डीडी स्तर के अधिकारी हैं, उन सभी को सस्पेंड कर सड़क पर ला दो. इनकी मनमानी नहीं चलने पाएगी. योजनाओं के साथ डिप्टी डायरेक्टर जैसे अधिकारी खिलवाड़ कर रहे हैं. जो लोग बीमा और अन्य सुविधाओं के हकदार हैं वह मौके पर वंचित पाये जा रहे हैं. मंत्री कैंपियरगंज विधानसभा क्षेत्र में 50 करोड़ की लागत से बनने वाले एक्वा पार्क का निरीक्षण करने पहुंचे थे. लेकिन, मंत्री के इस दौरे के दौरान जिले के जिम्मेदार अधिकारी फाइलों सहित नदारद रहे.

गोरखपुर में हो रही बरसात में भीगते हुए मंत्री संजय निषाद जब मछुआरों के बीच पहुंचे और उनसे बात की तो पता चला कि केंद्र और प्रदेश की किसी योजना का लाभ इन मछुवारों को नहीं मिल पा रहा है. इससे वह आग बबूला हो गए और प्रमुख सचिव को फोन लगा दिया. इसके बाद उन्होंने प्रमुख सचिव से कहा कि सरकारी संपत्तियों को लुटवाने वाले अधिकारियों की फाइल तैयार की जाए. सरकारी जमीन से मिट्टी बेच दी गई है. आखिर में इनकी निगरानी क्यों नहीं हुई. केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार के मछुआ कल्याण की योजना को जो अधिकारी पलीता लगा रहे हैं, उनको सड़क पर ला दो.

मंत्री ने जब मछुआरों के बीमा की स्थिति, तालाब और पट्टे के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की तो पता चला कि जिले के मत्स्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी न तो खुद मौके पर पहुंचे और न ही संबंधित महत्वपूर्ण फाइलें लेकर उनका कोई कर्मचारी आया. अधिकारियों की इस लापरवाही को देखकर मंत्री डॉ संजय निषाद तमतमा गए. उन्होंने लखनऊ के वरिष्ठ अधिकारियों को फोन कर गोरखपुर के लापरवाह अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे दिए.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार लगातार मछुआरों की स्थिति सुधारने के लिए अलग-अलग योजनाओं के जरिए सबल बनाने की कोशिश कर रही है. उनका बीमा कराया जा रहा है. लेकिन, आज जब उन्होंने निरीक्षण किया तो पाया कि जमीनी स्तर पर अधिकारियों की लापरवाही की वजह से मछुआरों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. अब उन्होंने इस तरह के दोषी अधिकारियों के पेंच कसने शुरू कर दिए हैं. लापरवाही बरतने वाले सभी मत्स्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं.

संजय निषाद लगातार गोरखपुर क्षेत्र में अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं. अभी उन्होंने 16 अगस्त को अपनी निषाद पार्टी की स्थापना दिवस के समारोह को बड़ी ही मजबूती के साथ मनाया था. उसमें प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, ओमप्रकाश राजभर, अपना दल के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल जैसे नेताओं को उतारकर अपनी मजबूती और भाजपा से दोस्ती का बड़ा संदेश देने का कार्य किया था. वह मछुआ समाज के लिए खुद को एक समर्पित योद्धा की तरह प्रस्तुत करने में लगे हैं.

यह भी पढ़ें: प्रमोद तिवारी बोले- 2024 चुनाव में जैसे ही बहुमत मिलेगा भाजपा के दरवाजे पर सजा सजाया दूल्हा खड़ा कर देंगे

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मंत्री संजय निषाद का अधिकारियों पर फूटा गुस्सा

गोरखपुर: प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री डॉ संजय निषाद मंगलवार को गोरखपुर में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही पर इतने गुस्से में आए कि उन्होंने मौके से प्रमुख सचिव को फोन कर कहा कि जितने डीडी स्तर के अधिकारी हैं, उन सभी को सस्पेंड कर सड़क पर ला दो. इनकी मनमानी नहीं चलने पाएगी. योजनाओं के साथ डिप्टी डायरेक्टर जैसे अधिकारी खिलवाड़ कर रहे हैं. जो लोग बीमा और अन्य सुविधाओं के हकदार हैं वह मौके पर वंचित पाये जा रहे हैं. मंत्री कैंपियरगंज विधानसभा क्षेत्र में 50 करोड़ की लागत से बनने वाले एक्वा पार्क का निरीक्षण करने पहुंचे थे. लेकिन, मंत्री के इस दौरे के दौरान जिले के जिम्मेदार अधिकारी फाइलों सहित नदारद रहे.

गोरखपुर में हो रही बरसात में भीगते हुए मंत्री संजय निषाद जब मछुआरों के बीच पहुंचे और उनसे बात की तो पता चला कि केंद्र और प्रदेश की किसी योजना का लाभ इन मछुवारों को नहीं मिल पा रहा है. इससे वह आग बबूला हो गए और प्रमुख सचिव को फोन लगा दिया. इसके बाद उन्होंने प्रमुख सचिव से कहा कि सरकारी संपत्तियों को लुटवाने वाले अधिकारियों की फाइल तैयार की जाए. सरकारी जमीन से मिट्टी बेच दी गई है. आखिर में इनकी निगरानी क्यों नहीं हुई. केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार के मछुआ कल्याण की योजना को जो अधिकारी पलीता लगा रहे हैं, उनको सड़क पर ला दो.

मंत्री ने जब मछुआरों के बीमा की स्थिति, तालाब और पट्टे के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की तो पता चला कि जिले के मत्स्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी न तो खुद मौके पर पहुंचे और न ही संबंधित महत्वपूर्ण फाइलें लेकर उनका कोई कर्मचारी आया. अधिकारियों की इस लापरवाही को देखकर मंत्री डॉ संजय निषाद तमतमा गए. उन्होंने लखनऊ के वरिष्ठ अधिकारियों को फोन कर गोरखपुर के लापरवाह अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे दिए.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार लगातार मछुआरों की स्थिति सुधारने के लिए अलग-अलग योजनाओं के जरिए सबल बनाने की कोशिश कर रही है. उनका बीमा कराया जा रहा है. लेकिन, आज जब उन्होंने निरीक्षण किया तो पाया कि जमीनी स्तर पर अधिकारियों की लापरवाही की वजह से मछुआरों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. अब उन्होंने इस तरह के दोषी अधिकारियों के पेंच कसने शुरू कर दिए हैं. लापरवाही बरतने वाले सभी मत्स्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं.

संजय निषाद लगातार गोरखपुर क्षेत्र में अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं. अभी उन्होंने 16 अगस्त को अपनी निषाद पार्टी की स्थापना दिवस के समारोह को बड़ी ही मजबूती के साथ मनाया था. उसमें प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, ओमप्रकाश राजभर, अपना दल के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल जैसे नेताओं को उतारकर अपनी मजबूती और भाजपा से दोस्ती का बड़ा संदेश देने का कार्य किया था. वह मछुआ समाज के लिए खुद को एक समर्पित योद्धा की तरह प्रस्तुत करने में लगे हैं.

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