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गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में लगी आग, दम घुटने से एक की मौत - DM Krishna Karunesh

गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में गुरुवार रात आग लग गई. इस हादसे में दम घुटने से एक मरीज की मौत हो गई. फायर बिग्रेड के कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका.

गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आग
गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आग
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Published : Jul 28, 2023, 8:26 AM IST

घटना की जानकारी देते गोरखपुर के डीएम कृष्णा करुणेश

गोरखपुरः बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में गुरुवार की रात आग लग गई. आग लगने की सूचना से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. पूरे वार्ड में धुआं भर गया, जिससे सांस के एक रोगी की दम घुटने से मौत हो गई है. वहीं, तीमारदार अपने मरीजों को बेड सहित बाहर लेकर निकल आए. कई मरीज ऑक्सीजन और पेशाब की थैली लिए जान बचाने के लिए वार्ड से भागे. आनन-फानन में बिजली काटकर बचाव कार्य शुरू किया गया. फायर बिग्रेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया.

गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आग
आग लगने से दहशत में आ गए मरीज और तीमारदार.

मरीजों के अनुसार, देर रात जब बिजली चालू कराकर जांच की गई तो वार्ड में 4 मरीज फंसे मिले. वहीं एक नर्स भी बेहोशी की हालत में मिली. सभी को बाहर निकालकर दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया. बताया जा रहा है कि मेडिसिन इमरजेंसी वार्ड नंबर 14 के बिजली के बोर्ड में धुआं उठा था. कुछ तीमारदारों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. आग देखते ही परिजन अपने मरीज को लेकर भागने लगे. अस्पताल परिसर में चीख-पुकार मच गई. आग की खबर सुनकर अन्य वार्ड के मरीज भी भागने लगे.

वार्ड के भीतर फंसे जिले के खजनी के खजूरी गांव के रहने वाले अखंड प्रताप सिंह की दम घुटने से मौत हो गई. परिजनों ने बताया कि उन्हें सांस की समस्या थी. घटना की सूचना पर जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश और एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर समेत तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार राय ने बताया कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी. रोगियों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.

जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि घटना की जांच के लिए मुख्य अग्निशमन अधिकारी और विद्युत सुरक्षा निदेशालय के अधिकारी की टीम गठित की गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कारण स्पष्ट हो सकेगा. बताया जा रहा है कि जिस समय आग लगी उस समय मेडिसिन इमरजेंसी विभाग में 58 मरीज भर्ती थे. आग लगने की घटना के बाद बर्न और न्यूरोसर्जरी वार्ड को खाली कराया गया. बता दें कि इससे पहले वर्ष 2017 में ऑक्सीजन कांड की घटना के दौरान इस तरह की अफरा-तफरी मेडिकल कॉलेज में देखने को मिली थी.

ये भी पढ़ेंः रोडवेज की साधारण बसों से दूभर हुआ सफर, गर्मी की वजह से टिन की छत बनी मुसीबत

घटना की जानकारी देते गोरखपुर के डीएम कृष्णा करुणेश

गोरखपुरः बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में गुरुवार की रात आग लग गई. आग लगने की सूचना से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. पूरे वार्ड में धुआं भर गया, जिससे सांस के एक रोगी की दम घुटने से मौत हो गई है. वहीं, तीमारदार अपने मरीजों को बेड सहित बाहर लेकर निकल आए. कई मरीज ऑक्सीजन और पेशाब की थैली लिए जान बचाने के लिए वार्ड से भागे. आनन-फानन में बिजली काटकर बचाव कार्य शुरू किया गया. फायर बिग्रेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया.

गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आग
आग लगने से दहशत में आ गए मरीज और तीमारदार.

मरीजों के अनुसार, देर रात जब बिजली चालू कराकर जांच की गई तो वार्ड में 4 मरीज फंसे मिले. वहीं एक नर्स भी बेहोशी की हालत में मिली. सभी को बाहर निकालकर दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया. बताया जा रहा है कि मेडिसिन इमरजेंसी वार्ड नंबर 14 के बिजली के बोर्ड में धुआं उठा था. कुछ तीमारदारों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. आग देखते ही परिजन अपने मरीज को लेकर भागने लगे. अस्पताल परिसर में चीख-पुकार मच गई. आग की खबर सुनकर अन्य वार्ड के मरीज भी भागने लगे.

वार्ड के भीतर फंसे जिले के खजनी के खजूरी गांव के रहने वाले अखंड प्रताप सिंह की दम घुटने से मौत हो गई. परिजनों ने बताया कि उन्हें सांस की समस्या थी. घटना की सूचना पर जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश और एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर समेत तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार राय ने बताया कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी. रोगियों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.

जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि घटना की जांच के लिए मुख्य अग्निशमन अधिकारी और विद्युत सुरक्षा निदेशालय के अधिकारी की टीम गठित की गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कारण स्पष्ट हो सकेगा. बताया जा रहा है कि जिस समय आग लगी उस समय मेडिसिन इमरजेंसी विभाग में 58 मरीज भर्ती थे. आग लगने की घटना के बाद बर्न और न्यूरोसर्जरी वार्ड को खाली कराया गया. बता दें कि इससे पहले वर्ष 2017 में ऑक्सीजन कांड की घटना के दौरान इस तरह की अफरा-तफरी मेडिकल कॉलेज में देखने को मिली थी.

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