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वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बोले- प्राइवेट बैंक और महाजनों के बजाय सहकारी बैंकों में रुपये जमा करें किसान

संसदीय कार्य और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Finance Minister Suresh Khanna Gorakhpur) सोमवार को गोरखपुर पहुंचे. उन्होंने सहकारी समिति कर्मियों को संबोधित किया. इसके बाद मीडिया से बातचीत में सहकारी बैंकों को लेकर कई जानकारियां साझा की.

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना पहुंचे गोरखपुर.
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना पहुंचे गोरखपुर.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 20, 2023, 4:02 PM IST

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना पहुंचे गोरखपुर.

गोरखपुर : संसदीय कार्य और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना सोमवार को शहर पहुंचे. उन्होंने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उन्होंने सहकारी समितियों से जुड़े कर्मचारियों को संबोधित किया. इसके बाद मीडिया से बातचीत की. कहा कि सहकारी समितियां और सहकारी बैंकों की सेहत पिछले सरकारों की तुलना में भाजपा सरकार में काफी बेहतर है. जो बैंक और समितियां पहले घाटे में चल रहीं थीं, वह अब फायदे में आ चुकी हैं. करीब 100 करोड़ का फायदा सहकारी बैंक के खाते में दर्ज है. ऐसे में समितियों से लोगों को जुड़कर कार्य करना चाहिए. किसान हों या अन्य कोई लोग, सभी को प्राइवेट बैंक और महाजनों के बजाय सहकारी बैंकों में रुपये जमा करना चाहिए.

सरकार ने सहकारी समितियों को बनाया मजबूत : जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि भारत सरकार ने सहकारी समितियों को मजबूत बनाने के लिए जो पहल की है, उसके क्रम में पूरे देश में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. लोगों को इससे जोड़ते हुए इसके फायदों से अवगत कराया जा रहा है. जिससे समाज कोऑपरेटिव प्रबंधन से जुड़ सके. 6 जुलाई 2021 को केंद्र में अलग से सहकारिता मंत्रालय का गठन हुआ. उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक और भूमि विकास बैंक, प्रदेश सरकार के बैंक हैं. बाकी सब केंद्र सरकार के अधीन हैं. कोऑपरेटिव का सिद्धांत है कि हम कम से कम पूंजी में बड़ा से बड़ा कार्य कर सकें. सहकारिता क्षेत्र में लोगों का विश्वास नहीं था. इसके कारण ही 77 हजार करोड़ रुपए सहारा जैसी कंपनियों में जमा है. वर्तमान सरकार के कार्यकाल में यह विश्वास सहकारिता के क्षेत्र में बढ़ा है.

सबसे ज्यादा शाखाएं खोलने का हो रहा प्रयास : मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक और भूमि विकास बैंक का कार्य बढ़ रहा है. कोऑपरेटिव बैंक की ज्यादा से ज्यादा शाखाएं खोली जाएं, इसका प्रयास किया जा रहा है. हर न्याय पंचायत स्तर पर बैंकिंग व्यवस्था होगी तो लोग और किसानों का धन कहीं और नहीं जाएगा. कार्यों में पारदर्शिता लानी के लिए कम्प्यूटरीकृत प्रणाली की आवश्यकता महसूस की गई है. इसे लागू किया जा रहा है. सहकारिता के क्षेत्र में सभी एक्टिविटी के लिए सरकार के दरवाजे खुले हैं. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव विकास बैंक के अध्यक्ष संतरा यादव भी मौजूद थे.

सहकारिता में आएगी बड़ी क्रांति : इससे पूर्व कार्यक्रम में सहकारिता राज्य मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा कि, 5 मिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए मंत्री अमित शाह के आह्वान के क्रम में पूरे देश में अभियान तेजी के साथ चल रहा है. सहकारिता का बजट पिछले वर्ष की तुलना में डेढ़ गुना बढ़ा है. 70% हिस्सा केंद्र सरकार 30% प्रतिशत प्रदेश सरकार और नाबार्ड से कंप्यूटराइजेशन के लिए प्राप्त हुआ है. समितियां के डाटाबेस तैयार करने में देश के राज्यों में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है. सीएससी खोलने में भी देश में यूपी पहले नंबर पर है. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड बनाने का कार्य भी समिति के माध्यम से किया जाना है. 16 जिला सहकारी बैंकों में ताले लगने वाले थे. विशेष प्रयास कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2100 करोड़ की व्यवस्था दी. इससे किसानों को भुगतान किया जा रहा है. मंत्री ने कहा कि 30 लाख नए सदस्य बनाने का कार्य भी पूरा हुआ है. समितियां को 10 लाख की ऋण सीमा दी जाएगी और उस पर आने वाले ब्याज का भुगतान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा. सहकारिता में बड़ी क्रांति देखने को मिलेगी, बस सभी लोग पूरे मनोयोग से जुड़ें.

यह भी पढ़ें : शाहजहांपुर में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बोले- यूनिफॉर्म सिविल कोड किसी धर्म के खिलाफ नहीं है

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना पहुंचे गोरखपुर.

गोरखपुर : संसदीय कार्य और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना सोमवार को शहर पहुंचे. उन्होंने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उन्होंने सहकारी समितियों से जुड़े कर्मचारियों को संबोधित किया. इसके बाद मीडिया से बातचीत की. कहा कि सहकारी समितियां और सहकारी बैंकों की सेहत पिछले सरकारों की तुलना में भाजपा सरकार में काफी बेहतर है. जो बैंक और समितियां पहले घाटे में चल रहीं थीं, वह अब फायदे में आ चुकी हैं. करीब 100 करोड़ का फायदा सहकारी बैंक के खाते में दर्ज है. ऐसे में समितियों से लोगों को जुड़कर कार्य करना चाहिए. किसान हों या अन्य कोई लोग, सभी को प्राइवेट बैंक और महाजनों के बजाय सहकारी बैंकों में रुपये जमा करना चाहिए.

सरकार ने सहकारी समितियों को बनाया मजबूत : जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि भारत सरकार ने सहकारी समितियों को मजबूत बनाने के लिए जो पहल की है, उसके क्रम में पूरे देश में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. लोगों को इससे जोड़ते हुए इसके फायदों से अवगत कराया जा रहा है. जिससे समाज कोऑपरेटिव प्रबंधन से जुड़ सके. 6 जुलाई 2021 को केंद्र में अलग से सहकारिता मंत्रालय का गठन हुआ. उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक और भूमि विकास बैंक, प्रदेश सरकार के बैंक हैं. बाकी सब केंद्र सरकार के अधीन हैं. कोऑपरेटिव का सिद्धांत है कि हम कम से कम पूंजी में बड़ा से बड़ा कार्य कर सकें. सहकारिता क्षेत्र में लोगों का विश्वास नहीं था. इसके कारण ही 77 हजार करोड़ रुपए सहारा जैसी कंपनियों में जमा है. वर्तमान सरकार के कार्यकाल में यह विश्वास सहकारिता के क्षेत्र में बढ़ा है.

सबसे ज्यादा शाखाएं खोलने का हो रहा प्रयास : मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक और भूमि विकास बैंक का कार्य बढ़ रहा है. कोऑपरेटिव बैंक की ज्यादा से ज्यादा शाखाएं खोली जाएं, इसका प्रयास किया जा रहा है. हर न्याय पंचायत स्तर पर बैंकिंग व्यवस्था होगी तो लोग और किसानों का धन कहीं और नहीं जाएगा. कार्यों में पारदर्शिता लानी के लिए कम्प्यूटरीकृत प्रणाली की आवश्यकता महसूस की गई है. इसे लागू किया जा रहा है. सहकारिता के क्षेत्र में सभी एक्टिविटी के लिए सरकार के दरवाजे खुले हैं. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव विकास बैंक के अध्यक्ष संतरा यादव भी मौजूद थे.

सहकारिता में आएगी बड़ी क्रांति : इससे पूर्व कार्यक्रम में सहकारिता राज्य मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा कि, 5 मिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए मंत्री अमित शाह के आह्वान के क्रम में पूरे देश में अभियान तेजी के साथ चल रहा है. सहकारिता का बजट पिछले वर्ष की तुलना में डेढ़ गुना बढ़ा है. 70% हिस्सा केंद्र सरकार 30% प्रतिशत प्रदेश सरकार और नाबार्ड से कंप्यूटराइजेशन के लिए प्राप्त हुआ है. समितियां के डाटाबेस तैयार करने में देश के राज्यों में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है. सीएससी खोलने में भी देश में यूपी पहले नंबर पर है. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड बनाने का कार्य भी समिति के माध्यम से किया जाना है. 16 जिला सहकारी बैंकों में ताले लगने वाले थे. विशेष प्रयास कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2100 करोड़ की व्यवस्था दी. इससे किसानों को भुगतान किया जा रहा है. मंत्री ने कहा कि 30 लाख नए सदस्य बनाने का कार्य भी पूरा हुआ है. समितियां को 10 लाख की ऋण सीमा दी जाएगी और उस पर आने वाले ब्याज का भुगतान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा. सहकारिता में बड़ी क्रांति देखने को मिलेगी, बस सभी लोग पूरे मनोयोग से जुड़ें.

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