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गोरखपुर: किसानों को अब 72 घंटे के अंदर मिलेगा मुआवजा

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में संपूर्ण सुरक्षा योजना के तहत अब किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. इसके लिए सरकार ने किसानों को जागरूक करने के लिए प्रचार वाहन का सहारा लिया है.

किसानों को 72 घंटे के अंदर मिलेगा मुआवजा.
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Published : Jul 23, 2019, 9:52 PM IST

गोरखपुर: प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई फसलों के मुआवजे को लेकर अब गैर ऋणी किसानों को अधिकारियों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित खरीफ 2019 योजना के तहत फसलों को किसी भी प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से संपूर्ण सुरक्षा योजना के तहत मुआवजा दिया जाएगा. इस संबंध में किसानों को जागरूक करने के लिए प्रचार वाहन के जरिये जागरूक किया जा रहा है.

जानकारी देते जिलाधिकारी और कंपनी के शाखा प्रबंधक.
  • जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना.
  • प्रचार वाहन प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसलों के नुकसान के बारे में जागरूक करने का काम करेगा.
  • इस प्रचार वाहन पर टोल फ्री नंबर भी उपलब्ध है जिसे किसान डायल करके अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
  • नुकसान का आकलन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित दिशा निर्देश के आधार पर किया जाएगा.
  • बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है.
  • गोरखपुर जिले में अरहर, मूंगफली, मक्का, धान और केला के किसान इस योजना का सीधा सीधा लाभ उठा सकते हैं.

72 घंटे के अंदर देनी होगी सूचना
व्यक्तिगत किसान स्तर पर ओलावृष्टि, भूस्खलन व जलभराव तथा फसल की कटाई के उपरांत आगामी 14 दिनों तक खेत में सुखाई हेतु रखी गई कटी हुई फसल को बेमौसम, चक्रवाती वर्षा, अकाशी बिजली से उत्पन्न आग व चक्रवात से क्षति की स्थिति में बीमित किसान द्वारा आपदा के 72 घंटे के अंदर कृषि विभाग अधिकारी, संबंधित बैंक शाखा बीमा कंपनी के प्रतिनिधि या टोल फ्री नंबर पर बीमित फसल का नाम व प्रभावित खेत की खसरा संख्या के विवरण के साथ सूचित करना अनिवार्य होगा.

किसानों में फसल बीमा के प्रति जागरूकता के लिए यह प्रचार वाहन बेहद उपयोगी सिद्ध होगा तथा कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह संयुक्त रूप से कार्य करते हुए प्रत्येक बाढ़ प्रभावित ग्रामों में कैंप आयोजित कर शत-प्रतिशत कृषकों को फसल बीमा से जोड़ने का कार्य करें. इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कराया जाए, ताकि किसानों में इसकी जानकारी हो सके.
के. विजेंद्र पांडियन, जिलाधिकारी

पूरे उत्तर प्रदेश में हमारी संस्था को 32 जिलों में टेंडर मिला हुआ है, जिसमें हम लोगों द्वारा बैंक के किसानों को जिन्होंने केसीसी के द्वारा लोन लिया हुआ है, उन्हें तो यह लाभ मिल ही रहा है, लेकिन जो गैर ऋणी किसान है, उनके लिए एक वाहन के जरिए और छोटे-छोटे कैंप लगाकर जागरूक किया जा रहा है, जिससे इन किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिया जा सके.
हरे कृष्णा, शाखा प्रबंधक, यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड

गोरखपुर: प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई फसलों के मुआवजे को लेकर अब गैर ऋणी किसानों को अधिकारियों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित खरीफ 2019 योजना के तहत फसलों को किसी भी प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से संपूर्ण सुरक्षा योजना के तहत मुआवजा दिया जाएगा. इस संबंध में किसानों को जागरूक करने के लिए प्रचार वाहन के जरिये जागरूक किया जा रहा है.

जानकारी देते जिलाधिकारी और कंपनी के शाखा प्रबंधक.
  • जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना.
  • प्रचार वाहन प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसलों के नुकसान के बारे में जागरूक करने का काम करेगा.
  • इस प्रचार वाहन पर टोल फ्री नंबर भी उपलब्ध है जिसे किसान डायल करके अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
  • नुकसान का आकलन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित दिशा निर्देश के आधार पर किया जाएगा.
  • बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है.
  • गोरखपुर जिले में अरहर, मूंगफली, मक्का, धान और केला के किसान इस योजना का सीधा सीधा लाभ उठा सकते हैं.

72 घंटे के अंदर देनी होगी सूचना
व्यक्तिगत किसान स्तर पर ओलावृष्टि, भूस्खलन व जलभराव तथा फसल की कटाई के उपरांत आगामी 14 दिनों तक खेत में सुखाई हेतु रखी गई कटी हुई फसल को बेमौसम, चक्रवाती वर्षा, अकाशी बिजली से उत्पन्न आग व चक्रवात से क्षति की स्थिति में बीमित किसान द्वारा आपदा के 72 घंटे के अंदर कृषि विभाग अधिकारी, संबंधित बैंक शाखा बीमा कंपनी के प्रतिनिधि या टोल फ्री नंबर पर बीमित फसल का नाम व प्रभावित खेत की खसरा संख्या के विवरण के साथ सूचित करना अनिवार्य होगा.

किसानों में फसल बीमा के प्रति जागरूकता के लिए यह प्रचार वाहन बेहद उपयोगी सिद्ध होगा तथा कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह संयुक्त रूप से कार्य करते हुए प्रत्येक बाढ़ प्रभावित ग्रामों में कैंप आयोजित कर शत-प्रतिशत कृषकों को फसल बीमा से जोड़ने का कार्य करें. इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कराया जाए, ताकि किसानों में इसकी जानकारी हो सके.
के. विजेंद्र पांडियन, जिलाधिकारी

पूरे उत्तर प्रदेश में हमारी संस्था को 32 जिलों में टेंडर मिला हुआ है, जिसमें हम लोगों द्वारा बैंक के किसानों को जिन्होंने केसीसी के द्वारा लोन लिया हुआ है, उन्हें तो यह लाभ मिल ही रहा है, लेकिन जो गैर ऋणी किसान है, उनके लिए एक वाहन के जरिए और छोटे-छोटे कैंप लगाकर जागरूक किया जा रहा है, जिससे इन किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिया जा सके.
हरे कृष्णा, शाखा प्रबंधक, यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड

Intro:गोरखपुर। प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई फसलों के मुआवजे को लेकर अब गैर ऋणी किसानों को अधिकारियों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भारत एवं राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित खरीफ 2019 योजना के तहत फसलों को किसी भी प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से संपूर्ण सुरक्षा योजना के तहत मुआवजा दिया जाएगा। इस संबंध में किसानों को जागरूक करने के लिए प्रचार वाहन के जरिये जागरूक किया जा रहा है।

आज जिलाधिकारी कार्यालय पर जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने इस प्रचार वाहन को जिले के विभिन्न क्षेत्रों के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।




Body:यह प्रचार वाहन प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसलों के नुकसान के मुआवजे के प्रति जन जागरूकता फैलाने का काम करेगा इस प्रचार वाहन पर टोल फ्री नंबर भी उपलब्ध है जिसे किसान डायल करके अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं

जिले के सभी ऋणी एवं गैर ऋणी किसानों को विभिन्न फसलों की खेती कर रहे हैं, इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं। ऋणी किसान हेतु यह योजना अनिवार्य है।

नुकसान का आकलन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित दिशा निर्देश के आधार पर किया जाएगा, बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।

व्यक्तिगत किसान स्तर पर ओलावृष्टि, भूस्खलन व जलभराव तथा फसल की कटाई के उपरांत आगामी 14 दिनों तक खेत में सुखाई हेतु रखी गई कटी हुई फसल को बेमौसम, चक्रवाती वर्षा, अकाशी बिजली से उत्पन्न आग व चक्रवात से क्षति की स्थिति में बीमित किसान द्वारा आपदा के 72 घंटे के अंदर कृषि विभाग अधिकारी, संबंधित बैंक शाखा बीमा कंपनी के प्रतिनिधि या टोल फ्री नंबर पर बीमित फसल का नाम व प्रभावित खेत की खसरा संख्या के विवरण के साथ सूचित करना अनिवार्य होगा।

गोरखपुर जिले में अरहर, मूंगफली, मक्का, धान और केला के किसान इस योजना का सीधा सीधा लाभ उठा सकते हैं।

इस अवसर पर अपर जिला अधिकारी वित्त राज्य विधान जायसवाल, नगर मजिस्ट्रेट अजीत सिंह, आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता, यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के शाखा प्रबंधक हरिकृष्ण सहित बैंक के अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।


Conclusion:इस संबंध में जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि किसानों में फसल बीमा के प्रति जागरूकता के लिए यह प्रचार वाहन बेहद उपयोगी सिद्ध होगा तथा कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। कि वह संयुक्त रूप से कार्य करते हुए प्रत्येक बाढ़ प्रभावित ग्रामों में कैंप आयोजित कर शत-प्रतिशत कृषकों को फसल बीमा से जोड़ने का कार्य करें। इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कराया जाए, ताकि किसानों में इसकी जानकारी हो सके।

बाइट - के विजेंद्र पांडियन, जिलाधिकारी - गोरखपुर

वही यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के शाखा प्रबंधक हरि कृष्ण ने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में हमारी संस्था को 32 जिलों में टेंडर मिला हुआ है। जिसमें हम लोगों द्वारा बैंक के किसानों को जिन्होंने केसीसी के द्वारा लोन लिया हुआ है, उन्हें तो यह लाभ मिल ही रहा है। लेकिन जो गैर ऋणी किसान है, उनके लिए एक वाहन के जरिए और छोटे-छोटे कैंप लगाकर जागरूक किया जा रहा है। जिससे इन किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिया जा सके।

बाइट - हरे कृष्णा, शाखा प्रबंधक - यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड



निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
9453623738
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