गोरखपुरः वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए जहां पूरी दुनिया एक हो गई है तो वहीं इस महामारी में भी कारगुजारी करने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे. कोरोना वैक्सीन आने के पहले ही लोगों के पास पंजीकरण कराने के लिए फर्जी फोन कॉल आ रहे हैं. टीकाकरण के नाम पर आधार कार्ड डिटेल और मोबाइल पर आने वाले ओटीपी की मांग की जा रही है. इसमें बड़े फ्रॉड का भी आशंका है.
पुलिस अलर्ट पर
जनपद की पुलिस ऐसे फर्जी फोन कॉल को लेकर पूरी तरह अलर्ट पर है. अभी तक सिर्फ सरकारी और निजी क्षेत्रों में कार्य कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों की प्रमाणित सूची के आधार पर उन्हीं का पंजीकरण हुआ है. पंजीकरण करने के लिए कोई कॉल आए तो किसी भी प्रकार की जानकारी देने की आवश्यकता नहीं है. टीकाकरण पंजीकरण के नाम पर जानकारी देने वाले साइबर क्राइम का शिकार हो सकते हैं.
कोरोना वैक्सीन को लेकर ऑनलाइन फ्रॉड
इस संबंध में एडीजी जोन अपर पुलिस महानिदेशक दावा शेरपा ने बताया कि कोरोना वैक्सीन को लेकर ऑनलाइन फ्रॉड की बात सामने आई है. ऑनलाइन पैसा जमा कराने और आधार का डिटेल भी मांगा जा रहा है. इसके बाद घर पर आकर वैक्सीन लगाने की बात कही जा रही है. ऐसे लोगों के झांसे में लोग आए भी हैं. लोगों से अपील है कि ऐसे लोगों के झांसे में न आयें. अभी ऑनलाइन कोविड-19 बांटने या लगवाने की अपील किसी भी कंपनी या सरकार की ओर से नहीं की गई है.
ऑनलाइन वैक्सीन है फर्जी
दावा शेरपा ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग वैक्सीन लगवाने को लेकर आतुर हैं, ऐसे में इस तरह के तत्व इसका फायदा उठाना चाहते हैं. किसी भी माध्यम से वैक्सीन लगाने की बात कही जा रही है तो वह पूरी तरीके से फर्जी है. वह फ्रॉड करने के लिए ऐसा कर रहे हैं, इससे बचने की जरूरत है. जब वैक्सीन लगना वास्तव में शुरू होगा तो हम सभी को सूचित करेंगे. हम इसकी तैयारी कर रहे हैं, पुलिस की ओर से वैक्सीन लगाने के लिए जो भी व्यवस्था देनी है. वह दी जाएगी.
ऑनलाइन फ्रॉड की धाराओं में कार्रवाई
वहीं कई ऐसे अवांछित तत्व जो फर्जी या डुप्लीकेट के नाम पर किसी को भी कुछ भी लगा सकते हैं. ऐसा न होने पाए इसके लिए पुलिस तैयार है. ऑनलाइन कुछ भी कर रहे हैं तो उनकी बातों में नहीं आएं. ऑनलाइन फ्रॉड की धाराओं में ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई होगी. जल्दी वैक्सीन आने वाली है तो ऐसे तत्व और सक्रिय होंगे और लोगों को लपेटे में लेने की कोशिश करेंगे.
साइबर सेल सक्रिय
ऑनलाइन और फोन के माध्यम से ऐसा फ्रॉड करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए साइबर सेल और सर्विलांस की टीम को सक्रिय कर दिया गया है. जिससे शुरुआती कोशिश में ही इन्हें पकड़ा जा सके. वहीं वैक्सीन लगने के समय नेपाल और बिहार से भी लोग यहां पर आ सकते हैं. ऐसे में जब दोहरी डोज लगनी है तो उनके आधार कार्ड और अन्य कागजात को जांचने के साथ ही प्राथमिकता भी तय की जाएगी.