गोरखपुर: शहर की सराफा मंडी में वर्षों से नकली सोने का कारोबार करने वाले एक व्यापारी को सर्राफा मंडल के पदाधिकारियों ने ही पकड़ने का काम किया है. गोरखपुर के वरिष्ठ सर्राफा कारोबारी और यूपी सरकार में व्यापारिक कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष पुष्पदंत जैन ने इसकी जानकारी मीडिया को दी है.
उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी सराफा मंडल के पदाधिकारियों को पिछले तीन-चार महीनों से मिल रही थी. इसकी रिपोर्ट को पुख्ता करने के बाद सोने के नकली कारोबार से जुड़े व्यापारी को सचेत करते हुए उसे सभी प्रमाण पत्र दिखाने की मांग भी सराफा एसोसिएशन के लोगों ने की थी. जब वह व्यापारी ऐसा नहीं कर सका और नकली कारोबार में पूरी तरह से लिप्त था तो जनहित में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने दुकान पर पहुंचकर, इस काले कारनामे का भंडाफोड़ करने में सफलता पाई है. उन्होंने प्रेस वार्ता कर प्रशासन से मांग की है कि इस काले कारोबार के पूरे कारनामे की जांच पड़ताल हो. इसने जनता को ठगने का कार्य किया है. सर्राफा कारोबार और व्यापार मंडल की इससे बदनामी हुई है. ऐसे में उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो.
घंटाघर स्थित एक दुकान में यह नकली सोना बिक रहा था. सोने की यहां से खरीदारी करने वाले कुछ ग्राहकों ने सोने की शुद्धता को लेकर व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से शिकायत की थी, जो जांच में शुद्ध नहीं पाया गया था. इसके बाद सर्राफा मंडल के पदाधिकारियों ने जब इस व्यापारी के वहां छापामारी किया है तो करीब साढ़े 12 किलो मिलावटी सोने के गहने और 9 किलो मेटल पकड़ा गया. उन्होंने इसकी सूचना स्थानीय राजघाट थाना पुलिस को भी दी.
मौके पर पहुंची पुलिस ने नकली सोने के कारोबार से जुड़े हुए व्यापारी को गिरफ्तार कर लिया है. एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने भी कहा है कि सभी सामग्री को कब्जे में लेने के बाद सोने से जुड़ी बीआईएस संस्था के द्वारा जांच पड़ताल के उपरांत आरोपी के खिलाफ जो भी मामला बनेगा, उसके अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सर्राफा व्यापारियों का आरोप है कि एक जौहरी ने 6 माह पहले घंटाघर में पार्किंग स्थल के पास दुकान खोली थी. यह गांव और कस्बों में व्यापारियों को थोक व फुटकर में सस्ते दर पर गहने बेच रहा था. यह जो सोने का गहना बेचता था उसमें केवल 7 से 10% ही सोना होता जबकि मानक 75% का है. यह मेरठ और हापुड़ से यहां सोना लाकर उसे कारीगरों के माध्यम से जेवरात बनाकर, शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में बेचने का कार्य करता था. गुणवत्ता को लेकर अगर कोई दुकानदार या ग्राहक शिकायत लेकर आता तो, हाल मार्किंग का संकट दिखाकर उसे चुप करा देता था, जबकि गहने पर हाल मार्क अनिवार्य कर दी गई है. यह इसकी सुविधा नहीं देता था. इसकी दुकान पर छापेमारी सर्राफा मंडल के अध्यक्ष गणेश वर्मा के नेतृत्व में की गई.
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