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गोरखपुर: झोला छाप डॉक्टर कर रहा मरीजों का इलाज

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक झोला छाप डॉक्टर का खुलासा हुआ है. डॉक्टर के पास कोई मानक डिग्री न होने के बावजूद भी मरीजों का ऑपरेशन तक कर देते हैं.

झोला छाप डॉक्टर का हुआ खुलासा.
झोला छाप डॉक्टर का हुआ खुलासा.
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Published : Jan 4, 2020, 12:38 PM IST

गोरखपुर: डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन कुछ ऐसे भी तथाकथित डॉ. है जो कभी-कभी शैतान बन जाते हैं. निजी अस्पताल के डॉक्टर, जिनका जाल चौरी-चौरा क्षेत्र में बुरी तरह फैला हुआ है. ऐसे डॉ. बुखार से लेकर सभी मर्ज का इलाज करने से नहीं चूकते जबकि इनके पास कोई मानक डिग्री भी नहीं होती.

कुछ ऐसा ही बुधवार को माई धिया चौराहे पर एक झोलाछाप डॉक्टर देखने को मिला. एक ईंट भट्ठे पर काम करने वाले शख्स को ठंड लगने पर झोलाछाप डॉक्टर कोई दवा देने के बजाय उसको ऑक्सीजन देने लगा.

झोला छाप डॉक्टर का हुआ खुलासा.

झोला छाप डॉक्टक का खुलासा

  • जिले के चौरा-चौरी क्षेत्र में एक झोला छाप डॉक्टर का खुलासा हुआ है.
  • एक मजदूर को बुखार होने पर उसको दवा दिए बगैर मुंह में ऑक्सीजन लगा दिया.
  • स्थानीय लोगो का कहना है कि इनपर स्वास्थ्य टीम द्वारा शिकंजा नहीं कसने के कारण इनका मनोबल बढ़ता जाता है.
  • मरीजों का बुखार तक तो ठीक है, लेकिन पैसे के लिए ये बड़े-बड़े ऑपरेशन तक करने से पीछे नहीं हटते.
  • पिछले दिनों जिले की स्वास्थ्य विभाग की एक टीम क्षेत्र का दौरा किया.
  • टीम ने केवल एक्स-रे सेंटरों के अलावा कुछ निजी अस्पताल का निरीक्षण कर लौट गई.
  • विभाग की टीम ने मानक के विपरीत चलने वाले इन अस्पतालों पर कार्रवाई नहीं की है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्रीकांत तिवारी का कहना है कि वर्तमान समय मे जिले में हमारी चार टीम बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अस्पतालों की जांच के लिए गोपनीय तरीके से लगाई गई है. लगातार छापेमारी की जा रही है. ऐसे किसी भी अस्पताल पर हम जरूर कार्रवाई करेंगे.

इसे भी पढ़ें:- गोरखपुरः बैंक में चोरी की घटना का खुलासा, सफाईकर्मी और उसके दो रिश्तेदारों गिरफ्तार

गोरखपुर: डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन कुछ ऐसे भी तथाकथित डॉ. है जो कभी-कभी शैतान बन जाते हैं. निजी अस्पताल के डॉक्टर, जिनका जाल चौरी-चौरा क्षेत्र में बुरी तरह फैला हुआ है. ऐसे डॉ. बुखार से लेकर सभी मर्ज का इलाज करने से नहीं चूकते जबकि इनके पास कोई मानक डिग्री भी नहीं होती.

कुछ ऐसा ही बुधवार को माई धिया चौराहे पर एक झोलाछाप डॉक्टर देखने को मिला. एक ईंट भट्ठे पर काम करने वाले शख्स को ठंड लगने पर झोलाछाप डॉक्टर कोई दवा देने के बजाय उसको ऑक्सीजन देने लगा.

झोला छाप डॉक्टर का हुआ खुलासा.

झोला छाप डॉक्टक का खुलासा

  • जिले के चौरा-चौरी क्षेत्र में एक झोला छाप डॉक्टर का खुलासा हुआ है.
  • एक मजदूर को बुखार होने पर उसको दवा दिए बगैर मुंह में ऑक्सीजन लगा दिया.
  • स्थानीय लोगो का कहना है कि इनपर स्वास्थ्य टीम द्वारा शिकंजा नहीं कसने के कारण इनका मनोबल बढ़ता जाता है.
  • मरीजों का बुखार तक तो ठीक है, लेकिन पैसे के लिए ये बड़े-बड़े ऑपरेशन तक करने से पीछे नहीं हटते.
  • पिछले दिनों जिले की स्वास्थ्य विभाग की एक टीम क्षेत्र का दौरा किया.
  • टीम ने केवल एक्स-रे सेंटरों के अलावा कुछ निजी अस्पताल का निरीक्षण कर लौट गई.
  • विभाग की टीम ने मानक के विपरीत चलने वाले इन अस्पतालों पर कार्रवाई नहीं की है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्रीकांत तिवारी का कहना है कि वर्तमान समय मे जिले में हमारी चार टीम बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अस्पतालों की जांच के लिए गोपनीय तरीके से लगाई गई है. लगातार छापेमारी की जा रही है. ऐसे किसी भी अस्पताल पर हम जरूर कार्रवाई करेंगे.

इसे भी पढ़ें:- गोरखपुरः बैंक में चोरी की घटना का खुलासा, सफाईकर्मी और उसके दो रिश्तेदारों गिरफ्तार

Intro:
चौरी चौरा।डाक्टरो को भगवान का दर्जा दिया जाता है लेकिन कुछ ऐसे भी तथाकथित डॉ है जो कभी कभी शैतान बन जाते है ये डॉ है निजी अस्पताल के डॉक्टर,जिनका जाल चौरी चौरा क्षेत्र में बुरी तरह फैला है। ये कथित डॉ बुखार से लेकर सभी मर्ज का इलाज करने से नहीं चूकते।क्षेत्र के सभी चौराहों पर आपको कन्धे पर आला लेकर बैठेने वाले अनेक डॉ को देख सकते है।वैसे तो इनमें से अनेक लोगो के पास कोई मानक डिग्री नहीं है ।लेकिन कई वर्षों से हर मर्ज का इलाज करते चले आ रहे है।अब ये अलग बात है कि इनके इलाज से कितने बचे और कितने भगवान को प्यारे हो गए ।लेकिन इन्हें क्या ये तो अपनी दुकान में बाकायदा ग्लूकोस की सीसी दवा और ऑपरेशन का सामान रखे है ।वही गांव की भोली भाली जनता भी क्या करे झटपट दवा के चक्कर में वो भी इलाज कराने इनके वहाँ पहुच जाते है।कुछ ऐसा ही बुधवार को माई धिया चौराहे पर देखने को मिला जहाँ एक झोलाछाप डॉक्टर द्वारा किया गया।एक ईंट भट्ठे पर काम करने वाले शख्स को ठंडक लगने पर झोलाछाप डॉक्टर बिना कोई दवा देने के बजाय उसको आक्सीजन देने लगा।








Body:वहीँ स्थानीय लोगो का कहना है कि इनपर स्वास्थ्य टीम द्वारा शिकंजा नहीं कसने के कारण इनका मनोबल बढ़ता जाता है।बुखार तक तो ठीक है लेकिन पैसे के लिए ये बड़े बड़े आप्रेशन तक करने से गुरेज नहीं करते है।फिलहाल कई मेडिकल स्टोर्स भी  दवा देने के नाम पर हर मरीज का इलाज करते नजर आते है ।ऐसे में जरुरत इनपर शिकंजा कसने की जरूरत है।पिछले दिनों जिले की स्वास्थ्य विभाग की एक टीम क्षेत्र का दौरा किया है।लेकिन बिडम्बना की बात है कि टीम ने केवल एक्स रे सेंटरो के अलावा केवल कुछ निजी अस्पताल का निरीक्षण कर टीम लौट गई।विभाग की टीम ने मानक के विपरीत चलने वाले इन अस्पतालों पर कार्यवाही नही की।हालांकि टीम के सीनियर अधिकारी ने माना था कि बिना डिग्री के अस्पताल मिले है।केवल एक एक्स रे सेंटर को सीज किया गया है।


Conclusion:इस प्रकार क्षेत्र के लोगो के शिकायत के बाद टीम आती है और कुछ सेन्टर व अस्पताल का निरीक्षण कर चली जाती है।लेकिन क्षेत्र के चौराहों पर स्थित मानक के विपरीत चलने वाले स्थानों पर कार्यवाही नही हो पाती है।जिसके कारण कभी कभी मरीजो की जान चली जाती है।इस मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्रीकांत तिवारी का कहना है कि वर्तमान समय मे जिले में हमारी चार टीम बिना रजिस्ट्रेशन व मांकक चल रहे अस्पतालों की जांच के लिए गोपनीय तरीके से लगाई गई है।चौरी चौरा में भी हमारी टीम गई थी।लेकिन एक जगह कार्यवाही हुई।अन्य लोगो के खिलाफ जल्द ही कारवाही की जाएगी

बाइट--श्रीकांत तिवारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी


अरुण यादव ईटीवी भारत चौरी चौरा
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