गोरखपुर: डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन कुछ ऐसे भी तथाकथित डॉ. है जो कभी-कभी शैतान बन जाते हैं. निजी अस्पताल के डॉक्टर, जिनका जाल चौरी-चौरा क्षेत्र में बुरी तरह फैला हुआ है. ऐसे डॉ. बुखार से लेकर सभी मर्ज का इलाज करने से नहीं चूकते जबकि इनके पास कोई मानक डिग्री भी नहीं होती.
कुछ ऐसा ही बुधवार को माई धिया चौराहे पर एक झोलाछाप डॉक्टर देखने को मिला. एक ईंट भट्ठे पर काम करने वाले शख्स को ठंड लगने पर झोलाछाप डॉक्टर कोई दवा देने के बजाय उसको ऑक्सीजन देने लगा.
झोला छाप डॉक्टक का खुलासा
- जिले के चौरा-चौरी क्षेत्र में एक झोला छाप डॉक्टर का खुलासा हुआ है.
- एक मजदूर को बुखार होने पर उसको दवा दिए बगैर मुंह में ऑक्सीजन लगा दिया.
- स्थानीय लोगो का कहना है कि इनपर स्वास्थ्य टीम द्वारा शिकंजा नहीं कसने के कारण इनका मनोबल बढ़ता जाता है.
- मरीजों का बुखार तक तो ठीक है, लेकिन पैसे के लिए ये बड़े-बड़े ऑपरेशन तक करने से पीछे नहीं हटते.
- पिछले दिनों जिले की स्वास्थ्य विभाग की एक टीम क्षेत्र का दौरा किया.
- टीम ने केवल एक्स-रे सेंटरों के अलावा कुछ निजी अस्पताल का निरीक्षण कर लौट गई.
- विभाग की टीम ने मानक के विपरीत चलने वाले इन अस्पतालों पर कार्रवाई नहीं की है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्रीकांत तिवारी का कहना है कि वर्तमान समय मे जिले में हमारी चार टीम बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अस्पतालों की जांच के लिए गोपनीय तरीके से लगाई गई है. लगातार छापेमारी की जा रही है. ऐसे किसी भी अस्पताल पर हम जरूर कार्रवाई करेंगे.
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