ETV Bharat / state

योगी सरकार से नाराज कार्यमुक्त सिंचाई विभाग के कर्मचारी, कहाः कोर्ट के आदेश के बावजूद नहीं हो रही बहाली

सिंचाई और बाढ़ की आपदा से लोगों को बचाने में महती भूमिका निभाने वाले विभाग के 200 से ज्यादा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने प्रदेश की योगी सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाया है.

योगी सरकार से नाराज कार्यमुक्त सिंचाई विभाग के कर्मचारी
योगी सरकार से नाराज कार्यमुक्त सिंचाई विभाग के कर्मचारी
author img

By

Published : Dec 17, 2021, 7:33 PM IST

गोरखपुरः सिंचाई और बाढ़ की आपदा से लोगों को बचाने में अहम भूमिका निभाने वाले विभाग के दो सौ से ज्यादा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी (Daily Wage Workers) योगी सरकार से खफा हैं. उनका कहना है कि जो सरकार कोर्ट के आदेश को मानते हुए अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनवा रही है, वही सरकार उन कर्मचारियों की बहाली कोर्ट के आदेश पर नहीं कर रही. जबकि हाईकोर्ट ने कर्मचारियों की बहाली का आदेश साल 2003 में ही दे दिया था.

कर्मचारियों का कहना है कि उनके मामले की न तो समीक्षा हो रही है और न ही विभागीय अधिकारियों पर सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई हो रही है. जिसका नतीजा है कि हक की लड़ाई लड़ते-लड़ते दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी थक चुके हैं. पिछले 51 दिनों से गोरखपुर के मुख्य अभियंता कार्यालय पर यह कर्मचारी क्रमिक अनशन भी कर रहे हैं. फिर भी न तो विभाग के मुख्य अभियंता और न ही सीएम योगी को कुछ सुनाई दे रहा है. जबकि वह हर हफ्ते गोरखपुर दौरे पर पहुंचते हैं. कर्मचारियों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि उनकी समस्याओं से प्रदेश अध्यक्ष के माध्यम से सीएम योगी को अवगत भी करा चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.

योगी सरकार से नाराज कार्यमुक्त सिंचाई विभाग के कर्मचारी
मुख्य अभियंता गंडक के कार्यालय पर धरना दे रहे इन कर्मचारियों की संख्या करीब 250 है. सिंचाई विभाग में इनकी नियुक्ति 1983 में मेट, बेलदार, कामगार जैसे पदों पर हुई थी, जो बंधों का निरीक्षण करते हुए बाढ़ बचाव के लिए जरूरी कार्यों को किया करते थे. लेकिन साल 1990 में इन्हें अचानक ही सेवा मुक्त कर दिया गया. विभागीय पहल लगातार होती रही. इनके बीच के कर्मचारियों की मांग अधिकारी अनसुना करते रहे. वहीं इस बीच ऐसे ही पदों पर विभाग के कुछ अधिकारियों ने अपने चहेतों की भर्ती कर डाली. जिसकी जानकारी होने पर इन कर्मचारियों के संगठन ने मिलकर कोर्ट का शरण लिया और कोर्ट ने इनके हक में फैसला सुनाते हुए विभाग से पूछा कि आखिरकार इन कर्मचारियों को हटाते हुए किस आधार पर ऐसे ही पदों पर नियुक्ति की गई है. स्थिति स्पष्ट करें.
योगी सरकार से नाराज कार्यमुक्त सिंचाई विभाग के कर्मचारी
योगी सरकार से नाराज कार्यमुक्त सिंचाई विभाग के कर्मचारी

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अधिकारियों ने कोर्ट और सरकार दोनों को बरगलाया है. जिससे यह मामला लगातार ठंडे बस्ते में चला गया. लेकिन साल 2003 में उन्हें विभाग में समीक्षा के साथ तैनाती देने का निर्देश हुआ. जिसके आधार पर करीब 50 कर्मचारियों को नियुक्ति मिल गई और अभी 218 कर्मचारी नियुक्ति की बाट जोह रहे हैं. लेकिन हो कुछ भी नहीं रहा.

कुछ कर्मचारी इनमें ऐसे हैं जो अब रिटायरमेंट की स्थिति में आ चुके हैं. काफी बूढ़े भी हो चुके हैं. इस 30 सालों में उन्होंने अपने परिवार को विभिन्न उपायों से दो वक्त की रोटी देने का काम किया है. लेकिन जिस हक से वह वंचित हुए हैं, उसको पाने के लिए वह आज भी जद्दोजहद कर रहे हैं. इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो जटा- जूट बढ़ाकर यह प्रतिज्ञा कर बैठे हैं कि जब तक उनकी बहाली नहीं हो जाती वह अपना जटा- जूट कटवाएंगे नहीं.

इसे भी पढ़ें- प्रयागराज को भी इलेक्ट्रिक बसों की सौगात...जानिए इनकी खासियतें

ईटीवी भारत से बातचीत में कर्मचारी बेहद ही आक्रोशित नजर आए. उन्होंने कहा कि एसी कमरों में बैठे हुए अधिकारी उनके जैसे कमजोर कर्मचारियों पर विचार नहीं करते. लेकिन देर जितनी भी हो जाए. वह अपने इस हक की लड़ाई को हर हाल में जीत कर रहेंगे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

गोरखपुरः सिंचाई और बाढ़ की आपदा से लोगों को बचाने में अहम भूमिका निभाने वाले विभाग के दो सौ से ज्यादा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी (Daily Wage Workers) योगी सरकार से खफा हैं. उनका कहना है कि जो सरकार कोर्ट के आदेश को मानते हुए अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनवा रही है, वही सरकार उन कर्मचारियों की बहाली कोर्ट के आदेश पर नहीं कर रही. जबकि हाईकोर्ट ने कर्मचारियों की बहाली का आदेश साल 2003 में ही दे दिया था.

कर्मचारियों का कहना है कि उनके मामले की न तो समीक्षा हो रही है और न ही विभागीय अधिकारियों पर सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई हो रही है. जिसका नतीजा है कि हक की लड़ाई लड़ते-लड़ते दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी थक चुके हैं. पिछले 51 दिनों से गोरखपुर के मुख्य अभियंता कार्यालय पर यह कर्मचारी क्रमिक अनशन भी कर रहे हैं. फिर भी न तो विभाग के मुख्य अभियंता और न ही सीएम योगी को कुछ सुनाई दे रहा है. जबकि वह हर हफ्ते गोरखपुर दौरे पर पहुंचते हैं. कर्मचारियों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि उनकी समस्याओं से प्रदेश अध्यक्ष के माध्यम से सीएम योगी को अवगत भी करा चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.

योगी सरकार से नाराज कार्यमुक्त सिंचाई विभाग के कर्मचारी
मुख्य अभियंता गंडक के कार्यालय पर धरना दे रहे इन कर्मचारियों की संख्या करीब 250 है. सिंचाई विभाग में इनकी नियुक्ति 1983 में मेट, बेलदार, कामगार जैसे पदों पर हुई थी, जो बंधों का निरीक्षण करते हुए बाढ़ बचाव के लिए जरूरी कार्यों को किया करते थे. लेकिन साल 1990 में इन्हें अचानक ही सेवा मुक्त कर दिया गया. विभागीय पहल लगातार होती रही. इनके बीच के कर्मचारियों की मांग अधिकारी अनसुना करते रहे. वहीं इस बीच ऐसे ही पदों पर विभाग के कुछ अधिकारियों ने अपने चहेतों की भर्ती कर डाली. जिसकी जानकारी होने पर इन कर्मचारियों के संगठन ने मिलकर कोर्ट का शरण लिया और कोर्ट ने इनके हक में फैसला सुनाते हुए विभाग से पूछा कि आखिरकार इन कर्मचारियों को हटाते हुए किस आधार पर ऐसे ही पदों पर नियुक्ति की गई है. स्थिति स्पष्ट करें.
योगी सरकार से नाराज कार्यमुक्त सिंचाई विभाग के कर्मचारी
योगी सरकार से नाराज कार्यमुक्त सिंचाई विभाग के कर्मचारी

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अधिकारियों ने कोर्ट और सरकार दोनों को बरगलाया है. जिससे यह मामला लगातार ठंडे बस्ते में चला गया. लेकिन साल 2003 में उन्हें विभाग में समीक्षा के साथ तैनाती देने का निर्देश हुआ. जिसके आधार पर करीब 50 कर्मचारियों को नियुक्ति मिल गई और अभी 218 कर्मचारी नियुक्ति की बाट जोह रहे हैं. लेकिन हो कुछ भी नहीं रहा.

कुछ कर्मचारी इनमें ऐसे हैं जो अब रिटायरमेंट की स्थिति में आ चुके हैं. काफी बूढ़े भी हो चुके हैं. इस 30 सालों में उन्होंने अपने परिवार को विभिन्न उपायों से दो वक्त की रोटी देने का काम किया है. लेकिन जिस हक से वह वंचित हुए हैं, उसको पाने के लिए वह आज भी जद्दोजहद कर रहे हैं. इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो जटा- जूट बढ़ाकर यह प्रतिज्ञा कर बैठे हैं कि जब तक उनकी बहाली नहीं हो जाती वह अपना जटा- जूट कटवाएंगे नहीं.

इसे भी पढ़ें- प्रयागराज को भी इलेक्ट्रिक बसों की सौगात...जानिए इनकी खासियतें

ईटीवी भारत से बातचीत में कर्मचारी बेहद ही आक्रोशित नजर आए. उन्होंने कहा कि एसी कमरों में बैठे हुए अधिकारी उनके जैसे कमजोर कर्मचारियों पर विचार नहीं करते. लेकिन देर जितनी भी हो जाए. वह अपने इस हक की लड़ाई को हर हाल में जीत कर रहेंगे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.