गोरखपुर: भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और माइटी सचिव के. श्रीकृष्ण सोमवार को गोरखपुर पहुंचे. इस दौरान नाईलेट (NILET meeting in Gorakhpur) के ऑल इंडिया से विभिन्न प्रांतों से आए हुए डायरेक्टर के साथ उन्होंने मीटिंग की. इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि तकनीकी के क्षेत्र में नाइलेट देश को योग्य और बेहतर युवाओं की टीम उपलब्ध कराने में अपनी बड़ी भूमिका अदा कर रहा है.
युवाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण: के श्रीकृष्ण ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट के उत्पादन और भविष्य की जरूरत को पूरा करने में भारत लगातार मजबूती से अपना कदम आगे बढ़ा रहा है. चीन पर कुछ मामलों में निर्भरता अब एकदम खत्म हो चुकी है. यही वजह है कि देश के अंदर बनाए जाने वाले विभिन्न कंपनियों के मोबाइल फोन समेत तमाम इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का निर्यात कई देशों को किया जा रहा है. सेमीकंडक्टर निर्माण से लेकर हार्डवेयर के क्षेत्र में भी भारत की इलेक्ट्रॉनिक तकनीक तेजी के साथ आगे बढ़ रही है. इंजीनियर इस क्षेत्र में जहां कार्य कर रहे हैं, वहीं भविष्य की जरूरत को पूरा करने के लिए नाइलेट जैसी संस्था के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें इसके लिए तैयार किया जा रहा है.
8 लाख युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान: के. श्रीकृष्ण ने कहा कि प्रतिवर्ष करीब 8 लाख युवाओं को नाइलेट (National Institute of Electronics and Information Technology) प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है. जिसके माध्यम से वह तकनीकी के क्षेत्र में जहां दक्ष हो रहे हैं, वहीं उन्हें रोजगार के भी बड़े अवसर उपलब्ध हो रहे हैं. चाहे वह सरकारी क्षेत्र हो या फिर निजी क्षेत्र. उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में ऐसे युवाओं को बड़ा अवसर मिल रहा है. इसलिए पूर्वांचल के साथ पूर्वोत्तर में इसके विस्तार पर सरकार का बड़ा ध्यान है. गोरखपुर में देश स्तरीय आज की हुई मीटिंग इसी बात का प्रमाण है. जिसमें मिजोरम से लेकर कश्मीर, शिमला से लेकर कटक, जयपुर से लेकर दिल्ली तक के डायरेक्टर मीटिंग के लिए पहुंचे हुए थे. युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण कैसे दिया जा सके और किन-किन विश्वविद्यालयों से एमओयू साइन करके इस अभियान को आगे बढ़ाया जा सके इस पर चर्चा की गई है.
गोरखपुर में नाइलेट की राष्ट्रीय स्तर मीटिंग: के. श्रीकृष्ण ने कहा कि अभी भी तमाम ऐसे कम्पोनेंट्स हैं, जिसको इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों के निर्माण में आयात करना पड़ता है. यह हाल सिर्फ भारत का नहीं है, चाइना और कई अन्य देश भी इससे जूझते हैं. चाइना की भी कुछ चीजों में निर्भरता बीस से 50 प्रतिशत की है. जिसे उसे दूसरे देशों से लेना पड़ता है. भारत भी अब ऐसी स्थिति में आ चुका है. उन्होंने कहा कि देश में यही वजह है कि नाइलेट (NIELIT) जैसी संस्था इलेक्ट्रॉनिक्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पूर्वोत्तर के राज्यों में ऐसे युवाओं को जोड़ने का प्रयास चल रहा है. उन्होंने कहा कि यह गोरखपुर के लिए बड़ी उपलब्धि है कि नाइलेट की राष्ट्रीय स्तर की मीटिंग यहां हुई है.
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