गोरखपुर: यदि आपके घर पर मीटर रीडर नहीं आता है और बिजली का बिल जमा न होने से आप परेशान रहते हैं, तो आप खुद ही छोटे से प्रयास से इस समस्या से निजात पा सकते हैं. बस आपको यूपीपीसीएल कंज्यूमर एप अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करना होगा. इससे आप बिजली का बिल बना सकेंगे. यही नहीं बिल बनाने के साथ ही ऑनलाइन पेमेंट भी कर सकेंगे. बिजली निगम ने यह सुविधा बिल जनरेट करने को लेकर आ रही दिक्कत को देखते हुए की है. गोरखपुर जोन में बिजली निगम के करीब 23 लाख उपभोक्ता हैं, जो इस एप से जुड़कर बिल बनवाने और जमा करने दोनों समस्या का निदान अपने हाथों से कर सकते हैं. यह कहना हैं इंजीनियर लोकेंद्र बहादुर सिंह का.
उनका कहना है कि बिजली का बिल बनाने के लिए कंस्यूमर को सबसे पहले यूपीपीसीएल कंजूमर एप डाउनलोड करना होगा. बिल बनाने के लिए साइन इन करें. फिर जिले का नाम दर्ज करें. जिले का नाम दर्ज होते ही डिस्काम का नाम अपने आप ही दर्ज हो जाएगा. जब आप इसे सत्यापित करेंगे तो स्क्रीन पर स्वयं बिल बनाने का ऑप्शन आएगा. इस पर क्लिक करने पर कनेक्शन से जुड़ा हुआ पूरा ब्योरा आ जाएगा. सबसे नीचे योग्यता जांचे पर क्लिक करें और यहां सूचना को दर्ज करें. यदि आपका बिल पहले बन चुका है तो इसकी जानकारी दी जाएगी. और यदि बिल नहीं बना है तो सूचना के आधार पर बिल बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी. इसके माध्यम से आप खुद बिल बना लेंगे और ऑनलाइन पेमेंट की रसीद भी ले लेंगे.
उन्होंने बताया कि अगर आप अपने कनेक्शन की क्षमता बढ़ाना चाहते हैं तो भी इसके माध्यम से संभव है. निफ्ट और आरटीजीएस की जानकारी भी इससे ले सकते हैं. बिल और पेमेंट की पूरी जानकारी लें. साथ ही पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं. इसकी जानकारी आपको वाट्सएप पर भी मिलेगी. इस संबंध में एसई लोकेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि पावर कॉरपोरेशन की तरफ से कंज्यूमर्स को यह सुविधा दी जा रही है, जिससे बिल को लेकर मीटर रीडर की राह न देखनी पड़े. साथ ही समय पर बिजली का बिल और पेमेंट हो सके.
वहीं अधिशासी अभियंता अतुल रघुवंशी ने कहा है कि बिल बनाने से लेकर बिजली बिल को जमा करने तक में भी बड़ी दिक्कत आ रही है. मीटर रीडर से लेकर क्षेत्र के अवर अभियंता और लाइनमैन अपना टारगेट पूरा नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में तमाम उपभोक्ता जो बिल जमा करना चाहते हैं, उनका भी बिल नहीं जमा हो रहा. जो ऐसा नहीं कर रहे हैं, वह बड़े बकाएदार भी बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए अभियान चलाना जरूरी हो गया है. 10000 से लेकर एक लाख तक के बकाएदारों को विभाग ने चिह्नित किया है. इनके खिलाफ दीपावली के बाद अभियान चलेगा. बिल भी बनाए जाएंगे और बकाए की वसूली भी होगी. सरकारी विभागों के बकाए के लिए सेंट्रलाइज सिस्टम बनाया गया है. सबका कोड निश्चित है. उनका सीधे सेटलमेंट शक्ति भवन से हो रहा है.
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