ETV Bharat / state

सिंधी समाज का चालीहा महोत्सव शुरू, जानिए पर्व से जुड़ी खास बातें - worship of jhulelal god

सिंधी समाज का चालीहा महोत्सव 16 जुलाई से शुरू हो गया है. चलिए जानते हैं इस पर्व का महत्व और इससे जुड़ीं खास बातें.

etv bharat
सिंधी समाज का चलिहो महोत्सव
author img

By

Published : Jul 16, 2022, 3:27 PM IST

गोरखपुर: सिंधी समाज का 40 दिनों तक चलने वाला चालीहा महोत्सव 16 जुलाई से शुरू हो गया. यह महोत्सव 25 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान सिंधी समाज आराध्य देव झूलेलाल का व्रत और पूजन करेगा. चलिए जानते हैं इस पर्व के बारे में.


झूलेलाल भगवान के मंदिर के पुजारी संत रविदास ने बताया कि चालिहा महोत्सव का संबंध भगवान झूलेलाल के प्रकट होने से है. सिंधु प्रांत में आज से करीब एक हजार वर्ष पहले मिरख बादशाह के अत्याचारों से तंग आकर श्रद्धालुओं ने सिंधु नदी के किनारे 40 दिनों तक भगवान वरुण की प्रार्थना की थी. इस दौरान नदी से ही एक विशिष्ट बालक के अवतरित होने की आकाशवाणी हुई थी और चालीसवें दिन भगवान वरुण प्रकट हुए थे. इन्होंने आगे चलकर एक नए स्वरूप मे मिरख बादशाह के अत्याचार को नष्ट किया था और अपने अनुयायियों को खुशहाली प्रदान की थी. श्रद्धालुओं की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान वरुण देवता मछली पर सवार होकर सिंधु नदी में प्रकट हुए थे.

चालीहा महोत्सव को लेकर संत रविदास ने दी यह जानकारी.

इसे भी पढ़े-निर्जला एकादशी की तिथि को लेकर असमंजस, जानें क्या है व्रत का उत्तम दिन और समय

इस दौरान वरुण देवता ने कहा कि चिंता न करो मैं बहुत जल्द रतन राय के घर जन्म लूंगा और तुम्हारे दुखों का अंत करूंगा. सन 991 में सिंध प्रांत के नसरपुर नगर में रतन राय के घर चैत्र शुक्ल तृतीया को एक बालक का जन्म हुआ इसीलिए उन्हें चेटी चंद यानी कि चैत्र का चांद भी कहा जाता है. उनका नाम उदय चंद रखा गया. बड़े होने पर वह घोड़े पर सवार होकर मिरख बादशाह के पास गए. उसे समझाया लेकिन, फौज और धन के घमंड में वह नहीं समझा. अंततः उदय चंद ने उसका वध कर दिया, जिससे सिंधी समाज के लोगों की सारी पीड़ा दूर हो गई.

इसी उपलक्ष्य में सिंधी समाज 16 जुलाई से 24 अगस्त तक चालीहा महोत्सव मनाता है. इस दौरान श्रद्धालु पूजा, प्रार्थना से आत्मशुद्धि का प्रयास करते हैं. 41वें दिन यानी कि 25 अगस्त को धूमधाम से झूलेलाल महोत्सव मनाया जाएगा. इस दौरान कई झांकियां भी निकलेंगी. वैसे तो इसे अक्सर गोरखपुर में बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ अगुवाई देकर आगे बढ़ाते रहे हैं. मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होंने इस महोत्सव को अपना साथ दिया है. एक बार फिर आज यानी 16 जुलाई से यह महोत्सव शुरू हो रहा है. इसमें भव्यता और समर्पण का बड़ा समागम देखने को मिलेगा. इस महोत्सव के दौरान सिंधी समाज के लोग 16 से 25 अगस्त तक 9 दिन का उपवास भी रखेंगे.


ऐसी ही जरुरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत

गोरखपुर: सिंधी समाज का 40 दिनों तक चलने वाला चालीहा महोत्सव 16 जुलाई से शुरू हो गया. यह महोत्सव 25 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान सिंधी समाज आराध्य देव झूलेलाल का व्रत और पूजन करेगा. चलिए जानते हैं इस पर्व के बारे में.


झूलेलाल भगवान के मंदिर के पुजारी संत रविदास ने बताया कि चालिहा महोत्सव का संबंध भगवान झूलेलाल के प्रकट होने से है. सिंधु प्रांत में आज से करीब एक हजार वर्ष पहले मिरख बादशाह के अत्याचारों से तंग आकर श्रद्धालुओं ने सिंधु नदी के किनारे 40 दिनों तक भगवान वरुण की प्रार्थना की थी. इस दौरान नदी से ही एक विशिष्ट बालक के अवतरित होने की आकाशवाणी हुई थी और चालीसवें दिन भगवान वरुण प्रकट हुए थे. इन्होंने आगे चलकर एक नए स्वरूप मे मिरख बादशाह के अत्याचार को नष्ट किया था और अपने अनुयायियों को खुशहाली प्रदान की थी. श्रद्धालुओं की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान वरुण देवता मछली पर सवार होकर सिंधु नदी में प्रकट हुए थे.

चालीहा महोत्सव को लेकर संत रविदास ने दी यह जानकारी.

इसे भी पढ़े-निर्जला एकादशी की तिथि को लेकर असमंजस, जानें क्या है व्रत का उत्तम दिन और समय

इस दौरान वरुण देवता ने कहा कि चिंता न करो मैं बहुत जल्द रतन राय के घर जन्म लूंगा और तुम्हारे दुखों का अंत करूंगा. सन 991 में सिंध प्रांत के नसरपुर नगर में रतन राय के घर चैत्र शुक्ल तृतीया को एक बालक का जन्म हुआ इसीलिए उन्हें चेटी चंद यानी कि चैत्र का चांद भी कहा जाता है. उनका नाम उदय चंद रखा गया. बड़े होने पर वह घोड़े पर सवार होकर मिरख बादशाह के पास गए. उसे समझाया लेकिन, फौज और धन के घमंड में वह नहीं समझा. अंततः उदय चंद ने उसका वध कर दिया, जिससे सिंधी समाज के लोगों की सारी पीड़ा दूर हो गई.

इसी उपलक्ष्य में सिंधी समाज 16 जुलाई से 24 अगस्त तक चालीहा महोत्सव मनाता है. इस दौरान श्रद्धालु पूजा, प्रार्थना से आत्मशुद्धि का प्रयास करते हैं. 41वें दिन यानी कि 25 अगस्त को धूमधाम से झूलेलाल महोत्सव मनाया जाएगा. इस दौरान कई झांकियां भी निकलेंगी. वैसे तो इसे अक्सर गोरखपुर में बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ अगुवाई देकर आगे बढ़ाते रहे हैं. मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होंने इस महोत्सव को अपना साथ दिया है. एक बार फिर आज यानी 16 जुलाई से यह महोत्सव शुरू हो रहा है. इसमें भव्यता और समर्पण का बड़ा समागम देखने को मिलेगा. इस महोत्सव के दौरान सिंधी समाज के लोग 16 से 25 अगस्त तक 9 दिन का उपवास भी रखेंगे.


ऐसी ही जरुरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.