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चौरी चौरा में बुजुर्ग की ठंड से मौत, 65 वर्ष की पत्नी ने दी मुखाग्नि

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Published : Jan 2, 2022, 11:48 AM IST

गोरखपुर के चौरी चौरा तहसील क्षेत्र में सड़क किनारे प्लास्टिक डालकर रह रहे एक बुजुर्ग व्यक्ति की ठंड से मौत होने का मामला सामने आया है. बुजुर्ग की मौत के बाद पत्नी ने प्रसपा नेता व समाजसेवी अम्बरीश यादव के समर्थकों के सहयोग से बुजुर्ग पति का अंतिम संस्कर किया.

चौरी चौरा में बुजुर्ग की ठंड से मौत
चौरी चौरा में बुजुर्ग की ठंड से मौत

गोरखपुर: गोरखपुर के चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के छितहरी गांव के बाहर सड़क पर पिछले कई माह से 70 वर्षीय बुजुर्ग बैजनाथ अपनी पत्नी के साथ प्लास्टिक डालकर रह रहे थे. उन्होंने ब्रह्मपुर ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों से सरकारी सुविधाओं की मांग की थी. लेकिन बेपरवाह जिम्मेदारों ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया और आखिरकार आवास की आस में बुजुर्ग बैजनाथ ने दम तोड़ दिया. वहीं, बुजुर्ग की मौत के बाद उनकी पत्नी बेसहारा हो गई है.

बता दें कि छितहरी गांव चौरी चौरा तहसील के सीमावर्ती इलाके में पड़ता है. इसलिए शायद यहां सरकारी मुलाजिमों के दावे और सरकार की योजनाओं की पहुंच संभव नहीं हो पा रही है या फिर यूं कहे कि अधिकारियों की लापरवाही अपने चरम पर है. इधर, गांव की सीमा में प्रवेश करते ही बैजनाथ की पत्नी इस समय भी ठंड में सड़क के किनारे बनी अस्थायी आशियाना में दुबकी बैठी है कि उसका सहारा कौन बनेगा. हालांकि समाजसेवी अम्बरीश यादव ने उससे मुलाकात कर उसको हर सभंव मदद का भरोसा दिलाया है.

चौरी चौरा में बुजुर्ग की ठंड से मौत
चौरी चौरा में बुजुर्ग की ठंड से मौत

इसे भी पढ़ें - अस्पताल में बीमारी से जूझ रही मां की सेवा में जुटी सात साल की बच्ची, बोली-डॉक्टर बनूंगी...

छितहरी गांव के रहने वाले कुछ युवाओं ने बताया है कि फूलमती अपने पति बैजनाथ के साथ कई वर्षों से इस गांव में रहती है. इनके पति की तबीयत खराब होने पर इनकी जमीन को बिक गई. फूलमती ने सोचा था कि अपने पति के सहारे जीवन गुजार लेंगी. इसी बीच रसोईया की गांव में नौकरी कर ली. लेकिन गांव के जालिमों ने फूलमती को प्राथमिक विद्यालय की रसोईया की नौकरी से हटवा दिया.

बरसात और बाढ़ के दिनों में सांप-बिच्छू के खतरे से बचने के लिए फूलमती को आवास दिलाने के लिए युवाओं ने ब्रह्मपुर ब्लॉक के अधिकारी से गुहार लगाई, लेकिन लापरवाह अधिकारी ने उनकी एक न सुनी. अब फूलमती पति बैजनाथ गौड़ की मौत के बाद बेसहारा हो गई है.

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गोरखपुर: गोरखपुर के चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के छितहरी गांव के बाहर सड़क पर पिछले कई माह से 70 वर्षीय बुजुर्ग बैजनाथ अपनी पत्नी के साथ प्लास्टिक डालकर रह रहे थे. उन्होंने ब्रह्मपुर ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों से सरकारी सुविधाओं की मांग की थी. लेकिन बेपरवाह जिम्मेदारों ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया और आखिरकार आवास की आस में बुजुर्ग बैजनाथ ने दम तोड़ दिया. वहीं, बुजुर्ग की मौत के बाद उनकी पत्नी बेसहारा हो गई है.

बता दें कि छितहरी गांव चौरी चौरा तहसील के सीमावर्ती इलाके में पड़ता है. इसलिए शायद यहां सरकारी मुलाजिमों के दावे और सरकार की योजनाओं की पहुंच संभव नहीं हो पा रही है या फिर यूं कहे कि अधिकारियों की लापरवाही अपने चरम पर है. इधर, गांव की सीमा में प्रवेश करते ही बैजनाथ की पत्नी इस समय भी ठंड में सड़क के किनारे बनी अस्थायी आशियाना में दुबकी बैठी है कि उसका सहारा कौन बनेगा. हालांकि समाजसेवी अम्बरीश यादव ने उससे मुलाकात कर उसको हर सभंव मदद का भरोसा दिलाया है.

चौरी चौरा में बुजुर्ग की ठंड से मौत
चौरी चौरा में बुजुर्ग की ठंड से मौत

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छितहरी गांव के रहने वाले कुछ युवाओं ने बताया है कि फूलमती अपने पति बैजनाथ के साथ कई वर्षों से इस गांव में रहती है. इनके पति की तबीयत खराब होने पर इनकी जमीन को बिक गई. फूलमती ने सोचा था कि अपने पति के सहारे जीवन गुजार लेंगी. इसी बीच रसोईया की गांव में नौकरी कर ली. लेकिन गांव के जालिमों ने फूलमती को प्राथमिक विद्यालय की रसोईया की नौकरी से हटवा दिया.

बरसात और बाढ़ के दिनों में सांप-बिच्छू के खतरे से बचने के लिए फूलमती को आवास दिलाने के लिए युवाओं ने ब्रह्मपुर ब्लॉक के अधिकारी से गुहार लगाई, लेकिन लापरवाह अधिकारी ने उनकी एक न सुनी. अब फूलमती पति बैजनाथ गौड़ की मौत के बाद बेसहारा हो गई है.

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