गोरखपुरः माह-ए-रमजान पर भी लॉकडाउन का असर साफ देखा जा रहा है. रमजान का आज 27 वां रोजा रखा गया है. पवित्र रमजान माह समाप्त होने के बाद ईद-उल-फितर का पर्व बड़े ही अदब से मनाया जाता है. कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के कारण बाजारों से सेवइयां गायब हैं.
जिले के भटहट ब्लाक के अराजी चिलविलवां गांव में ईद के मौके पर बिकने वाली सेवइयों को गिने चुने परिवार ही बनाते थे. इस वर्ष महज दो लोग ही सेवइयों का उत्पादन कर रहे है. वहीं स्थानीय नागरिक ऊलफत ने बताया की सेवई से परिवार की रोजी-रोटी जुड़ी है. लॉकडाउन की वजह से सेवइयों की खपत कम हो गई है. परिवार के सदस्यों के साथ थोड़ी बहुत सेवइयां तैयार की जा रही है. ताकि लोगों की जरूरतों के साथ-साथ परिवार की जीविका के लिये व्यवस्था हो जाये.
लॉकडाउन का असर सेवई कारोबारियों पर भी पड़ा है. जो कारोबारी एक महीने में अच्छी खासी कमाई कर लेते थे आज उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया. त्योहार में सबके लिए सेवई खास होती है. ईद की तैयारियों को लेकर छोटे-बड़े बाजार गुलजार हुआ करते थे, जिसमें सेवइयों का बाजार गुलजार रहता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण सेवइयों की मांग घट गई है.