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गोरखपुर: ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा को घरों में स्थापित करेंगे भक्त

गोरखपुर जिले में श्री गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा की स्थापना की जाएगी. कोरोना महामारी के मद्देनजर सार्वजनिक स्थानों पर गणेश प्रतिमा की स्थापना पर पाबंदी लगी है. इसके बाद लोग अपने घरों में ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा की स्थापना कर रहे हैं.

घरों में स्थापित होंगे गणपति
घरों में स्थापित होंगे गणपति.
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Published : Aug 23, 2020, 8:07 PM IST

गोरखपुर: श्री गणेश चतुर्थी व्रत का पर्व भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी शनिवार को मनाया जा रहा है. इस दिन घर-घर में गजानन के प्रतिमा की स्थापना की जाती है. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से इस बार सामाजिक कार्यक्रम बड़े स्तर पर नहीं होंगे. ऐसे में भक्तों ने घरों में स्थापित करने के लिए छोटी-छोटी इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का बड़े पैमाने पर ऑर्डर मूर्तिकारों को दिया था. मूर्तिकार भी भगवान गणेश की इको फ्रेंडली प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं.

घरों में स्थापित होंगे गणपति.
इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा की स्थापनाहर प्रकार की पूजा में प्रथम पूज्य श्री गणेश का आह्वान और पूजन किया जाता है. शुभ कार्य में भी इनकी संस्तुति का अत्यंत महत्व है. भगवान गणेश भक्तों की समस्याओं को दूर करने वाले विघ्न विधाता कहे जाते हैं. हालांकि कोरोना महामारी के कारण प्रतिमा स्थापना पर रोक लगी, तो मूर्तिकारों ने प्रतिमा का आकार छोटा कर उसे घर-घर पहुंचाने की ठान लिया. गत वर्ष तक समितियों के लिए आठ से 10 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार इस बार एक से डेढ़ फीट की प्रतिभा बना रहे हैं, ताकि घरों में गणपति विराजमान हो सकें.
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मूर्ति को अंतिम रूप देते मूर्तिकार.
गणेश की छोटी प्रतिमाओं का निर्माणशहर के प्रसिद्ध मूर्तिकार व विश्वविद्यालय से फाइन आर्ट डिग्री धारी महेश वर्मा अपने छोटे से घर में लगभग 4 दर्जन से ज्यादा इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. पूर्वांचल में गणेश उत्सव विश्वकर्मा पूजा नवरात्र और दीपावली में सर्वाधिक स्थानों पर बहुतायत में पूजा पंडाल सजाए जाते हैं, इसलिए मूर्तियों की मांग भी खूब होती है. इसी आय से मूर्तिकारों के वर्षभर के जीवनयापन का खर्चा चलता है. इस बार चिंतित मूर्तिकारों को पीएम मोदी के आपदा को अवसर में बदलने की सलाह ने राह दिखाई और गणेश प्रतिमा का आकार छोटा कर कारोबार की बड़ी राह निकाली गई. छोटी प्रतिमा देख घरों से ऑर्डर मिलने लगे, जिससे इस कारोबार से जुड़े लोगों के चेहरों पर थोड़ी बहुत मुस्कान जरूर देखने को मिली.वहीं मूर्तिकार हर साल की तरह इस साल भी इको फ्रेंडली छोटी प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं, ताकि पर्यावरण के साथ ही लोग अपने घरों में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच सोशल डिस्टेंसिंग और तमाम सुरक्षा उपकरणों के साथ गणेश महोत्सव के पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मना सकें. गणेश प्रतिमाओं का निर्माण पूर्णत: दोमट मिट्टी से किया जा रहा है. साथ ही प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल कर इन्हें सजाया जा रहा है. कम लागत में अच्छी से अच्छी प्रतिमा को तैयार कर महेश वर्मा भक्तों को गणेश प्रतिमा देने की तैयारी में जुटे हुए हैं. भक्त भी बड़ी संख्या में छोटी प्रतिमाओं का ऑर्डर देकर अपने घरों में पूरे हर्षोल्लास के साथ गणेश महोत्सव का आयोजन करने की तैयारियों में जुट गए हैं.

गोरखपुर: श्री गणेश चतुर्थी व्रत का पर्व भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी शनिवार को मनाया जा रहा है. इस दिन घर-घर में गजानन के प्रतिमा की स्थापना की जाती है. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से इस बार सामाजिक कार्यक्रम बड़े स्तर पर नहीं होंगे. ऐसे में भक्तों ने घरों में स्थापित करने के लिए छोटी-छोटी इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का बड़े पैमाने पर ऑर्डर मूर्तिकारों को दिया था. मूर्तिकार भी भगवान गणेश की इको फ्रेंडली प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं.

घरों में स्थापित होंगे गणपति.
इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा की स्थापनाहर प्रकार की पूजा में प्रथम पूज्य श्री गणेश का आह्वान और पूजन किया जाता है. शुभ कार्य में भी इनकी संस्तुति का अत्यंत महत्व है. भगवान गणेश भक्तों की समस्याओं को दूर करने वाले विघ्न विधाता कहे जाते हैं. हालांकि कोरोना महामारी के कारण प्रतिमा स्थापना पर रोक लगी, तो मूर्तिकारों ने प्रतिमा का आकार छोटा कर उसे घर-घर पहुंचाने की ठान लिया. गत वर्ष तक समितियों के लिए आठ से 10 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार इस बार एक से डेढ़ फीट की प्रतिभा बना रहे हैं, ताकि घरों में गणपति विराजमान हो सकें.
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मूर्ति को अंतिम रूप देते मूर्तिकार.
गणेश की छोटी प्रतिमाओं का निर्माणशहर के प्रसिद्ध मूर्तिकार व विश्वविद्यालय से फाइन आर्ट डिग्री धारी महेश वर्मा अपने छोटे से घर में लगभग 4 दर्जन से ज्यादा इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. पूर्वांचल में गणेश उत्सव विश्वकर्मा पूजा नवरात्र और दीपावली में सर्वाधिक स्थानों पर बहुतायत में पूजा पंडाल सजाए जाते हैं, इसलिए मूर्तियों की मांग भी खूब होती है. इसी आय से मूर्तिकारों के वर्षभर के जीवनयापन का खर्चा चलता है. इस बार चिंतित मूर्तिकारों को पीएम मोदी के आपदा को अवसर में बदलने की सलाह ने राह दिखाई और गणेश प्रतिमा का आकार छोटा कर कारोबार की बड़ी राह निकाली गई. छोटी प्रतिमा देख घरों से ऑर्डर मिलने लगे, जिससे इस कारोबार से जुड़े लोगों के चेहरों पर थोड़ी बहुत मुस्कान जरूर देखने को मिली.वहीं मूर्तिकार हर साल की तरह इस साल भी इको फ्रेंडली छोटी प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं, ताकि पर्यावरण के साथ ही लोग अपने घरों में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच सोशल डिस्टेंसिंग और तमाम सुरक्षा उपकरणों के साथ गणेश महोत्सव के पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मना सकें. गणेश प्रतिमाओं का निर्माण पूर्णत: दोमट मिट्टी से किया जा रहा है. साथ ही प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल कर इन्हें सजाया जा रहा है. कम लागत में अच्छी से अच्छी प्रतिमा को तैयार कर महेश वर्मा भक्तों को गणेश प्रतिमा देने की तैयारी में जुटे हुए हैं. भक्त भी बड़ी संख्या में छोटी प्रतिमाओं का ऑर्डर देकर अपने घरों में पूरे हर्षोल्लास के साथ गणेश महोत्सव का आयोजन करने की तैयारियों में जुट गए हैं.
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