गोरखपुर: विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अंतरराष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रवीण तोगड़िया बुधवार को गोरखपुर के प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान राम की होने जा रही प्राण प्रतिष्ठा सभी देशवासियों के लिए खुशी का पल है. इसके इंतजार में देश की 25 पीढ़ियां 500 वर्षों तक इंतजार करती रही. कार सेवकों का बलिदान सफल हुआ है. 22 जनवरी को देश के साढ़े चार सौ जिलों और एक लाख से ज्यादा गांव में आठ करोड़ दीप जलाकर अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद अपनी खुशी का इजहार करेगा.
डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि लंबे संघर्षों के बाद अयोध्या में भगवान प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होने जा रहा है. इस कार्यक्रम में उन्हें भी न्योता दिया गया है. लेकिन, वह रामभूमि के नायकों का अयोध्या में 24 जनवरी को तिलक लगाकर सम्मान करेंगे. वह ऐसे कार सेवकों को भारत रत्न सम्मान देने की मांग कर रहे है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी.
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तोगड़िया ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण में बहुत अधिक धनराशि खर्च हो रही है. इसमें वह भी धनराशि शामिल है, जो 8 करोड़ कार सेवकों और राम भक्तों ने सवा रुपये के रूप में दान दिया था. जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन के लिए आवाज बुलंद की, संघर्ष किया ऐसे लोगों को आज के अवसर पर भुलाया नहीं जा सकता. बुनियाद तैयार करने वाले नेता और कार्यकर्ता भगवान राम की अनन्य भक्त की शक्ति से ही, इस आंदोलन को राष्ट्रव्यापी बना पाए थे. 22 जनवरी से पहले उनका संगठन पदयात्रा और स्कूटर रैली के माध्यम से इस अभियान को ताकत देने में जुटा है. तोगड़िया ने कहा कि जैसे राम मंदिर बन गया, वैसे ही मथुरा काशी में भी भव्य मंदिर बनकर तैयार होगा. उन्होंने कहा की आधुनिक भारत में राम मंदिर के लिए आंदोलन की रूपरेखा वर्ष 1984 में दिल्ली के प्रथम धर्म संसद में तय हुई थी. इसमें तीर्थ स्थान मुक्ति यज्ञ समिति की भी रचना हुई थी, जिसका अध्यक्ष गोरक्ष पीठाधीस्वार बृम्हलीन महंत अवेद्यनाथ बनाये गये, जिन्होंने राम मन्दिर आंदोलन में अपनी अंतिम सांस तक संघर्ष किया.
डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि राम मंदिर आन्दोलन के लिए 8 करोड़ राम भक्त बिना बुलाये अयोध्या पहुंच गये थे. प्राण प्रतिष्ठा में सीमित लोगों को निमंत्रण मिला है. उन्हे भी बुलाया गया है लेकिन, उनकी इच्छा है कि अशोक सिंघल, विष्णु हरि डालमिया, महंत अवेद्यनाथ समेत जिन प्रमुख लोगों इसके लिए मुख्य भूमिका निभाई है, उन्हें भारत रत्न देकर सम्मानित करना चाहिए. उन्होंने योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि शांति के लिए जो जरूरी है वह कदम उठाया जाना चाहिए.
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