गोरखपुर: महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा संचालित महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज जंगल धूसड़ के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव को 'गुरु गोरक्षनाथ शिखर सम्मान-2019' के लिए नामित किया गया है. वह उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य संस्थान के सदस्य भी हैं. हिंदुस्तानी अकादमी का यह प्रतिष्ठित सम्मान डॉ. राव को उनकी पुस्तक 'गुरु गोरक्षनाथ एवं आदिकालीन साहित्य' के लिए दिया जाएगा. उनको यह सम्मान मिलने से पूरे पूर्वांचल का मान बढ़ा है. डॉ. राव को मिले इस सम्मान से महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति प्रोफेसर यूपी सिंह सहित पूरी इकाई में खुशी की लहर है. परिषद ने इसके लिए डॉ. राव को भी बधाई दी है.
डॉ. प्रदीप राव देवरिया जिले के ग्राम नगवा खास के मूल निवासी हैं. वह अब तक 12 पुस्तकों का लेखन और नौ पुस्तकों का संपादन कर चुके हैं. इसमें प्राचीन भारतीय मुद्राएं, प्राचीन भारतीय लिपि, क्षत्रिय राजवंश, प्राचीन भारतीय धर्मदर्शन, प्राचीन भारत के प्रमुख शासक आदि शोधपरक पुस्तकें शोधार्थियों के लिए बेहद उपयोगी रहीं हैं. डॉ. राव लंबे समय से अध्यापन के कार्य से जुड़े हुए हैं. उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ सहित कई महत्वपूर्ण साहित्यिक संस्थाओं के सदस्य भी हैं. वर्तमान में वह महायोगी गोरक्षनाथ शोध पीठ के अधिशासी समिति के सदस्य हैं. जो दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के देख-रेख में संचालित होता है.
इतिहास और संस्कृति के मर्मज्ञ डॉ. रॉव सम्मान के लिए नामित होने से आनंदित हैं. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार से उन्हें शोधपरक शैक्षिक कार्य करने का प्रोत्साहन मिला है.
उत्तर प्रदेश साहित्य संस्थान के सदस्य हैं डॉ. राव
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद गुरु गोरक्षनाथ मंदिर की तरफ से संचालित एक ऐसी संस्था है, जिसकी देख-रेख में करीब 50 से ज्यादा शैक्षिक संस्थाएं संचालित होती हैं. जिस महाविद्यालय में डॉ. राव प्राचार्य हैं, वह अभी यहीं से संचालित होती है.